उदयपुर, 27 जनवरी। बरसों इंतजार के बाद उदयपुर-अहमदाबाद ब्रॉडगेज लाइन का सपना पूरा हो जाने के बाद भी हर दिल अभी यही कह रहा है ‘ये दिल मांगे मोर।’
जी हां, बीती दीपावली के बाद जबसे उदयपुर-अहमदाबाद ट्रेन शुरू हुई है, उसके बाद से ही इसमें सैंकड़ों लोग सफर कर चुके हैं और नियमित सफर कर रहे हैं। लेकिन, सभी यही कह रहे हैं कि इस ट्रैक पर सिर्फ एक गाड़ी काफी नहीं है। अलग-अलग क्षेत्रों से मांग भी उठ चुकी हैं। चित्तौड़ से लेकर राजसमंद, उदयपुर, डूंगरपुर, हिम्मतनगर, अहमदाबाद सहित मुम्बई और बेंगलूरु में बसा मेवाड़-वागड़ के बाशिन्दे भी सीधे जुड़ाव का इंतजार कर रहे हैं।
अहमदाबाद के असारवा स्टेशन पर कैंटीन चलाने वाले उदय सिंह कहते हैं कि अभी सिर्फ एक गाड़ी चली है। बरसों बाद इस स्टेशन पर चहल-पहल शुरू हुई है। लेकिन, उन्हें इंतजार है और गाड़ियों का। असारवा से चलने वाली ट्रेन सुबह साढ़े छह बजे रवाना होती है, ऐसे में 5 बजे से दिनचर्या शुरू करने वाले उदयसिंह कहते हैं कि बरसों बाद यहां रौनक हुई है। उदयपुर से आने वाली ट्रेन रात को असारवा पहुंचती है। दिन में डूंगरपुर-असारवा के बीच डेमू भी चलती है। लेकिन, हर यात्री यही कहता है कि गाड़ियां और चलनी चाहिए और जल्द ही इसकी उम्मीद भी है। उदयपुर और अहमदाबाद के बीच सुबह-शाम दोनों समय गाड़ी होनी चाहिए। यही बात हिम्मतनगर पर समोसे बेचने वाले युवक को भी यही उम्मीद है कि कुछ दिनों में इस रेलमार्ग पर और गाड़ियां शुरू हो जाएंगी और लगातार यात्री बढ़ेंगे।
रिखबदेव के रहने वाले देवीसिंह राजपूत गाड़ी शुरू होने के बाद कई बार अहमदाबाद आ-जा चुके हैं। इस गाड़ी के चलने से बसों के भारी किराये से राहत मिली है। ऐसे ही कई यात्री हैं जो रेलगाड़ी को बसों की तुलना में बेहतर बता रहे हैं, लेकिन सभी यही चाहते हैं कि उदयपुर-अहमदाबाद दोनों तरफ से सुबह-शाम गाड़ियां चलें। गाड़ियों का समय ऐसा रहे कि लोग आगे की गाड़ियां भी आसानी से पकड़ सकें।
खारवा क्षेत्र को सुबह जल्दी चाहिए गाड़ी
खारवा-चांदा क्षेत्र के कई युवा उदयपुर में कलड़वास, मादड़ी रीको औद्योगिक क्षेत्रों में काम करते हैं। उनकी नौकरी का समय सुबह नौ से साढ़े नौ के बीच शुरू हो जाता है और शाम को वे करीब साढ़े पांच से छह के बीच छूटते हैं। ऐसे में वे चाहते हैं कि अहमदाबाद से आने वाली और उदयपुर से जाने वाली कोई लोकल गाड़ी ऐसी चले जो साढ़े आठ से नौ बजे के बीच उमरड़ा रेलवे स्टेशन पर पहुंचा दे और शाम को साढ़े छह के करीब घर लौटने के लिए भी गाड़ी मिल जाए। इस क्षेत्र के कई जनजाति युवा फैक्ट्रियों में काम करने उदयपुर आते हैं।
लौटते में पानी नहीं रहता कोच में
-उदयपुर से शाम को चल कर रात को असारवा पहुंचने वाली ट्रेन जब सुबह फिर से उदयपुर के लिए रवाना होती है तो उसमें पानी नहीं रहता। खासतौर से जनरल कोच के यात्री इस समस्या से आए दिन परेशान रहते हैं। बीते रविवार को ही कई यात्रियों ने इस सम्बंध में शिकायत की। पानी नहीं होने से शौचालय गंदे भी हो जाते हैं और यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
सुगबुगाहट इन गाड़ियों की
नाथद्वारा-सूरत
जयपुर-अहमदाबाद
कोटा-अहमदाबाद
दक्षिणी भारत के लिए
उदयपुर-बेंगलूरु वाया अहमदाबाद
इनका रूट बदलने की उम्मीद
उदयपुर-बांद्रा वाया रतलाम को वाया अहमदाबाद