उदयपुर के बहुचर्चित कन्हैयालाल मर्डर केस में मंगलवार को NIA (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी) कोर्ट ने आरोपियों पर चार्ज तय कर दिए। एनआईए कोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तार सभी 9 आरोपियों पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का चार्ज फ्रेम किया है।
राजस्थान में उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में शामिल नौ आरोपियों पर मंगलवार को एनआईए (NIA) न्यायालय ने आरोप तय कर दिए हैं। आरोपितों पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने, हत्या करने, अन्य जाति-धर्म को अपमानित करने सहित षड्यंत्र में शामिल होने के आरोप तय किए गए हैं। नौ में से दो आरोपितों ने हत्या की थी, बाकी आरोपी षड्यंत्र में शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि कन्हैयालाल की हत्या मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने गला काटकर 28 जून, 2022 को की थी। इस मामले में एनआईए ने पाकिस्तान के कराची निवासी सलमान और अबू इब्राहीम को फरार बताते हुए मुख्य आरोपित गौस मोहम्मद व मोहम्मद रियाज के अतिरिक्त मोहसिन खान, आसिफ हुसैन, वसीम, इमरान, फरहाद शेख, जावेद एवं मुस्लिम खान के खिलाफ 22 दिसंबर, 2022 को चालान पेश किया था।
फरहाद पर षड्यंत्र में शामिल होने के आरोप तय
आरोपित फरहाद पर एनआईए (NIA) ने अपने आरोप-पत्र में केवल आर्म्स एक्ट की धारा ही लगाई थी, लेकिन न्यायालय ने उस पर भी आतंकी गतिविधियों और षड्यंत्र में शामिल होने के आरोप तय किए हैं। इस पर आरोपित के वकील अखिलेश चौधरी का कहना है कि वह इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे।
मामले में कुल 11 आरोपित माने गए थे
एनआईए की ओर से आरोप-पत्र पर बहस में कहा गया कि आरोपितों ने वाट्सएप पर ग्रुप बनाकर आपराधिक षड्यंत्र रचा था। धर्म के नाम पर कन्हैयालाल की हत्या की। आरोपितों के खिलाफ जांच से भी यह साबित होता है कि आपराधिक षड्यंत्र में सभी आरोपित शामिल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इस मामले में कुल 11 आरोपित माने गए थे, जिनमें दो पाकिस्तानी हैं।
इन धाराओं में आरोप किए गए तय
एनआईए न्यायालय में भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 302 (हत्या), 452 (अतिक्रमण), 153ए (धर्म आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य) सहित विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं।