जयपुर, 15 नवम्बर। भगवान बिरसा मुंडा जी की 150वीं जयंती के अवसर पर शनिवार को जोधपुर जिले के सेखाला ब्लॉक में जिला स्तरीय “जनजातीय गौरव दिवस” कार्यक्रम उत्साहपूर्वक मनाया गया, जिसमें केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत एवं पंचायती राज मंत्री तथा जोधपुर प्रभारी मंत्री श्री मदन दिलावर ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम में अतिथियों ने भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
इस अवसर पर जनजातीय विरासत पर केंद्रित प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसका अतिथियों ने अवलोकन किया तथा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत पात्र लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया।
इस दौरान राजस्थानी लोककथा पाबूजी की फड़ की पारंपरिक प्रस्तुति तथा प्रसिद्ध घूमर नृत्य ने समारोह में सांस्कृतिक रंग भरते हुए उपस्थित जनसमुदाय को मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा का जनजातीय गौरव दिवस पर वर्चुअल संबोधन भी प्रसारित किया गया, जिसमें उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा के महान योगदान और आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला गया।
भगवान बिरसा मुंडा के आदर्श सभी को प्रेरित करते हैं – श्री शेखावत
केंद्रीय मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने समारोह को संबोधित करते हुए भगवान बिरसा मुंडा को स्मरण किया और उनके प्रति श्रद्धा एवं कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के आदर्श आज भी सभी देशवासियों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। कम आयु में ही भगवान बिरसा ने आदिवासी समाज का नेतृत्व करते हुए अन्याय और अत्याचार के खिलाफ अलख जलाई तथा जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए जनजागृति लाई।
श्री शेखावत ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा ने अपने त्याग, साहस और बलिदान से भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को मजबूती प्रदान की। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतकाल में हम सभी को बिरसा मुंडा जैसे जननायकों से प्रेरणा लेकर ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र पर चलते हुए राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहिए।
श्री शेखावत ने अपने संबोधन में शेरगढ़ क्षेत्र में विधायक श्री बाबू सिंह राठौड़ के नेतृत्व में जारी “सक्षम शेरगढ़” अभियान की प्रशंसा की और इसमें सभी से सक्रिय सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य समाज के समर्थ लोगों को आगे आकर जरूरतमंदों की मदद करने के लिए प्रेरित करना है, जिससे सामूहिक प्रयासों से क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हो सके।
श्री शेखावत ने जोधपुर जिले में पेयजल आपूर्ति को और सुदृढ़ करने की योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि वे राजस्थान नहर परियोजना के तृतीय चरण के कार्य की स्वयं नियमित मॉनीटरिंग कर रहे हैं, ताकि जोधपुर जिले के सभी हिस्सों तक पेयजल जल्द से जल्द पहुंच सके। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस चरण के पूरा होते ही जोधपुर के प्रत्येक गांव-ढाणी तक स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुचारू हो जाएगी।
श्री शेखावत ने राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” की 150वीं वर्षगांठ का ज़िक्र करते हुए कहा कि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित यह गीत सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि हमारी राष्ट्रभक्ति की आत्मा है। “वंदे मातरम्” ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान असंख्य वीरों के हृदय में जोश भरने का कार्य किया और सभी देशवासियों को एकता के सूत्र में पिरोया। केंद्रीय मंत्री ने देशवासियों से आह्वान किया कि वे राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” की 150वीं वर्षगांठ पर तीन मिनट का समय निकालकर यह गीत गायें । इससे हम सभी स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को नमन करेंगे और देश को विकसित बनाने के अपने संकल्प को दोहराएंगे।
पर्यावरण संरक्षण का संकल्प ही सच्ची श्रद्धांजलि – श्री दिलावर
राज्य के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री मदन दिलावर ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा भारत के जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे महानायक थे जिन्होंने ब्रिटिश उपनिवेशवाद की दमनकारी नीतियों और धर्मांतरण के प्रयासों के विरुद्ध साहसपूर्वक आवाज़ उठाई। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत सरकार द्वारा हर वर्ष 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती को “जनजातीय गौरव दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय आदिवासी समाज के गौरवशाली इतिहास, संघर्ष और योगदान को सम्मान देने की एक ऐतिहासिक पहल है। श्री दिलावर ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने भले ही मात्र 25 वर्ष का अल्प जीवन जिया, लेकिन इस छोटी आयु में ही वे पूरे देश के प्रिय बन गए। उन्होंने कम उम्र में अंग्रेजी शासन के खिलाफ प्रभावी आंदोलन चलाकर आदिवासी समाज में आत्मसम्मान और स्वतंत्रता की लौ जलाई। 25 वर्ष की आयु में अंग्रेजों द्वारा जेल में उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी गई, लेकिन उनका बलिदान व्यर्थ नहीं गया।
श्री दिलावर ने जोर देकर कहा कि भगवान बिरसा मुंडा का आंदोलन इतना प्रखर था कि उसने ब्रिटिश हुकूमत की नींव हिला दी और आज पूरा देश कृतज्ञतापूर्वक उन्हें स्मरण करता है। उनके संघर्ष और आदर्शों को याद कर समूचा जनजातीय समुदाय गौरवान्वित महसूस करता है।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा प्रकृति-प्रेमी और स्वच्छता-प्रेमी थे। पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनका विशेष लगाव था। उन्होंने कहा कि यदि हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देना चाहते हैं तो हमें पर्यावरण को सुरक्षित रखने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों से आह्वान किया कि दैनिक जीवन में पॉलीथिन का उपयोग समाप्त करें, स्वच्छता बनाए रखें और अधिकाधिक वृक्षारोपण करके प्रकृति की रक्षा में अपना योगदान दें। यह कदम बिरसा मुंडा के आदर्शों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगा।
प्रभारी मंत्री श्री दिलावर ने सभी से स्वदेशी उत्पादों का अधिक प्रयोग करने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि स्वदेशी उत्पादों को अपनाने से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। “हमारे छोटे-छोटे कदम आत्मनिर्भर भारत के महान लक्ष्य को हासिल करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे,” उन्होंने विश्वास व्यक्त किया।
‘सक्षम शेरगढ़’ अभियान में जनसहभागिता का आह्वानकार्यक्रम में शेरगढ़ विधायक श्री बाबू सिंह राठौड़ ने “सक्षम शेरगढ़” अभियान की अवधारणा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस पहल का मूल मंत्र “जो सक्षम है, वह सक्षम की मदद करे। श्री राठौड़ ने बताया कि सक्षम शेरगढ़ अभियान के तहत क्षेत्र में आर्थिक रूप से संपन्न एवं शिक्षित लोग सामूहिक प्रयास से गरीब एवं असहाय परिवारों को संबल प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने क्षेत्र को सशक्त एवं आत्मनिर्भर शेरगढ़ बनाने का संकल्प दोहराते हुए जनसहभागिता की महत्ता पर ज़ोर दिया।
प्रदर्शनी और लोक कला के रंग से सजा आयोजनजिला स्तरीय इस समारोह में आदिवासी विरासत और विकास योजनाओं पर केंद्रित विशेष प्रदर्शनी सभी के आकर्षण का केंद्र रही। प्रदर्शनी में भगवान बिरसा मुंडा के जीवन संघर्ष, आदिवासी समाज की संस्कृति एवं गौरवशाली इतिहास को दर्शाती चित्रावली प्रदर्शित की गई। साथ ही केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जनजाति कल्याण के लिए संचालित प्रमुख योजनाओं की जानकारी भी दी गई। स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प उत्पादों की स्टॉल्स पर अतिथियों ने रुचि दिखाई और महिलाओं के कौशल कार्य की सराहना की।
प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए श्री शेखावत और श्री दिलावर ने आदिवासी कला एवं संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के प्रयासों की प्रशंसा की।
इस अवसर पर ओसियां विधायक श्री भैराराम सियोल, श्री त्रिभुवन सिंह भाटी, श्री शिव प्रकाश सोनी, जिला कलक्टर श्री गौरव अग्रवाल, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री आशीष कुमार मिश्रा सहित जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण लोग उपस्थित रहे।