उदयपुर में काँग्रेस पदाधिकारी हुए लोकसभा प्रत्याशी के खिलाफ लामबंद, ताराचंद मीणा के खिलाफ लगाए आरोप !
उदयपुर देहात जिला कांग्रेस कमेटी उदयपुर के पूर्व महासचिव प्रदीप त्रिपाठी, शहर जिला कांग्रेस कमेटी ब्लॉक A के महासचिव भारत रामानुज , उदयपुर नगर निगम वार्ड नं 17 से कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशी मनोहर लाल गुर्जर और जितेन्द्र चित्तोड़ा ने उदयपुर के पुर्व जिला कलेक्टर और उदयपुर लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी ताराचंद मीणा से उदयपुर जिला कलेक्टर रहते हुए कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के कार्य नहीं करने के कारण पुछा।
उक्त सभी नेताओं ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि ताराचंद मीणा के उदयपुर जिला कलेक्टर पद पर रहते हुए कितने ही कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने अपने निजी और जनहित के लिए वाजिब कार्य कराने हेतु लिखित में पत्र लिखे मगर तत्कालीन जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने कांग्रेस पदाधिकारियों के कोई कार्य नहीं किए ।
कांग्रेस पदाधिकारियों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि ताराचंद जी मीणा अब कांग्रेस पार्टी से उदयपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद पद का चुनाव लड़ रहे हैं तो, अपने आप को बचपन से कांग्रेस विचारधारा को मानने वाले और कार्यकर्ता बता रहे हैं और जब जिला कलेक्टर के पद पर थे, तब उनकी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और जनता के लिए उनकी सहानुभूति कहां चली गयी थी ? जो अब विभिन्न चुनावी सभा में मंच से कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आम जनता के हित में कार्य करने का वादा कर रहे हैं।
कांग्रेस के इन पदाधिकारियों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि शिक्षक कांग्रेस संघ और शहर जिला कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन पूर्व उपाध्यक्ष ने उदयपुर शिक्षा विभाग के कर्मचारियों और विभिन्न शिक्षक संगठनो द्वारा जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर ही कार्यालय समय में तत्कालीन कांग्रेस सरकार को निकम्मी सरकार बताते हुए कांग्रेस सरकार को बदलने के नारे लगाने की शिकायत की और अपने स्तर पर इस प्रकरण की जांच कर उन कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की तो ताराचंद मीणा ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से ही इस प्रकरण की जांच करवा ली और उन कर्मचारियों को भविष्य में ऐसा नहीं करने की हिदायत देते हुए क्लीन चिट दे दी।
जबकि राजस्थान सरकार के नियमानुसार ऐसे प्रकरण में सख्त कार्यवाही करने के आदेश है। और उदयपुर शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों में इस विरोध प्रदर्शन में सम्मिलित कर्मचारी एक गिरोह की तरह कार्य करते आये है।
इसी प्रकार वार्ड नं 17 के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ने सेक्टर 13 स्थित फुटा तालाब में हो रहे अतिक्रमण के बारे में जानकारी दी तो कोई कार्यवाही नहीं की गयी और नगर निगम के तत्कालीन निर्माण समिति के अध्यक्ष ताराचंद जैन के साथ मौके का मुआयना कर पुरे प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल दिया जबकि राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर की ओर से 2 अगस्त 2024 को एक जनहित याचिका पर प्रदेश भर की झीलों के सम्बन्ध में निर्णय दिया था कि झीलों की स्थिति 15 अगस्त 1947 के समय के अनुसार बहाल की जाये।
1947 के बाद झील एवं तालाबों के भराव क्षेत्र में किये सभी निर्माण को हटाया जाए। हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद से ही जिला प्रशासन का दायित्व था कि झील एवं तालाब के भराव क्षेत्र में निर्माण पर रोक लगाये पर ऐसा नहीं हो सका और एक तरह से ताराचंद मीणा ने राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्णय की अवहेलना की।
कांग्रेस नेताओं ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि जब ताराचंद मीणा जिला प्रशासन के उच्च अधिकारी थे तब भी जनहित में कोई कार्य नहीं किए, कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने वालों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गयी, राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्णय की पालना नहीं करा पायें तो आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के पक्ष में कार्य करेंगे।
कांग्रेस नेताओं ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि ताराचंद मीणा साहब को अपने चुनाव प्रचार - प्रसार में कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ लोकसभा क्षेत्र में जाने के बजाय जमीनी कार्यकर्ताओं से व्यक्तिगत मिल कर उनका विश्वास जीतना चाहिए ताकि कार्यकर्ताओं में नयी अलख जग सके और नये जोश से क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी का कार्य कर सकें।