मोदी सरकार ने एक ऐसा फैसला किया है, जिसपर विपक्ष की तरफ से हंगामा मचना तय है। खास बात ये है कि मोदी सरकार का ये फैसला उस वक्त आया है, जबकि कई राज्यों में विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव हैं। केंद्र सरकार ने बिजली दरों (टैरिफ) को लेकर बड़ा फैसला किया है। देश में अब बिजली की दरें दिन और रात में अलग-अलग होगी। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने शुक्रवार को इसकी घोषणा कर दी है। यह व्यवस्था पहले चरण में उद्योगों पर लागू होगा। इसके बाद कृषि को छोड़कर बाकी पर लागू किया जाएगा। ऊर्जा मंत्रालय ने इसकी भी तारीखों की घोषणा कर दी है
मोदी सरकार ने बिजली की दरों पर अहम फैसला किया है जिसके तहत स्मार्ट मीटर लगाए जाने के साथ ही वक्त के हिसाब से उपभोक्ताओं से बिजली की दरें ली जाएंगी। सरकार के फैसले के मुताबिक राज्यों के बिजली नियामक आयोग पीक और नॉन पीक घंटे तय करेंगे। जिसके बाद दिन के अलग-अलग वक्त अलग-अलग बिजली की दर उपभोक्ताओं को देनी होगी। कुल मिलाकर दिन में दरें कम होंगी और रात में बिजली के इस्तेमाल पर ज्यादा पैसा चुकाना होगा।
सरकार के फैसले के मुताबिक सौर घंटों के दौरान (8 घंटे) सामान्य दर से 10 से 20 फीसदी बिजली दरें कम रहेंगी। यानी जब बिजली की मांग ज्यादा होगी, तो दर बढ़ जाएगी। 10 किलोवाट और ज्यादा के बिजली कनेक्शन लेने वाले कॉमर्शियल और औद्योगिक उपभोक्ताओं को नई दरें 1 अप्रैल 2024 से देनी होंगी। वहीं, कृषि कार्यों के अलावा बाकी उपभोक्ताओं को नई दरें 1 अप्रैल 2025 से देनी पड़ेंगी। स्मार्ट मीटर लगने के साथ ही नई दरों को लागू कर दिया जाएगा। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने इसे उपभोक्ताओं के लिए अच्छा बताया है। उनका कहना है कि पीक डिमांड के घंटे, सौर घंटे और सामान्य खपत के घंटे अलग करने से उपभोक्ता अपना बिजली बिल कम कर सकते हैं और इसका लाभ मिलेगा।
दिन के समय (टीओडी) होगी टैरिफ की शुरुआत
दिन के हर समय एक ही दर पर बिजली के लिए शुल्क लेने की बजाय, बिजली के लिए आपकेद्वारा भुगतान की जाने वाली कीमत दिन के समय के अनुसार अलग- अलग होगी। टीओडी टैरिफ प्रणाली के तहत, सौर घंटों (राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्दिष्ट एक दिन में आठ घंटे की अवधि) के दौरान टैरिफ सामान्य टैरिफ से 10 से 20 प्रतिशत कम होगा, जबकि पीक घंटों के दौरान टैरिफ 10 से 20 प्रतिशत अधिक होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा- सभी के लिए फायदेमंद होगा
केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि टीओडी उपभोक्ताओं के साथ- साथ बिजली प्रणाली के लिए भी फायदे का सौदा है। “टीओडी टैरिफ में पीक आवर्स, सोलर आवर्स और सामान्य घंटों के लिए अलग-अलग टैरिफ शामिल हैं, उपभोक्ताओं को टैरिफ के अनुसार अपने लोड का प्रबंधन करने के लिएमूल्य संकेत भेजा जा सकता है। टीओडी टैरिफ तंत्र के बारे में जागरूकता और प्रभावी उपयोग सउपभोक्ता अपने बिजली बिल को कम कर सकते हैं।
इस वजह से लिया गया यह फैसला
ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार ने यह फैसला गैर परंपरागत ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए लिया है। चूंकि सौर ऊर्जा सस्ती है, सौर ऊर्जा घंटों के दौरान टैरिफ कम होगा, इसलिए उपभोक्ता को लाभ होगा। गैर-सौर घंटों के दौरान थर्मल और जल विद्युत के साथ-साथ गैस आधारित क्षमता का उपयोग किया जाता है। उनकी लागत सौर ऊर्जा की तुलना में अधिक होती है। यह दिन के समय के टैरिफ में दिखाई देगी। अब उपभोक्ता अपनी बिजली लागत को कम करने के लिए अपने उपभोग की योजना बना सकते हैं। बिजली की लागत कम होने पर सौर घंटों के दौरान अधिक गतिविधियों की योजना बना सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टीओडी तंत्र नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का बेहतर ग्रिड एकीकरण भी सुनिश्चित करेगा जिससे भारत के लिए तेजी से ऊर्जा परिवर्तन की सुविधा मिलेगी। सिंहने कहा कि "टीओडी टैरिफ नवीकरणीय उत्पादन के उतार-चढ़ाव के प्रबंधन में सुधार करेगा, उच्च आरई उत्पादन घंटों की अवधि के दौरान मांग में वृद्धि को प्रोत्साहित करेगा और इस तरह बड़ी मात्रा में नवीकरणीय ऊर्जा के ग्रिड एकीकरण को बढ़ाएगा।"
अधिकांश राज्य विद्युत नियामक आयोग (एसईआरसी) ने देश में बड़े वाणिज्यिक और औद्योगिक (सी एंड आई) श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए पहले ही टीओडी टैरिफ लागू कर दिया है। स्मार्टमीटर की स्थापना के साथ, टैरिफ नीति के अनुसार घरेलू उपभोक्ता स्तर पर टीओडी मीटरिंग शुरू की जाएगी।