उदयपुर,11 फरवरी 2023 : राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो(ACB)ने उदयपुर मूल के एक एनआरआई से रिश्वत मामले में डिप्टी एसपी जितेंद्र आंचलिया को गिरफ्तार किया है। उदयपुर एसीबी कार्यालय में उनसे जयपुर एसीबी की टीम पूछताछ कर रही है। इस मामले में सुखेर थाने के तत्कालीन थानाधिकारी दलपतसिंह को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है। मिली जानकारी के अनुसार अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दिनेश एमएन के निर्देश के बाद जयपुर से आई एसीबी की टीम ने उप अधीक्षक जितेंद्र आंचलिया को गिरफ्तार किया है।
जमीन के मामले में एनआरआई व्यवसायी को गिरफ्तारी की धमकी देकर 1.83 करोड़ रुपए हड़पने के मामले में सस्पेंड चल रहे आरपीएस जितेन्द्र आंचलिया, सब इंस्पेक्टर रोशन लाल, दलाल रमेश राठौड़ व मनोज श्रीमाली को एसीबी ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों को पकड़ने के लिए जयपुर मुख्यालय से पांच टीमें भेजी गई थीं। पकड़े गए आरोपियों के ठिकानों पर देर रात तक सर्च ऑपरेशन चल रहा था।आपको बताते चले कि पिछले साल दिसंबर में एसीबी में केस दर्ज होने के बाद से आंचलिया सस्पेंड थे।
मामलें में एनआरआई (NRI) व्यवसायी ने शिकायत दी थी। उसका सत्यापन करवाकर मुकदमा दर्ज किया था। जांच के बाद एएसपी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में शुक्रवार को भेजी गई टीमों ने उदयपुर व राजसमंद सहित कई ठिकानों पर दबिश देकर चारों आरोपियों को पकड़ा है।
क्या है मामला
पिछले 30 साल से कुवैत में रहकर बिजनेस कर रहे उदयपुर निवासी एनआरआई के छोटे भाई का कुछ साल पहले निधन हो गया था। इसके बाद भाई की पत्नी ने कंपनी की जमीन को 5 करोड़ में बेचने की बात कहकर पीड़ित को उदयपुर बुला लिया। आने के बाद पीड़ित को पता चला कि उसे कुछ दलाल और पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर परेशान करने के लिए बुलाया गया है।
उसके बड़े भाई ने भुवाना क्षेत्र में करीब 34000 वर्ग गज का भूखंड साल 2007 में खरीदा था। उस समय बड़े भाई ने उसकी पत्नी के नाम भूखंड के एक हिस्से की लीज डीड लिखी थी, लेकिन भाई की मौत के बाद उनकी पत्नी ने पूरी जमीन पर कब्जा करना चाहा। जिस पर उसने सुखेर थाना पुलिस से मदद ली थी। इसके विपरीत सुखेर थाने के जांच अधिकारी उप निरीक्षक रोशनलाल ने उनसे 20 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की। जबकि आरपीएस आंचलिया ने इस मामले में दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने के लिए बड़ी राशि की रिश्वत की पेशकश की। उन्हें दबाव में लेकर पंचवटी क्षेत्र की होटल में परिवादी को बातचीत के लिए बुलाया। इसकी सूचना परिवादी ने पहले से ही एसीबी को कर दी थी, जिसमें उनके बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग कर ली थी।
उसे सुखेर थाने बुलाकर फर्जी एग्रीमेंट दिखाया गया और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार करने की धमकी दी गयी। पीड़ित जब जमीन छोड़ने को राजी हो गया तो आरोपियों ने उसी जमीन को 2 करोड़ में खरीदने के लिए दबाव बनाया। जमीन का एग्रीमेंट होने के बाद रोशनलाल ने एफआर लगाने की एवज में 2 लाख रुपए की डिमांड शुरू कर दी थी।
इससे पहले एनआरआई से रिश्वत लेने के मामलें में उदयपुर पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने पिछले दिनों सुखेर थाने के उप निरीक्षक रोशनलाल लाल को निलंबित कर दिया था। जितेंद्र आंचलिया पर पीड़ित एनआरआई को जबरन दबाव में लेकर समझौता कराने का भी आरोप लगा था। इस पर उदयपुर आईजी आफिस में नियुक्त उप अधीक्षक जितेंद्र आंचलिया को पहले एपीओ कर पुलिस मुख्यालय में उपस्थिति देने के निर्देश दिए गए थे।