जयपुर, 22 मार्च। परिवहन एवं सड़क सुरक्षा आयुक्त श्री महेंद्र सोनी से कहा कि सड़क सुरक्षा न सिर्फ राज्य सरकार की जिम्मेदारी है बल्कि प्रदेश का हर व्यक्ति यातायात नियमों की पालना कर सड़क दुर्घटनाओं को रोक सकता है। हमें अपने परिवारजनों, पड़ौसियों, सहकर्मियों, दोस्तों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना चाहिए, तभी दुर्घटनाओं के आंकड़ों में कमी आ सकती है।
श्री सोनी राजस्थान पुलिस अकादमी में मंगलवार को शुरू हुए तीन दिवसीय ‘ट्रेनिंग ऑन रोड सेफ्टी मैनेजमेंट‘ कार्यशाला में संबोधित कर रहे थे।
परिवहन आयुक्त ने बताया कि 82 प्रतिशत दुर्घटनाएं ओवरस्पीड के कारण होती है। वहीं, सड़क दुर्घटना में 80 प्रतिशत मृत्यु 18 से 45 वर्ष, 15 प्रतिशत मृत्यु 45 वर्ष से अधिक और 3.8 प्रतिशत मृत्यु 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की होती है। इसलिए हम सभी को मिलकर बढ़ते हुए आंकड़ों को रोकना होगा। उन्होंने बताया कि परिवहन और पुलिसकर्मियों द्वारा वर्ष 2021 में 52 हजार ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किये गए। वहीं, हेलमेट का इस्तेमाल नहीं करने पर 1.80 लाख वाहन चालकों के चालान बनाए गये। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए फरवरी 2022 में 5236 बाल वाहिनियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की गई है।
श्री सोनी ने कहा कि बिना आईएसआई मार्क वाले हेलमेट की बिक्री और इस्तेमाल नहीं हो, यह भी सुनिश्चित करना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए अब भारी वाहन लाइसेंसधारकों के लाइसेंस रिनुअल करते समय दो दिवसीय रिफ्रेशर ट्रेनिंग को भी अनिवार्य किया गया है।
उन्होंने बताया कि अभी 12 जिलों में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक संचालित कर योग्य व्यक्ति को ही लाइसेंस दिये जा रहे हैं। विभाग द्वारा शीघ्र ही 33 जिलों में ट्रेफिक पार्क बनाए जायेंगे। साथ की कई नवाचारों के जरिये प्रदेशवासियों को जागरूक भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी बीमारी से ज्यादा गंभीर सड़क दुर्घटना होती है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि सड़क सुरक्षा के प्रति ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करें। इसमें पुलिस अहम भूमिका निभा रही है।
परिवहन आयुक्त ने प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि सड़क दुर्घटना में गंभीर घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाकर जान बचाने वाले भले मददगारों को मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना के तहत 5000 रूपये राशि और प्रशस्ति पत्र देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने विभाग द्वारा लाइसेंस आवेदन के समय अंगदान के विकल्प को चुनने की मुहिम, एसएमएस अस्तापल के ट्रोमा सेंटर में स्थापित एडवांस स्किल लैब की उपयोगिता, ऑनलाइन परिवहन सुविधाओं और अन्य उपलब्धियों और नवाचारों से प्रशिक्षणार्थियों को अवगत कराया।
इससे पूर्व राजस्थान पुलिस अकादमी के निदेशक आईपीएस राजीव शर्मा ने प्रशिक्षण शिविर के बारे में जानकारी दी। उन्होंने पुलिसकर्मियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्रत्येक पुलिसकर्मी सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बनाएं। इस क्षेत्र में किए गय उत्कृष्ट कार्यों को एक-दूसरे से साझा करें और सीखें। परिवहन विभाग के कार्यों की सराहना की।
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