दिल्ली में देर रात तक अमित शाह की मौजूदगी में जेपी नड्डा के आवास पर सीएम भजन लाल शर्मा के साथ हुई मीटिंग खत्म हो चुकी है। बैठक में राजस्थान कैबिनेट और राज्य की राजनीति पर चर्चा की गई। हालांकि मंत्री मंडल में किन विधायकों को चुना गया है, इस पर सस्पेंस अभी भी बरकरार है।
नियमानुसार कुल विधानसभा सीटों का अधिकतम 15 प्रतिशत मंत्री बनाये जा सकते हैं। राजस्थान में 200 विधानसभा सीटें हैं। इसलिए यहां अधिकतम 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री पदों की शपथ हो गई। ऐसे में अब 27 मंत्री और बनाए जा सकते हैं। पहले चरण में 20 से 25 मंत्री बनाए जाने की चर्चाएं हैं। जिस तरह से पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला। उस लिहाज से नए विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल होने का अवसर मिलना तय माना जा रहा है। हालांकि कई विधायक लगातार 6 और 7 बार विधायक बन चुके हैं। कालीचरण सराफ सर्वाधिक 8वीं बार विधायक बने हैं। ऐसे में अनुभवी नेताओं को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।
माना जा रहा है कि कुछ मंत्री पद सरकार में रिक्त भी रखे जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक राजस्थान में जो विधायक मंत्री बनाए जा सकते हैं उनके नाम इस तरह है :
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा
बाबा बालक नाथ
सिद्धि कुमारी
दीप्ति किरण माहेश्वरी
पुष्पेंद्र सिंह राणावत
कैलाश वर्मा
जोगेश्वर गर्ग
महंत प्रतापपुरी
अजय सिंह किलक
भैराराम सियोल
संजय शर्मा
श्रीचंद कृपलानी
झाबर सिंह खर्रा
प्रताप सिंह सिंघवी
हीरालाल नागर
फूलसिंह मीणा
शैलेश सिंह
जितेंद्र गोठवाल खंडार
शत्रुघ्न गौतम
जवाहर सिंह बेडम
मंजू बाघमार
सुमित गोदारा
ताराचंद जैन
हेमंत मीणा
हंसराज पटेल
जेठानंद व्यास
बनाए जा सकते हैं 11 से 15 केबिनेट मंत्री
केंद्रीय नेतृत्व युवा और अनुभवी विधायकों के नेतृत्व को तरजीह देगा । ऐसे में कुल 11 से 15 केबिनेट मंत्री बनाये जाने की संभावना है जबकि बाक़ी मंत्रियों के राज्य मंत्री के तौर पर शामिल किया जाएगा। इससे पहले 15 दिसंबर को सीएम भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दीया शर्मा और डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने शपथ ली थी।