राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने शनिवार को उदयपुर में राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत स्थापित नवानिया महाविद्यालय में अतिथि गृह, चारदीवारी और महाविद्यालय परिसर के शिव मंदिर से जोरजी का खेड़ा तक सड़क निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रकाशन 'फुटप्रिंट' का भी लोकार्पण किया।
श्री बागडे ने कहा कि पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान के शिक्षा में राजस्थान को देशभर में अग्रणी करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पशु—पक्षियों की समुचित देखभाल के साथ उनके पोषण की बेहतर व्यवस्था, उनसे उत्पादित वस्तुओं के प्रभावी विपणन की प्रभावी व्यवस्था हेतु विश्वविद्यालय कार्य करे। उन्होंने कहा कि गांवों में अभी भी पशुपालन और कृषि ही मुख्य आजीविका है। पशुपालकों को पशुपालन के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही पशुधन संरक्षण के लिए आधुनिक दृष्टि से जुड़ी शिक्षा का प्रसार सभी स्तरों पर होना चाहिए।
राज्यपाल ने पशुपालन से जुड़ी भारतीय संस्कृति की चर्चा करते हुए कहा कि हमारे यहां वैदिक काल से ही पशुधन संरक्षण के साथ उनके उत्पादन से अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की सोच रही है। परम्परागत ज्ञान से प्रेरणा लेकर पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान क्षेत्र में हमें आगे बढ़ने की आवश्यकता है। उन्होंने नई शिक्षा नीति के आलोक में वेटनरी शिक्षा के प्रभावी प्रसार की भी आवश्यकता जताई।