जयपुर पुलिस ने “द सूत्र” के दो पत्रकारों को किया इंदौर से गिरफ्तार, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के खिलाफ झूठी खबरें फैलाने के लगे आरोप !
राजस्थान की राजनीति में शुक्रवार को बड़ा विवाद उस समय सामने आया जब जयपुर पुलिस ने मध्य प्रदेश के दो पत्रकारों — आनंद पांडे और हरीश दिवेकर — को भोपाल से गिरफ्तार किया । दोनों “द सूत्र (The Sootr)” नामक यूट्यूब चैनल और न्यूज़ पोर्टल चलाते हैं। इनके खिलाफ राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के कार्यालय की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ ।
मामला कैसे शुरू हुआ
जयपुर पुलिस के साइबर थाने में दर्ज प्राथमिकी (FIR) के अनुसार, “द सूत्र” ने पिछले एक महीने में दिया कुमारी से जुड़ी एक दर्जन तक समाचार रिपोर्टें प्रसारित कीं, जिन्हें पुलिस ने “निराधार और तथ्यहीन” बताया । इन खबरों में आरोप था कि उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने सरकारी जमीन अपने कब्जे में ले रखी है, और इस पर सरकार कार्रवाई नहीं कर रही ।ब्लैकमेलिंग और फिरौती का आरोपएफआईआर में कहा गया है कि आनंद पांडे और हरीश दिवेकर ने इन खबरों को हटाने और आगे प्रकाशित न करने के बदले 5 करोड़ रुपये की मांग की । पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि उन्होंने कथित तौर पर संदेश भेजकर धमकी दी कि “पैसे नहीं देने पर दिया कुमारी की सामाजिक और राजनीतिक छवि को नष्ट कर देंगे,” और इसके लिए “Destroy Diya” नाम से अभियान चलाने की चेतावनी दी ।
अन्य पोर्टल पर भी खबरें प्रकाशित
आरोप यह भी है कि इन दोनों पत्रकारों ने अपने परिचित के दूसरे पोर्टल “द कैपिटल” पर भी यही खबरें प्रसारित करवाईं । 28 सितंबर को दर्ज एफआईआर के बाद तकनीकी सबूत और गवाहियों के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की और दोनों को भोपाल से हिरासत में लेकर जयपुर लाया ।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मनीष अग्रवाल ने बताया कि यह मामला साइबर अपराध और फिरौती (extortion) दोनों दृष्टिकोणों से जांच के अधीन है । पुलिस ने प्रारंभिक जांच में पाया कि आरोपित खबरों का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं था और उन्हें दबाव बनाने के लिए प्रायोजित रूप से प्रकाशित किया गया । दोनों पत्रकारों को अदालत में पेश किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री कार्यालय की प्रतिक्रिया
अब तक उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी या उनके कार्यालय की ओर से इस मामले पर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है ।इस घटनाक्रम ने राजस्थान और मध्य प्रदेश के मीडिया जगत में हलचल मचा दी है, क्योंकि “द सूत्र” अपने एक्सपोज़ पत्रकारिता के लिए जाना जाता रहा है, जबकि पुलिस इसे एक गंभीर ब्लैकमेलिंग मामला बता रही है।