उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडु ने ऐतिहासिक श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा की और भारत व पूरे विश्व के लोगों की शांति, समृद्धि और कल्याण के लिए प्रार्थना की।
इससे पहले श्री नायडु अपनी पत्नी श्रीमती उषा नायडु के साथ कल शाम वाराणसी पहुंचे थे। उन्होंने आज नवनिर्मित काशी विश्वनाथ धाम गलियारे का दौरा किया और उन्हें अधिकारियों ने इस परियोजना के बारे में जानकारी दी।
श्री नायडु ने मंदिर परिसर में भारत माता की विशाल प्रतिमा पर भी पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद में उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में काशी विश्वनाथ को 'हमारे सनातन परम्परा का एक गौरवशाली प्रतीक, हमारी आस्था और उत्पीड़कों के खिलाफ हमारे प्रतिरोध' के रूप में वर्णित किया। इसके बाद उपराष्ट्रपति ने प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर में पूजा और आरती की। भगवान शिव के उग्र रूप का प्रतिनिधित्व करने वाले श्री काल भैरव को 'काशी का कोतवाल' और शहर के रक्षक के रूप में भी जाना जाता है।
उपराष्ट्रपति ने पड़ाव स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल का भी दौरा किया। उन्होंने पंडित दीनदयाल की जीवन यात्रा को दिखाने वाली 3-डी वर्चुअल रियलिटी प्रदर्शनी की सराहना की।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने स्मृति स्थल की आगंतुक पुस्तिका में निम्नलिखित टिप्पणी दर्ज की -
“भारत के अग्रणी सांस्कृतिक और राजनीतिक व्यक्तित्व में से एक को श्रद्धांजलि देने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल का दौरा किया। पंडित दीनदयाल एक गहन दार्शनिक, उत्कृष्ट संगठनकर्ता और एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने व्यक्तिगत सत्यनिष्ठा के उच्चतम मानकों को बनाए रखा। उनका जीवन और 'अंत्योदय' व 'एकात्म मानवतावाद' का दर्शन राष्ट्र के लिए मार्गदर्शन और प्रेरणा का स्रोत रहा है। दलितों के उत्थान और सबसे वंचित वर्गों के लिए खुशहाली लाना ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय को अर्पित सबसे अच्छी श्रद्धांजलि होगी। आइए, हम सभी भारत को एक खुशहाल और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए इस दिशा में काम करें।”
बीते कल उपराष्ट्रपति ने अपनी पत्नी के साथ पवित्र दशाश्वमेध घाट पर प्रसिद्ध गंगा आरती में हिस्सा लिया। उन्होंने इसे एक वास्तविक और दिव्य अनुभव बताया, जो उनके हृदय में हमेशा रहेगा।