अंदर खाने खबरें है कि कांग्रेस, राजस्थान में बसपा,निर्दलीय, सीपीएम,आरएलडी के सभी विधायकों को टिकट दे रही है,जो पिछले चुनाव जीत चुके है। वहीं कांग्रेस के उम्मीदवारों को उम्मीद थी कि पार्टी उनके बारे में पहले सोचेगी। लेकिन स्क्रीनिंग कमेटी ने ऐसा सोचा हो,ऐसा जमीन पर नजर नहीं आया है और अब सबकी नज़र राहुल गांधी और केन्द्रीय चुनाव समिति पर है। वहीं सूत्र बता रहे है कि दिल्ली के जोधपुर हाउस में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी चैयरमेन गौरव गोगोई ने देर रात तक CM अशोक गहलोत के साथ बैठक की। राहुल गांधी ने 80 साल के उम्मीदवार के स्थान पर ऑप्शन तलाश युवा नेताओं को टिकट में प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। इसको लेकर CM अशोक गहलोत से अपनी नाराजगी भी जताई है।
अब आज CEC बैठक वापस दिन में 12 बजे होगी। संभवतया आज राजस्थान काँग्रेस की तरफ से विधानसभा उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की जाएगी।
काँग्रेस की पिछली CEC की बैठक में वायनाड के सांसद राहुल गाँधी ने कहा था कि ये क्या लिस्ट लाए हो ? कुछ नये कैंडिडेट लाओ और बीते दिन कल फिर वही हुआ। राजस्थान कांग्रेस से गहलोत ने लगभग हर उस विधायक ,जिन्होंने उनकी सरकार बचाई थी उनका फर्स्ट नंबर और बाक़ी पुराने कैंडिडेट अन्य नंबर पर लेकर गये और इसे देख राहुल गांधी ने फिर से नाराज़गी दिखाई ।
इससे पहले भी गहलोत एक बार काँग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में राजस्थान CM कैंडिडेट के मामले में गांधी परिवार से टक्कर ले चुके है और इस बार फिर अपनी पसंद की लिस्ट लेकर गये थे। अभी तक की जारी की गई लिस्ट और टिकटो में गहलोत की छाप नजर आ रही थी लेकिन अब मामला उलझता दिखाई दिया और जो लिस्ट बीती रात आने वाली थी ,उसे रोक दिया गया। ऐसा लग रहा है कि CEC को गहलोत को के उम्मीदवारों पर मोहर लगानी ही होगी।
सूत्रों के अनुसार बीते दिन CEC की बैठक में राहुल गांधी थोड़े ख़फ़ा थे। उन्होंने अशोक गहलोत से कहा- "आपने 3 महीने पहले मुझे कहा था, विधायकों से जनता नाराज़ हैं। लेकिन आज आप सभी विधायकों को टिकट दे रहे है। जहां पार्टी के पास विकल्प था, वहाँ भी आपने नए लोगों मौक़ा नहीं दिया।"
फिर CM गहलोत ने निर्दलीय के समर्थन में बोलना शुरू किया जिस पर राहुल गांधी भड़क गए। इसके बाद सोनिया गांधी ने पहले CM गहलोत को धीरे बोलने और बाद में राहुल को हाथ के इशारे से शांत करवाया। ऐसे में बैठक में माहौल गंभीर हुआ।
CM गहलोत ने एक निर्दलीय को टिकट की पैरवी में कहा -"संकट के समय बचाया था।" इस पर राहुल गांधी बोले कि -"MLA ने तो टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव जीता लेकिन उस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार ने बिना आपके प्रचार के करीब 44 हजार वोट पाए, तो इस बार उसे टिकट क्यू न दें? वो कार्यकर्ता है।"
उधर उदयपुर शहर सीट को लेकर चर्चा यह भी है कि सोमवार को जब दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई, उसमें उदयपुर शहर विधानसभा सीट को लेकर भी मंथन चला। राष्ट्रीय चेहरे के रूप में गौरव वल्लभ की दावेदारी को लेकर गंभीरता से मंथन किया गया । अन्य दावेदारों में दिनेश खोड़निया के नाम पर भी बातचीत हुई। लेकिन बैठक में मौजूद नेता अंतिम निर्णय तक नहीं पहुंच पाए। लाभ-हानि तथा जातिगत समीकरण को लेकर चले लंबे मंथन के बाद भी मामला लंबित रह गया। एक अफवाह यूं भी उड़ी कि खुद डॉ. सीपी जोशी ने गौरव वल्लभ की दावेदारी को लेकर अड़े हुए हैं तो दूसरी अफवाह ठीक इससे उलट है, जिसमें चर्चा है कि डॉ. जोशी किसी स्थानीय या जैन प्रत्याशी को कांग्रेस से उतारना चाहते हैं। हालांकि साबित नहीं हो पाया कि इनमें से कौनसी बात सही है। वहीं हलकों में अपुष्ट खबरें है कि उदयपुर सीट से गौरव वल्लभ का नाम लगभग फाइनल है और कार्यकर्ताओं को स्वागत की तैयारियों के लिए कह दिया गया है।
ऐसा लग रहा है कि राहुल गांधी नई सोच के साथ चुनाव में जाना चाहते है लेकिन गहलोत वही पुरानी गणित लगा के बैठे है।