जयपुर, 21 दिसम्बर। डिस्कॉम्स चेयरमैन सुश्री आरती डोगरा ने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प है कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र की दिन में बिजली की मांग को पूरा किया जाए। ऐसे में डिस्कॉम्स ने हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल का नवाचार अपनाया है। जिससे बेहतर आर्थिक प्रबंधन कर डिस्कॉम्स प्रदेश में 4,097 मेगावाट विकेंद्रित सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना कर सकेंगे और 4,268 कृषि एवं घरेलू फीडर के पृथक्कीकरण के काम को गति दे सकेेंगे।
डिस्कॉम्स चेयरमैन शनिवार को विद्युत् भवन में हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल को लेकर प्रदेश के तीनों विद्युत् वितरण निगमों के अधिकारियों की प्रशिक्षण कार्यशाला को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि यह मॉडल जमीनी स्तर पर विकेंद्रित सोलर संयंत्रों की स्थापना में बड़ा बदलाव लाएगा। इससे विद्युत वितरण निगम किसानों की दिन में सिंचाई के लिए बिजली की आवश्यकताओं को पूरा कर पाएंगे। दिन में बिजली उपलब्ध होने के कारण किसानों को रात में जागकर सिंचाई करने की जरूरत नहीं होगी।
सुश्री डोगरा ने कहा कि डिसेंट्रलाइज सोलर संयंत्र 33/11 केवी सब स्टेशन से जुड़े होते हैं। जिससे उस फीडर से जुड़े कृषि उपभोक्ताओं को स्थानीय स्तर पर ही सौर ऊर्जा से उत्पादित सस्ती बिजली मिलेगी। इसके साथ ही बिजली की छीजत में भी कमी आएगी। आपूर्ति के लिए सस्ती बिजली उपलब्ध होने से डिस्कॉम्स पर आर्थिक भार को कम किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हेम मॉडल में विकेन्द्रित सौर ऊर्जा, फीडर पृथक्कीकरण एवं नेटवर्क मैनेजमेंट पर अनुमानित लागत के रूप में 30 हजार करोड़ ऋण अथवा स्वयं के संसाधनों से जुटाना डिस्कॉम्स के लिए संभव नहीं है। ऐसे में हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल वित्तीय लागत का बेहतर प्रबंधन कर प्रदेश में किसानों की बिजली की मांग को पूरा करने की दिशा में कारगर कदम है।
डिस्कॉम्स चेयरमैन ने निर्देश दिए कि आने वाले तीन महीनों में तीनों डिस्कॉम्स में जोनल मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता और अधिशाषी अभियंता ऑफिस सिटिंग की बजाए फील्ड विजिट को प्राथमिकता दें। अधिक छीजत वाले ग्रिड सब स्टेशन, फीडर, सब डिवीजन कार्यालयों का दौरा करें। अपनी फील्ड विजिट में कनिष्ठ अभियंता तथा फीडर इंचार्ज के साथ जमीनी स्तर पर छीजत में कमी लाने तथा बेहतर उपभोक्ता सेवाएं उपलब्ध कराने पर समीक्षा करें।
बैठक में जयपुर डिस्कॉम के अतिरिक्त अभियंता (प्रोजेक्ट, प्लानिंग एवं मॉनिटरिंग) श्री आर के शर्मा ने प्रजेंटेशन में बताया कि कुसुम कंपोनेंट ए के अंतर्गत राजस्थान में अब तक 602 मेगावाट के पावर परचेज एग्रीमेंट एवं 299 मेगावाट के 230 विकेंद्रित सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं। जिनसे करीब 40 हजार किसानों को खेती के लिए दिन में बिजली सुलभ हो रही है। इसी प्रकार कुसुम सी में लगभग 4544 मेगावाट के 1791 विकेंद्रित सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए अवार्ड जारी किए गए हैं। कंपोनेंट सी में तीनों निगमों में 91 मेगावाट के 35 प्लांट स्थापित हो चुके हैं, जिनसे 8 हजार से अधिक किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध हो पा रही है। इस प्रकार कंपोनेंट ए व सी में स्थापित विकेन्द्रित सोलर प्लांटों से करीब 48 हजार किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराना संभव हो रहा है।
प्रशिक्षण कार्यशाला में जोधपुर एवं अजमेर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक ऑनलाइन जुड़े। तीनों डिस्कॉम्स के तकनीकी निदेशक, जोनल मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता मौजूद रहे। अलग-अलग सत्रों में हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर अभियंताओं के सवालों के जवाब भी दिए गए। अभियंताओं ने हेम मॉडल के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर सुझाव दिए। इस दौरान कुसुम ए एवं सी, स्मार्ट मीटरिंग तथा फीडर सेग्रीगेशन को लेकर प्रस्तुतीकरण दिए गए।