जयपुर, 30 सितंबर 2022 : राजस्थान का मुख्यमंत्री बदलने और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर लगातार एक के बाद एक करके कांग्रेस के नेता बयान दे रहे हैं और काँग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के नए नए नाम सामने आ रहे है। इसके साथ ही कांग्रेस के अंदरूनी कलह भी जनता के सामने आती जा रही है।
मामले को लेकर बीजेपी के नेताओं के बयान भी सामने आ रहे हैं। विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया और राजेंद्र सिंह राठौड़ ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है।
सीएम गहलोत ने सोनिया गांधी के सामने रविवार के घटनाक्रम को लेकर माफी मांगी और खेद व्यक्त किया है।
इसे लेकर विपक्षी पार्टियां कांग्रेस पर तीखे प्रहार कर रही है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कांग्रेस के सियासी दंगल पर बयान देते हुए कहा कि जो पार्टी अपने ऊपर घमंड करती है उस पार्टी का नाटक पूरा देश देख रहा है। प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी तीखे प्रहार किए और कहा कि जिस प्रकार वह मीडिया में बयान जारी करते हैं कि मुझे पार्टी ने बहुत सम्मान दिया। वहीं दूसरी और वह पार्टी को नीचा दिखाने का भी काम कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दिए गए बयान एक व्यक्ति एक पद पद पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जो राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने वाले थे, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से अधिक प्रेम है। इस कारण उन्होंने कांग्रेस के आलाकमान को भी नीचा दिखाने का काम किया। इससे प्रतीत होता है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व कितना कमजोर है।
कटारिया ने आगे कहा, "कांग्रेस सरकार से बिखराव से अगर राजस्थान में मध्यावधि चुनाव होते हैं तो बीजेपी पूरी तरह से तैयार है। पार्टी ने पोलिंग बूथ तक अपने कार्यकर्ताओं की टीम तैयार कर रखी है। बीजेपी कार्यकर्ता के आधार पर चलने वाली पार्टी है और कार्यकर्ता के आधार पर चलने वाली पार्टी हर वक्त तैयार रहती है। सामने जो भी परिस्थिति आएगी उसका मुकाबला करेंगे।"
इस मामले को लेकर राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि, “राजस्थान की राजनीति में अस्थिरता का भयंकर दौर प्रारंभ हो गया। कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी जी से बैठक के बाद सीएम अशोक गहलोत जी का कहना कि ‘मुझे दु:ख है मैं सीएम होने के बाद भी कांग्रेस के प्रस्ताव को पास नहीं करा पाया’ और इस मामले में माफी मांगना उनकी अक्षमता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री जी अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे। प्रदेश में CM कौन होगा या कौन रहेगा, इसका फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया है जबकि पार्टी के 92 विधायकों ने अपना इस्तीफा देकर आलाकमान को ललकार रखा है। यह घटनाएं सिद्ध कर रही हैं कि कांग्रेस विघटन की ओर जा रही है।”