राजस्थान के सीकर में प्रतियोगी परीक्षा पास कराने के नाम पर घूस लेने का मामला सामने आया है। इस मामले में सीकर जिले में एक व्यक्ति ने पुलिस से शिकायत की है। शिकायतकर्ता ने कहा कि परीक्षा में पास कराने के लिए 40 लाख रुपये की मांग की गई।
आपको बताते चले कि सात जुलाई को एक शिकायतकर्ता ने बताया कि उसका बेटा आरपीएससी द्वारा आयोजित ईओ परीक्षा का दिया था। परीक्षा में पास कराने और ओएमआर शीट बदलने के लिए उनसे 40 लाख रुपये की मांग की गई है।
पुलिस ने कहा कि शिकायत के बाद जांच शुरू हुई और उसी दिन हमने सत्यापन कराया तो पता चला कि 40 लाख रुपये की जगह 25 लाख रुपये की मांग की गयी है।
शुक्रवार रात को एसीबी की टीम ने तीन दिन पहले सीकर में तीन आरोपियों को 18.50 लाख रुपए की घूस लेते पकड़ा था। इनसे पूछताछ में राज्य घुमंतू जाति कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष गोपाल केसावत व अन्य का नाम सामने आया। इस पर एसीबी ने गोपाल केसावत को जयपुर में साढ़े सात लाख की घूस लेते शनिवार को पकड़ लिया। साथ ही अनिल कुमार धरेन्द्र निवासी हनुमानगढ़ भी हत्थे चढ़ा।
उधर मुख्य परिवादी व दूसरे परिवादी ने एसीबी सीकर को 7 जुलाई को शिकायत दी थी, जिसमें बताया था कि ईओ भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी विकास को मेरिट में लाने के लिए अनिल कुमार ने आरपीएससी सदस्य व आरपीएससी चेयरमैन के नाम से 40 लाख रुपए मांगे। आरोपी ने ओएमआर शीट देखकर यह भी जानकारी दी कि उसके 62 सवाल सही और 20 गलत हैं। बाद में विकास सहित दोनों परिवादी में एसीबी में शिकायत दी।
EO भर्ती परीक्षा में पास कराने का झांसा देकर साढ़े अठारह लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोपी पूर्व मंत्री गोपाल केसावत मामले में ACB ने आरपीएससी(RPSC) को क्लीन चिट देने की कोशिश की है। ADG हेमंत प्रियदर्शी के अनुसार मामलें में आरपीएससी के किसी सदस्य ,अधिकारी और कर्मचारी की भूमिका नहीं है। उधर आरपीएससी सदस्य के बारे में परिवाद की जांच के बाद ही मामला साफ हो पाएगा। इसके साथ ही महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि आरोपियों को बिना रिमांड लिए ही एसीबी ने आरपीएससी को क्लीन चिट दे दी है।
सूत्रों के अनुसार खास बात यह है कि अब तक एसीबी(ACB) ने गिरफ्तार गोपाल केसावत, हनुमानगढ़ टाउन निवासी अनिल कुमार धरेन्द्र, दिल्ली निवासी बह्मप्रकाश और हनुमानगढ़ निवासी रविन्द्र शर्मा के मोबाइल की कॉल डिटेल, चैट सहित अन्य आरोपी की जांच तक नहीं की है। आरोपियों को रिमांड पर लेने की बजाय न्यायालय के जरिए जेल भिजवा दिया गया।
एसीबी के कार्यवाहक डीजी ने आरेापी केसावत की गिरफ्तारी के 18 घंटे बाद मौखिक जांच कर आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा व अन्य सदस्यों, अधिकारी व कर्मचारियों की भूमिका नहीं होना बताया है।एसीबी ने कुमार विश्वास की पत्नी आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा को एफआइआर में नामजद किया जबकि अन्य सदस्यों की भूमिका संदिग्ध बताई है। परिवादी ने कहा है कि गोपाल ने मंजू के नाम पर रिश्वत मांगी थी। अनिल ने परिवादी को आरपीएससी चेयरमैन व अन्य सदस्य से जानकारी का हवाला देते हुए केसावत से मिलवाया था। पीड़ित के परिवाद पर ही एफआईआर दर्ज की गई है। परिवादी ने अपनी शिकायत में आयोग के चेयरमैन व अन्य महिला सदस्य पर भी आरोप लगाए हैं।