10 नवंबर 2022 : राजस्थान में लोगों के धर्म परिवर्तन करने का सिलसिला थम नहीं रहा है। राजस्थान में कथित मिशनरियों द्वारा दलितों, गरीबों और आदिवासियों को लालच देकर धर्मांतरण की साजिशें रची जा रही जो पिछले कई वर्षों से लगातार जारी है। खासकर दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी इलाकों में कंवर्जन का धंधा जोरों पर है और इसमें उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ इलाकों में कंवर्जन का काम जोरो पर है। इसके साथ ही जयपुर, सवाईमाधोपुर, अलवर, सिरोही और बारां में कन्वर्जन की साजिश चल रही है।
यही नहीं इस बार राजधानी जयपुर से धर्म परिवर्तन कराए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि जयपुर के ग्रामीण इलाके में धर्मांतरण का खेल जोरों पर चल रहा है। सूत्र बताते है कि अभी ग्रामीण इलाके में करीब 250 परिवारों का धर्म परिवर्तन कराया गया है। बताया जा रहा है कि 250 दलित और गरीब परिवारों को जबरन हिंदू धर्म से अन्य धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया। जयपुर की एक वाटिका में करीब 250 लोगों को जबरन हिंदू धर्म से अन्य धर्म अपनाने के लिए मजबूर करने का मामले सामने आया है। हिंदू जागरण मंच का आरोप है कि 28 अक्टूबर को वाटिका में करीब 2000 लोगों के सामूहिक धर्मांतरण का कार्यक्रम था लेकिन विरोध के बाद रद्द कर दिया। हालांकि राजस्थान पुलिस ने बुधवार 9 नवंबर को बताया कि जयपुर में न तो धर्मांतरण हुआ और न ही धर्मांतरण की कोई बोली।जयपुर के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) योगेश गोयल ने कहा कि न तो धर्मांतरण हुआ है और न ही किसी व्यक्ति ने धर्मांतरण का प्रयास किया है। डीसीपी ने यह बात राजस्थान की राजधानी के वाटिका गांव में कथित रूप से धर्मांतरण के लिए बोली लगाने की खबरों के संबंध में पुलिस जांच के बाद कही।
कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी कहा कि जयपुर में धर्मांतरण की कोई घटना नहीं हुई है और आरोप लगाया कि विपक्षी भाजपा अफवाह फैला रही है।
सूत्र बताते है कि धर्म परिवर्तन के लिए इन परिवारों को लालच भी दिया जाता है। आरोप है कि धर्मांतरण का यह खेल बीमारी ठीक होने, शराब छूटने और आर्थिक स्थिति सुधारने के नाम पर खेला जा रहा है। इसके लिए हिन्दुओं से हिन्दू देवताओं की पूजा बंद करवाकर मूर्तियों का विसर्जन करवा दिया जाता है। तरह-तरह के प्रलोभन देकर बहकाया और डराया जाता है। मशीनरी से जुड़े लोग पहले प्रार्थना सभा में लोगों को बुलाते हैं। वहां विभिन्न तरह के प्रलोभन और डर दिखाया जाता है। ये लोग उन्हें देवी देवताओं की मूर्तियां कुए में फैंकने या पीपल के पेड़ के नीचे रखने को कहते हैं। मूर्ति पूजा नहीं करने और भगवान को भोग नहीं लगाने की बातें कही जाती है। इस तरह का खेल राजस्थान के कई जिलों कई दिनों से चल रहा है। इससे पहले दीपावली के दौरान भी लोगों से कहा गया कि वे लक्ष्मी जी की पूजा ना करें। महिलाओं को व्रत से दूर रहने को कहा जाता है।इस पूरे घटनाक्रम पर हिंदू संगठन के लोगों में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है।
कुछ दिन पहले राजस्थान में सीकर संसदीय क्षेत्र से भाजपा के सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने जयपुर जिले में कथित रूप से धर्मांतरण के मामले में अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को अन्य धर्म से जोड़ने को लेकर धर्मांतरण को लेकर चलाए जा रहे अभियान पर गहलोत सरकार इसलिए चुप है क्योंकि वह कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को नाराज नहीं करना चाहती है। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार को खुश करने के लिए सीएम गहलोत हिंदुओं के अन्य धर्म से जोड़ने को लेकर चलाए जाने वाले अभियान को नहीं रोक रहे हैं।
इससे पहले उदयपुर के आदिवासी बाहुल्य कोटडा की बात करें तो यहां पर पूर्व में भी धर्मांतरण के कई मामले सामने आए हैं। जिसको लेकर हिंदू संगठन के बैनर तले आदिवासी समाज के लोगों ने कई बार प्रदर्शन तक किए गए है। लेकिन आदिवासी क्षेत्र में लगातार सक्रिय हो रही मिशनरी अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर क्षेत्र में धर्मांतरण का काम कर रही है।
धर्मांतरण की साजिश में फंडिंग के लिए कथित शिक्षण संस्थाओं द्वारा सहयोग किया जाता है और इन शिक्षण संस्थानों से मिले पैसे से खेल रचा जाता है।दक्षिणी राजस्थान के कुछ शिक्षण संस्थान बरसों से इस कंवर्जन के खेल को चोरी छिपे फंडिंग कर रहे है।