राजस्थान के कोटा में 25 वर्षीय एक युवक जो कि असिस्टेंट प्रोफ़ेसर बनने की तैयारी कर रहा था। साथ ही उसने मैथ्स विषय में एमएससी किया था और वो बीएड भी पास था । रात रात भर जागकर पढ़ाई करता था जिससे किसी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर बन सके लेकिन उसकी गुटखा खाने की एक बुरी आदत ने उसे मौत की नींद सुला दिया।महावीर नगर थाना क्षेत्र के संतोषीनगर निवासी अभिषेक मेघवाल (25) रोज की तरह 19 नवंबर की रात भी खाना खाने के बाद अपने कमरे में चला गया। सुबह देर तक उठा नहीं तो परिजनों को लगा कि देर रात तक पढ़ता रहा होगा। दोपहर भी नहीं जागा तो कुंदी तोड़कर देखा। उसका शव पड़ा था। पुलिस और परिजनों को लगा कि साइलेंट अटैक आने से अभिषेक की मौत हुई।
जब दरवाजा खटखटाने पर कोई जवाब नहीं आया तो परिजनों ने दरवाजा तोड़ा तो उनके होश उड़ गए , अन्दर अभिषेक नहीं उसका मृत शरीर था, फिर भी वे उसे डॉक्टर के पास ले गए डॉक्टर ने “ही इज नो मोर” कहकर अपनी बात पूरी कर ली। पुलिस ने पोस्ट मार्टम कराने की सलाह दी तो बहुत मुश्किल से परिजन राजी हुए।
परिजनों को लगा साइलेंट अटैक से हो गई मौत
डॉक्टर्स ने शव का पीएम किया और शव परिजनों को सौंप दिया, परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया लेकिन जब पोस्ट मार्टम रिपोर्ट लेकर पुलिस घर पहुंची तो सबके होश उड़ गए, अभिषेक की मौत की वजह साइलेंट अटैक मानकर चल रहे परिजनों को एक ऐसी वजह पता चली जिसे वो स्वीकार ही नहीं कर पा रहे थे।
पीएम रिपोर्ट में आया साइलेंट अटैक नहीं गुटखे की सुपारी है मौत का कारण
पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में आया कि मृतक अभिषेक की साँस नली, ट्रेकिया, ब्रोंकस और लंग्स में सुपारी के दाने फंसे हुये थे जिसके कारण साँस लेने में तकलीफ हुई और उसकी मौत हो गई, पीएम करने वाले डॉक्टर विनोद गर्ग ने कहा कि मैंने अपनी जिंदगी में ऐसा पहला केस देखा है कि गुटखे की सुपारी साँस नली में फंसने से मौत हुई हो, उन्होंने कहा कि रात को अभिषेक गुटखा खाकर पढ़ाई कर रहा होगा और उसी स्थिति में उसकी नींद लग गई, मुंह में भरा गुटखा और पीक अन्दर चली गई और साँस नली में फंस गई, खांसी आने से थोडा बहुत जो गले तक था वो बाहर आ गया और जो अंदर गया वो जानलेवा साबित हो गया।