उदयपुर, 13 अप्रैल। राइट टू हैल्थ बिल के विरोध के दौरान चिकित्सकों की हड़ताल का दर्द झेल चुकी राजस्थान की जनता के लिए अभी चिरंजीवी योजना का नवीनीकरण असमंजस बना हुआ है। चिरंजीवी योजना का नवीनीकरण तो शुरू हो चुका है, लेकिन उसके प्रिंट को डाउनलोड करने पर उसमें उपचार की सीमा 10 लाख ही लिखा आने से लोग असमंजस में हैं।
दरअसल, जिनकी चिरंजीवी पॉलिसी 30 अप्रैल को खत्म हो रही है, उनका अगले वर्ष के लिए नवीनीकरण दो दिन पहले ही शुरू हुआ है। इस बार यह भी हुआ है कि नवीनीकरण के लिए संबंधित व्यक्ति से ओटीपी का प्रावधान रखा गया है। गत वर्ष नवीनीकरण कराने वालों के लिए ओटीपी का प्रावधान नहीं था, सिर्फ चिरंजीवी पॉलिसी में पहली बार पंजीकरण कराने वालों से ही ओटीपी का प्रावधान था।
इतना ही नहीं, अभी जो चिरंजीवी पॉलिसी का नवीनीकरण करवा रहे हैं उनके प्रिंट में उपचार की राशि 10 लाख रुपये ही अंकित आ रही है, जबकि इस बार सरकार ने यह राशि 25 लाख रुपये कर दी है। जो इबारत लिखी हुई आ रही है उसमें दुर्घटना बीमा का भी जिक्र नहीं है, जबकि इस बार सरकार ने यह राशि 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी है।
इबारत में यह जिक्र नहीं होने से लोग यह सवाल कर रहे हैं कि वैसे ही कई निजी चिकित्सालयों में चिरंजीवी से उपचार के लिए जूझना पड़ता है, ऐसे में यदि कागज पर इबारत अंकित नहीं होगी तो निजी चिकित्सालय उपचार में यह कागज मान्य होगा या नहीं, इसको लेकर आशंका बनी रहेगी।