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Current News / पूर्ववर्ती सरकार ने स्वीकार किया इसलिए प्रदेश में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर -ऊर्जा मंत्री

clean-udaipur पूर्ववर्ती सरकार ने स्वीकार किया इसलिए प्रदेश में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर -ऊर्जा मंत्री
Dinesh Bhatt September 03, 2025 06:19 PM IST

जयपुर, 03 सितम्बर। ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हीरालाल नागर ने विधानसभा में बुधवार को कहा कि प्रदेश में फिलहाल आरडीएसएस योजना के अन्तर्गत स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इस योजना की क्रियान्विति की प्रक्रिया 21 मार्च 2022 को पूर्ववर्ती सरकार के समय कैबिनेट के अनुमोदन के साथ शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर के टेंडर आमंत्रित करने का काम भी पूर्ववर्ती सरकार के समय ही प्रारंभ हुआ। हमारी सरकार ने तो इस योजना को आगे बढ़ाने का काम किया है।

श्री नागर प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय ही स्मार्ट मीटर के 10 पैकेजों के टेंडर 16 जनवरी, 2023 को आमंत्रित किए गए थे। स्मार्ट मीटर कोई थोपी हुई योजना नहीं है। देश में जिन राज्यों ने इसे स्वीकार नहीं किया वहां स्मार्ट मीटर नहीं लगाए जा रहे। यदि पूर्ववर्ती सरकार नहीं चाहती तो इसे कैबिनेट से स्वीकार नही करती और प्रदेश में स्मार्ट मीटर नहीं लगाए जा सकते थे।

अनुदान राशि प्राप्त करने में मिली सफलता

श्री नागर ने कहा कि आरडीएसएस योजना के तहत राज्य को मिलने वाली अनुदान राशि प्राप्त करने के लिए सरकारी कार्यालयों में स्मार्ट मीटर लगाने के काम को गति दी गई। उन्होंने कहा योजना की गाइडलाइन में स्पष्ट है कि जब तक 25 प्रतिशत सरकारी कार्यालयों में स्मार्ट मीटर नहीं लगेंगे तब तक अनुदान राशि प्राप्त नहीं होगी। यह अनुदान राशि प्राप्त करने के लिए हमने इस गाइडलाइन का पालन करते हुए तेजी से काम किया और प्रदेश के 25 प्रतिशत सरकारी कार्यालयों में स्मार्ट मीटर लगाने में सफलता हासिल की।

नए कनेक्शन जल्द हों इसके लिए तात्कालिक रूप से समाप्त की स्मार्ट मीटर की अनिवार्यता

श्री नागर ने कहा कि नए कनेक्शन पर पुराने इलेक्ट्रॉनिक मीटर भी लगाने की संशोधित गाइडलाइन इसलिए जारी की गई क्योंकि जले हुए खराब मीटरों तथा नए कनेक्शन के लिए मीटर की पेंडेंसी बढ़ गई थी। संवेदक द्वारा स्मार्ट मीटर लगाने का काम धीमी गति से किया जा रहा था। इसलिए हमने जनहित में संशोधित गाइडलाइन जारी की। जिसके जरिए निर्णय किया कि स्मार्ट मीटर की बजाय सामान्य मीटर से भी नए कनेक्शन करेंगे ताकि जनता को नए कनेक्शन में देरी न हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि नए कनेक्शनों तथा जले हुए मीटर के स्थान पर सामान्य मीटर लगाने का काम तात्कालिक है। जैसे ही पर्याप्त उपलब्धता होगी इन कनेक्शनों पर भी स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।

इससे पहले विधायक श्री गोविन्द सिंह डोटासरा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2020 से इंटीग्रेटेड पॉवर डवलपमेंट स्कीम (IPDS) और नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन (NSGM) योजना के तहत स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य प्रारम्भ किया गया एवं केन्द्र सरकार द्वारा प्रवर्तित "रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम" (RDSS) के क्रियान्वयन हेतु प्रदेश के तीनों विद्युत निगमों की कार्य योजना को तत्कालीन राजस्थान सरकार के मंत्रिमण्डल द्वारा 21 मार्च2022 को स्वीकृत करते हुए अनुमोदन किया गया। जिसके पश्चात 28 मार्च2022  को RDSS योजना की डीपीआर नोडल एजेंसी Rural Electrification Corporation Limited (RECL) द्वारा स्वीकृत हुई।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में इंटीग्रेटेड पॉवर डवलपमेंट स्कीम (IPDS) और नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन (NSGM) योजना में नवम्बर2020 से मार्च2024 तक कुल 5 लाख 39 हजार 413 स्मार्ट मीटर लगाये गये।

प्रदेश में रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) योजना में 22 अगस्त2025 तक 5 लाख 31 हजार 670 स्मार्ट मीटर लगाये जा चुके हैं। इसका जिलेवार एवं श्रेणीवार विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा।

श्री नागर ने जानकारी दी कि इंटीग्रेटेड पॉवर डवलपमेंट स्कीम (IPDS) और नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन (NSGM) योजना के तहत स्मार्ट मीटरों को लगाने का कार्यादेश खुली प्रतिस्पर्धा बोली के आधार पर दिया गया। जयपुर डिस्कॉम के कार्यादेश 20 अगस्त2018 व 24 अगस्त2018अजमेर डिस्कॉम के कार्यादेश 15 जुलाई2019 एवं जोधपुर डिस्कॉम के कार्यादेश 01 अगस्त2019 को जारी किये गये थे। जिनका जिलेवार विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा।

 

उन्होंने बताया  कि तत्कालीन राज्य सरकार के मंत्रिमण्डल द्वारा 21 मार्च2022 को अनुमोदन के पश्चात RDSS योजना में केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त नोडल एजेंसी Rural Electrification Corporation Limited (RECL) द्वारा standard Bidding Document 20 अगस्त2022 को जारी किया गया। तत्पश्चात bidding Document में निर्धारित एवं स्वीकृत शर्तों के अनुसार खुली प्रतिस्पर्धी बोली हेतु 10 पैकेज में 16 जनवरी2023 को निविदा आमंत्रित की गई। राजस्थान उच्च न्यायालय के 27 मार्च 2023 के स्थगन आदेश की पालना में निविदा प्रक्रिया रोक दी गई। जिसे राजस्थान उच्च न्यायालय के 10 अक्टूबर2023 के आदेश द्वारा स्थगन आदेश हटाने के पश्चात टेंडर प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए पूर्व की शर्तों अनुसार कार्यादेश जारी किये गये हैं। जिनका जिलेवार विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा।

ऊर्जा राज्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में स्थापित मीटर जांच में सही पाये जाने पर उन फीडर अथवा उपखंड कार्यालयों जहांस्मार्ट मीटर की स्थापना का कार्य शुरू नहीं किया गया हैवहां पर जारी होने वाले नये कनेक्शन एवं खराब/जले हुये मीटरों बदलने हेतु उपयोग में लिया जाना प्रस्तावित है। प्रदेश में उपभोक्ताओं को निःशुल्क स्मार्ट मीटर की स्थापना प्रदान की जा रही हैजिससे उपभोक्ताओं पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ रहा। अकार्यशील व अवधिपार मीटरों को नियमानुसार नीलामी द्वारा स्क्रैप के रूप में निपटारा किया जायेगा। जिसकी आय संबंधित डिस्कॉम के राजस्व खाते में जमा की जाएगी।

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