जयपुर। जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार) ने बजट में मीडिया सेंटर, पत्रकारों को लैपटॉप-टेबलेट व डिजिटल मीडिया के अधिस्वीकरण की घोषणा के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए पत्रकारों की शेष रही प्रमुख मांगों हाउसिंग लोन, एजुकेशन लोन, प्रिंटिंग प्रेस लोन, सर्किट हाउस में पत्रकारों के ठहराव, लघु, मध्यम व मंझले मीडिया संस्थानों को रियायती दरों पर प्रिंटिंग प्रेस व कार्यालय के लिए भूखण्ड आवंटन आदि पर विचार करने का आग्रह किया है।
ज्ञापन में जार प्रदेशाध्यक्ष सुभाष शर्मा, प्रदेश महासचिव भाग सिंह, प्रदेश कोषाध्यक्ष लेशिष जैन ने पिछले चार सालों में मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा पत्रकार हितों के लिए किए गए अच्छे फैसलों को लेकर कहा कि इससे राजस्थान के पत्रकार समाज को राहत मिली है। चाहे वह वरिष्ठ पत्रकारों को पन्द्रह हजार रुपये की सम्मान निधि हो, कोरोना से प्रभावित परिवारों को पचास लाख रुपये की आर्थिक मदद, गैर अधिस्वीकृत पत्रकारों को मेडिकल डायरी सुविधा देना, पत्रकारों के बच्चों को प्री मैट्रिक व पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, असाध्य बीमारी से पीडित पत्रकारों को आर्थिक सहायता राशि बढ़ाने, लघु समाचार पत्रों का विज्ञापन कोटा बढ़ाने, डिजिटल पॉलिसी लागू करने आदि फैसलों से पत्रकार समाज लाभांवित हुआ है।
साथ ही, तीनों प्रदेश पदाधिकारियों ने ज्ञापन में पत्रकारों की अन्य महत्वपूर्ण मांगों पर भी ध्यान आकृष्ट कराते हुए कांग्रेस जन घोषणा पत्र में शामिल पत्रकार सुरक्षा कानून, पत्रकार आवास योजना और पंजीकृत पत्रकार संघों को भूमि आवंटन की घोषणा को जल्द से जल्द लागू करवाने की मांग की है। इसके साथ ही, किसानों की तर्ज पर पत्रकारों को भी मकान निर्माण के लिए कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने, एजुकेशन, प्रिंटिंग प्रेस स्थापना के लिए रियायती दर पर लोन, ग्रामीण पत्रकारों के लिए आवास आवंटन के लिए नगर पालिका-पंचायत समिति क्षेत्र में भी पत्रकार आवास योजना, लघु व मझौले समाचार पत्रों (दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक व मासिक) को मुद्रणालय यंत्र व कार्यालय स्थापित करने के लिए राज्य में निकायों और रीको क्षेत्र में रियायती दर पर जमीन आवंटन, कम ब्याज दर पर मुद्रणालय यंत्र खरीदने के प्रावधान, पत्रकारों को पूर्व की भांति मेडिक्लेम पॉलिसी या पत्रकारों को आरजीएचएस की सुविधा में शामिल करने, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, मध्यप्रदेश की तर्ज पर राजस्थान के पत्रकारों को दिल्ली समेत सभी जिलों के सर्किट हाउस में रियायती दर पर ठहरने की सुविधा, वरिष्ठ पत्रकारों की सम्मान निधि राशि प्राप्त करने की आयु साठ वर्ष से घटाकर 58 साल करने और इसके लिए पत्रकार अधिस्वीकरण कार्ड का अनुभव पांच साल निर्धारित किए जाने की भी मांग की गई है।