17-18 जुलाई को बेंगलुरु में दो दिवसीय बैठक के दौरान 26 विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन को नया नाम दिया। पार्टियां बीजेपी का मुक़ाबला करने के लिए ‘वैकल्पिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा’ देने पर भी सहमत हुई हैं। चूंकि मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में राष्ट्रवाद से बीजेपी को स्पष्ट बढ़त मिलती दिख रही है। गठबंधन का नाम इंडिया रखना राष्ट्रवाद के मैदान-ए-जंग में विपक्ष का अंतिम क़दम माना जा रहा है।इंडिया नाम को पसंद करना राष्ट्रवाद पर बीजेपी के एकाधिकार को चुनौती देने का सोचा-समझा फ़ैसला लगता है।
अपने गठबंधन के लिए ‘इंडिया' नाम चुनने की घोषणा के एक दिन बाद विपक्षी दलों ने 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इसके लिए ‘जीतेगा भारत' टैगलाइन को चुना है। सूत्रों ने बताया कि इस टैगलाइन को संभवत: विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में भी अनुवाद करके इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बेंगलुरु में मंगलवार को हुई बैठक के दौरान कई नेताओं को लगा कि गठबंधन के नाम में ‘भारत' शब्द भी शामिल होना चाहिए। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘इसे टैगलाइन में इस्तेमाल करने का फैसला किया गया।'' कई नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि कई नेताओं के संयुक्त प्रयासों से यह टैगलाइन चुनी गई।
वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने ट्विटर बायो में ‘इंडिया’ हटा लिया है। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा तंज कसते हुए कहा कि अंग्रेजों ने हमारे देश का नाम ‘इंडिया' रखा, हमें खुद को औपनिवेशिक विरासत से मुक्त करना होगा।सीएम सरमा ने INDIA की जगह ‘भारत के लिए भाजपा’ वाक्यांश का भी इस्तेमाल किया। उन्होंने ट्वीट किया कि ‘अंग्रेजों ने हमारे देश का नाम इंडिया रखा, हमें खुद को औपनिवेशिक विरासत से मुक्त करने का प्रयास करना चाहिए, हमारे पूर्वजों ने भारत के लिए लड़ाई लड़ी और हम भारत के लिए काम करना जारी रखेंगे।