राजस्थान विधानसभा चुनाव करीब आने की बयार में स्थानीय राजनीति कुलांचे मार रही है और बीजेपी और कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों में टिकट को लेकर खींचा तान भी शुरू हो गई है। उदयपुर सीट पर भाजपा प्रत्याशी का चयन शीर्ष नेतृत्व के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
इसी क्रम में उदयपुर शहर से बीजेपी संगठन ने अपने स्तर पर 10 दावेदारों के नाम आलाकमान को भेज कर सुर्खियां बटोर ली है। सूत्र बताते है कि जयपुर या दिल्ली स्तर पर किसी नेता/समिति द्वारा ऐसी किसी लिस्ट को उदयपुर भाजपा इकाई से मांगा भी नहीं गया था। आपको बताते चलें कि भाजपा द्वारा प्रदेश या राष्ट्रीय स्तर पर अभी तक विधानसभा चुनाव के लिए कोई पर्यवेक्षक नहीं भेजे गए हैं और नहीं किसी से बायोडाटा मांगा गया है। हो सकता है कि भाजपा की परिवर्तन यात्रा के बाद संभावित दावेदारों की लिस्ट या बायो डेटा मांगा ज़ाय और पर्यवेक्षक भेजे ज़ाय।
कौन-कौन से नाम है लिस्ट में
शहर जिला अध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली द्वारा जारी की गई शुरुआती लिस्ट में रवींद्र श्रीमाली,प्रमोद सामर,रजनी डांगी, ताराचंद जैन,दिनेश भट्ट, अलका मूंदड़ा , युधिष्ठिर कुमावत, डॉ जिनेन्द्र शास्त्री, डॉ किरण जैन, तखत सिंह शक्तावत के नाम थे लेकिन जिला प्रभारी बंसीलाल खटीक के आग्रह पर डॉक्टर चंद्रगुप्त सिंह चौहान का नाम लिस्ट में जोड़ा गया।
मजबूत दावेदार पारस सिंघवी का नाम लिस्ट में नाम नहीं
सबसे चौकाने वाले घटनाक्रम में शहर जिला अध्यक्ष रविंद्र श्रीमाली द्वारा भेजी गई टॉप 10 भाजपा दावेदारों की लिस्ट में उदयपुर शहर के उपमहापौर पारस सिंघवी का नाम नहीं था,वहीं उदयपुर से अपनी दावेदारी रखने वाले डूंगरपुर के पूर्व सभापति के के गुप्ता का भी नाम सूची से गायब है। हालांकि बाद में शहर भाजपा जिला अध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली द्वारा मीडिया को दिए गए बयान में उदयपुर शहर उपमहापौर पारस सिंघवी का नाम शामिल था।
कई चर्चित नाम नहीं है लिस्ट में
शहर जिला अध्यक्ष द्वारा भेजी गई 10 दावेदारों की लिस्ट में कई नाम ऐसे भी थे जो चर्चा में तो थे लेकिन लिस्ट में जोड़ें नहीं गए। इन नामों में नानालाल वया, मनोहर चौधरी और अतुल चंडालिया प्रमुख है।खास बात यह है कि भेजी गई लिस्ट में डूंगरपुर नगर पालिका के पूर्व सभापति केके गुप्ता और प्रदीप श्रीमाली के नाम नहीं शामिल है। लिस्ट में 2 ब्राह्मण चेहरे हैं तो 6 जैन समाज से आने वाले चेहरे हैं। एक राजपूत समाज और 1 ओबीसी समाज का चेहरा है, तो वहीं 1 दावेदार वैश्य- माहेश्वरी समाज से है।
दूसरी खास बात यह है कि दावेदारों की लिस्ट में एक ही परिवार से आने वाले वयोवृद्ध नेता ताराचंद जैन, किरण जैन और जिनेन्द्र शास्त्री के भी नाम हैं।