जयपुर, 9 दिसम्बर। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आज हम ग्लोबल विजन और ग्लोबल इंपैक्ट पर काम करते हुए आत्मनिर्भर भारत के नए सफर पर चल चुके हैं। सरकार औद्योगिक प्रगति के लिए ‘होल ऑफ गवर्नमेंट एप्रोच’ पर समन्वित रूप से एक साथ काम करते हुए हर सेक्टर, हर फैक्टर को एक साथ बढ़ावा दे रही है। सबके प्रयास की इस भावना से ही हम सब मिलकर विकसित भारत और विकसित राजस्थान बनाएंगे।
प्रधानमंत्री श्री मोदी सोमवार को जयपुर स्थित जेईसीसी में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के भव्य उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत आज रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र पर चलते हुए हर क्षेत्र में विकास कर रहा है, उसे लेकर दुनियाभर के निवेशकों में उत्साह का माहौल है। उन्होंने कहा कि आजादी के 7 दशक बाद भी भारत दुनिया की 11वीं इकोनोमी था। लेकिन बीते 10 वर्षों में हमने 11वीं से 5वीं सबसे बड़ी इकोनोमी बनने का सफर तय किया है। इस दौरान हमारी अर्थव्यवस्था का आकार, कुल निर्यात और एफडीआई भी करीब दोगुना हो गया है। उन्होंने कहा कि हमने बीते दस साल में आधारभूत ढांचे पर खर्च भी करीब 2 ट्रिलियन से बढ़ाकर 11 ट्रिलियन रुपए तक पहुंचा दिया है।
डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी, डेटा एवं डिलीवरी की ताकत देखेगी दुनिया—
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सफलता में डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी, डिजिटल डेटा एवं डिलीवरी की पावर की अहम भूमिका है और आने वाले समय में दुनिया इनकी असली ताकत देखने वाली है। भारत जैसे विविधता भरे देश में डेमोक्रेसी का सशक्त होना अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। आज देश की जनता लोकतांत्रिक हक का प्रयोग करते हुए स्थायी सरकार के लिए वोट दे रही है।
श्री मोदी ने कहा कि आने वाले अनेक सालों तक भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में रहने वाला है और हमारे पास सबसे बड़ा स्किल्ड युवा वर्ग भी होगा। उन्होंने कहा कि यह सदी तकनीक एवं डेटा की सदी है और युवाशक्ति ने टेक पावर और डेटा पावर के नए आयाम जोड़ कर हमारे सामर्थ्य को बढ़ाने का काम किया है। बीते दशक में सरकार ने जो फैसले लिए हैं, उनकी बदौलत डिजिटिल इकोसिस्टम ने भारत में व्यापार-कारोबार के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है। आज डिजिटल ट्रांजेक्शन्स में नए रिकॉर्ड बन रहे हैं और देश में इंटरनेट यूजर्स की संख्या करीब 4 गुणा बढ़ी है।
राजस्थान के विकास से देश को भी मिलेगी नई ऊंचाई—
प्रधानमंत्री ने कहा कि क्षेत्रफल के हिसाब से तो राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है ही, राजस्थान के लोगों का दिल भी उतना ही बड़ा है। जब राजस्थान विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचेगा तो देश को भी नई ऊंचाई मिलेगी। यहां के लोगों का परिश्रम, ईमानदारी, कठिन से कठिन लक्ष्य को पाने की इच्छाशक्ति, राष्ट्र को सर्वाेपरि रखने की भावना राजस्थान की मिट्टी के कण-कण में समाई है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद जो सरकारें आई उन्होंने न तो देश के विकास को प्राथमिकता पर रखा और ना ही देश की विरासत का ध्यान रखा। लेकिन आज हमारी सरकार विकास भी, विरासत भी के मंत्र पर चल रही है और इसका बहुत बड़ा लाभ राजस्थान को भी हो रहा है।
राजस्थान के ‘आर फैक्टर’ की सराहना—
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने राजस्थान के आर फैक्टर पर फोकस करते हुए कहा कि आज राजस्थान राइजिंग तो है ही, रिलायबल व रिसेप्टिप भी है और समय के साथ खुद को रिफाइन करना भी जानता है। उन्होंने बीते एक साल में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार के शानदार काम की सराहना करते हुए कहा कि राजस्थान के इस आर फैक्टर में अब यहां की रिस्पॉन्सिव और रिफॉर्मिस्ट सरकार का नया पहलू भी जुड़ चुका है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जिस कुशलता और प्रतिबद्धता के साथ राजस्थान के तेज विकास में जुटे हैं, वो प्रशंसनीय है। आज राजस्थान में गरीब, किसान, युवाओं के कल्याण, सड़क, बिजली, पानी सहित हर प्रकार के विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। सरकार अपराध और भ्रष्टाचार नियंत्रण में जो तत्परता दिखा रही है, उससे नागरिकों और निवेशकों में नया उत्साह आया है।
राजस्थान बनेगा निवेश का आकर्षक गंतव्य—
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान के पास रोड से लेकर रेलवेज तक, हैंडलूम से लेकर हैंडीक्राफ्ट तक, फार्म से लेकर फोर्ट तक बहुत कुछ है। प्राकृतिक संसाधनों के भंडार,समृद्ध विरासत, विस्तृत लैंडमास, आधुनिक कनेक्टिविटी नेटवर्क और समर्थ युवा शक्ति के कारण राजस्थान निवेश का आकर्षक गंतव्य है। उन्होंने राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्र में जैतून और जेट्रोपा की खेती, जयपुर की ब्लू पॉटरी, प्रतापगढ़ की थेवा ज्वेलरी, भीलवाड़ा के टेक्सटाइल, मकराना के मार्बल, कोटा डोरिया और नागौर की पान मेथी का जिक्र करते हुए कहा कि आज यहां की सरकार, हर जिले के सामर्थ्य को पहचानते हुए काम कर रही है।
आत्मनिर्भर भारत की नींव रखने में राजस्थान का अहम योगदान
श्री मोदी ने कहा कि राजस्थान, दिल्ली एवं मुंबई जैसे दो बड़े आर्थिक केन्द्रों और महाराष्ट्र व गुजरात के पोर्ट्स को उत्तर भारत से जोड़ता है। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का बड़ा हिस्सा राजस्थान से गुजरता है। राजस्थान में जिंक, लेड, कॉपर, मार्बल, लाइमस्टोन, ग्रेनाइट, पोटाश जैसे खनिजों के बड़े भंडार हैं। इस दशक के अंत तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को हासिल करने में राजस्थान बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। इस तरह आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव रखने में राजस्थान का अहम योगदान है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकारें राजस्थान की वास्तविक क्षमताओं को सामने लाने के लिए कार्य कर रही हैं। पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए यहां अपार संभावनाओं को देखते हुए यहाँ मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क और लगभग दो दर्जन सेक्टर आधारित इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जा रहे हैं। दो एयर कार्गाे कॉम्प्लेक्स का निर्माण भी हुआ है। इससे राजस्थान की इंडस्ट्रियल कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।
राजस्थान दुनिया के चुनिंदा पर्यटन स्थलों में से एक—
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के समृद्ध भविष्य में पर्यटन का बहुत बड़ी भूमिका होगी। केन्द्र सरकार ने अलग-अलग थीम सर्किट्स से जुड़ी कई योजनाएं भी शुरू की हैं, इन प्रयासों के कारण कोरोना के बावजूद भी बीते दस साल में भारत में 7 करोड़ से ज्यादा विदेश टूरिस्ट आए हैं।
उन्होंने कहा कि टूर, ट्रेवल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की दृष्टि से राजस्थान दुनिया के चुनिंदा स्थानों में से एक है। हेरिटेज टूरिज्म, फिल्म टूरिज्म, इको टूरिज्म, रूरल टूरिज्म, बॉर्डर एरिया टूरिज्म, वन्यजीव पर्यटन की यहां बहुत अधिक संभावनाएं हैं। केन्द्र की उड़ान योजना, वंदे भारत, प्रसाद स्कीम,वाइब्रेंट विलेज जैसे कार्यक्रमों का राजस्थान को भी बहुत फायदा हो रहा है। लोग शादी-विवाह, जीवन के पलों को यादगार बनाने के लिए यहां आते हैं। ऐसे में ‘वेड इन इंडिया’ के आह्वान का फायदा भी राजस्थान को होना तय है।
मैन्युफेक्चरिंग हब बनने की तरफ बढ़ते भारत के कदम—
श्री मोदी ने कहा कि आज दुनिया को एक ऐसी व्यवस्था की ज़रूरत है जो बड़े से बड़े संकट के दौरान भी मजबूती से चलती रहे। इसके लिए भारत में व्यापक मैन्युफेक्चरिंग बेस का होना दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ज़रूरी है। इसे देखते हुए हमने मैन्युफेक्चरिंग में आत्मनिर्भरता का बड़ा संकल्प लिया है और देश मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत लो कॉस्ट मैन्युफेक्चरिंग पर बल दे रहा है। पेट्रोलियम उत्पाद, दवाएं, वैक्सीन्स, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान आदि की भारत में रिकॉर्ड मैन्युफेक्चरिंग से दुनिया को बहुत फायदा हो रहा है। राजस्थान से भी बीते वर्ष इंजीनियरिंग गुड्स, जेम्स और ज्वेलरी, टेक्सटाइल्स, हैंडीक्राफ्ट्स, एग्रो फूड प्रोडक्ट्स आदि का करीब चौरासी हजार करोड़ रुपए का निर्यात हुआ है।
उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना के कारण देश में इलेक्ट्रॉनिक्स, स्पेशलिटी स्टील, ऑटोमोबाइल, ऑटो कम्पोनेन्ट, सोलर पीवी, फार्मा ड्रग्स के क्षेत्र में उत्साह बढ़ा है। उन्होंने निवेशकों को राजस्थान में ऑटोमोटिव, ऑटो कॉम्पोनेंट इंडस्ट्री, इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफेक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफेक्चरिंग की संभावनाओं को देखते हुए यहां निवेश करने का सुझाव दिया।
एमएसएमई सेक्टर बनेगा बढ़ते राजस्थान की ताकत—
प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र में राजस्थान भारत के टॉप 5 राज्यों में से एक है। एमएसएमई की ये बढ़ती ताकत राजस्थान के विकास को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी। यहां 27 लाख से ज्यादा छोटे और लघु उद्योग हैं और 50 लाख से ज्यादा लोग इनमें काम करते हैं। एमएसएमई आने वाले समय में ग्लोबल सप्लाई और वैल्यू चेन को सशक्त करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार ने एमएसएमई की परिभाषा बदली है, ताकि उन्हें आगे बढ़ने के और अधिक अवसर मिल सकें। केंद्र सरकार की पहल से इन उद्योगों के लिए ऋण लेना आसान हुआ है। क्रेडिट लिंक गांरटी स्कीम से छोटे उद्योगों को करीब 7 लाख करोड़ रुपए की मदद दी गई है। इन प्रयासों से बीते दशक में एमएसएमई के लिए क्रेडिट फ्लो दो गुना से अधिक बढ़ कर 22 लाख करोड़ रुपए से ऊपर जा चुका है।
उन्होंने देश और दुनिया से आए अतिथियों से स्वदेश लौटने से पहले राजस्थान भ्रमण कर यहां के जीवंत अनुभव लेने का आह्वान भी किया। उन्होंने इन्वेस्टमेंट समिट के शानदार आयोजन के लिए राज्य सरकार को बधाई दी।
नई नीतियों और ठोस कदमों से राज्य में बना निवेश का अभूतपूर्व माहौल,
समिट से पहले ही 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू
- मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि हमारी सरकार ने पहले वर्ष में ही समिट का आयोजन किया है ताकि प्राप्त निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए सभी आवश्यक कदम ठीक ढंग से और समय पर उठाए जा सकें। राज्य में पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन हो रहा है जिसमें 32 देशों द्वारा भाग लिया जा रहा है। इस समिट के प्रारंभ होने से पूर्व ही 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू संपादित किए जा चुके हैं जो निवेशकों द्वारा राज्य के प्रति व्यक्त किए गए विश्वास को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए हमने न केवल 10 नई महत्वपूर्ण नीतियां लागू की हैं बल्कि ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस के क्षेत्र में भी ठोस कदम उठाए हैं, जिसके फलस्वरूप राज्य में निवेश को लेकर एक अभूतपूर्व माहौल बना है।
पीएम श्री मोदी विकसित भारत के शिल्पकार
श्री शर्मा ने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी का राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के शुभारंभ के अवसर पर पधारने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राजस्थान के लिए यह गौरव का दिन है। उन्होंने प्रधानमंत्री को विकसित भारत के शिल्पकार की उपमा देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
पांच वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने का लक्ष्य—
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में निवेश और विकास की असीमित संभावनाएं हैं। खनिज, पेट्रोलियम, ओटोमोबाइल, टेक्सटाइल, पर्यटन, शिक्षा एवं चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में राजस्थान में निवेश कर अच्छा लाभ अर्जित किया जा सकता है। राज्य सरकार पांच वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने का लक्ष्य रखकर कार्य कर रही है। यह समिट इस क्रम में एक महत्वपूर्ण कदम है।
श्री शर्मा ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य बजट में पूंजीगत व्यय को पिछले बजट के मुकाबले 65 प्रतिशत बढ़ाया गया है। राज्य में पहली बार एक साथ 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाने का काम हाथ में लिया गया है। अक्षय ऊर्जा उत्पादन को पांच सालों में 30 गीगावाट से 125 गीगावाट तक ले जाने के लिए पूरी तेजी से कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने समिट के तीन दिवसीय कार्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समिट में 12 अलग-अलग सेक्टर केंद्रित सेशन एवं 8 कंट्री सेशन के साथ प्रवासी राजस्थानी एवं एमएसएमई पर भी विशेष सेशन आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें केंद्र एवं राज्य के मंत्रियों के साथ संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञ एवं निवेशक एक साथ बैठकर राज्य में और निवेश की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। उन्होंने इस अवसर पर देश-विदेश से पधारे निवेशकों और प्रवासी राजस्थानियों का स्वागत करते हुए उनसे राजस्थान की नई विकास यात्रा में निवेश करने का आह्वान भी किया।
वेदांता समूह के संस्थापक श्री अनिल अग्रवाल ने कहा कि विश्व में वे देश ही आज सर्वाधिक सफल और विकसित हैं, जिन्होंने भूगर्भ के संसाधनों का समुचित दोहन किया है। प्राकृतिक संसाधनों से अत्यंत समृद्ध राजस्थान में भी विकास एवं प्रगति की प्रबल संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि हमने हिंदुस्तान जिंक और केयर्न एनर्जी के माध्यम से राजस्थान में एक लाख करोड़ रुपए का निवेश कर लगभग एक लाख लोगों को रोजगार प्रदान किया है और यहां निवेश करने से हमें काफी लाभ हुआ है। उन्होंने आने वाले समय में राजस्थान में निवेश बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि आने वाले समय में हमारा राजकीय राजस्व में अपने योगदान में तीन गुना तक वृद्धि करने और 5 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य है।
अडानी पोर्ट्स एण्ड स्पेशल इकॉनॉमिक जोन के प्रबंध निदेशक श्री करण अडानी ने कहा कि राजा-महाराजाओं की धरती रही राजस्थान भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहते हुए होने वाली प्रगति ही सही मायनों में प्रगति है। उन्होंने कहा कि दस साल में 23 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे थे, अब यह संख्या 11 प्रतिशत रह गई है। इस तरह ढाई करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। उन्होंने इस दौरान आने वाले समय में राजस्थान में 7.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की।
आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन श्री कुमारमंगलम बिड़ला ने कहा कि राजस्थान से उनका पीढ़ियों से नाता रहा है। राजस्थान से जुड़ाव के कारण ही विश्व में राजस्थान के एम्बेसडर के रूप में उनकी पहचान है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में बिट्स पिलानी व अन्य शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ व्यावसायिक क्षेत्र में भी उनके समूह की महत्वपूर्ण उपस्थिति है। उन्होंने मिनरल, इन्फ्रास्ट्रक्चर, टूरिज्म और रिन्यूएबल एनर्जी को राजस्थान के मित्र की संज्ञा देते हुए कहा कि राजस्थान में हमारा निवेश यहां की सरकार और नीतियों पर हमारे विश्वास को प्रकट करता है। उन्होंने बाहर से आए निवेशकों से पधारो म्हारे देश और निवेश करो म्हारे देश का आह्वान भी किया।
महिंद्रा समूह के चेयरमैन श्री आनंद महिंद्रा ने कहा कि राजस्थान की बावड़ियां प्राचीन काल से ही यहां के निवासियों की नवाचारों की प्रवृत्ति को दर्शाती हैं। साथ ही, इन बावड़ियों में राजस्थान के तकनीकी उज्ज्वल भविष्य के बीज भी समाए हैं। उन्होंने जयपुर में महिन्द्रा वर्ल्ड सिटी से जुड़े अपने अनुभव के बारे में बताया और राजस्थान में संचालित अपनी परियोजनाओं और रोजगार सृजन के बारे में जानकारी दी।
प्रधानमंत्री ने समारोह स्थल में कन्ट्री पैवेलियन एवं अन्य स्टॉल्स का अवलोकन किया। उन्होंने इस दौरान सांगानेर ब्लॉक प्रिंटिंग की कार्यप्रणाली भी समझी।
आरम्भ में मुख्यमंत्री ने चूरू के शिल्पकार द्वारा चंदन की लकड़ी से तैयार तलवार प्रधानमंत्री श्री मोदी को भेंट की, जिसमें महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़ी अभिव्यक्तियां हैं। उन्होंने साफा पहनाकर प्रधानमंत्री का स्वागत भी किया।
इस अवसर पर राजस्थान के माननीय राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागड़े, केन्द्र एवं राज्य सरकार के मंत्रिगण, विभिन्न देशों के राजनयिक, देश-विदेश से पधारे प्रख्यात उद्योगपति एवं निवेशक, प्रवासी राजस्थानी, प्रशासनिक अधिकारी एवं गणमान्यजन उपस्थित रहे।