17 मई 2022 : ज्ञानवापी सर्वे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि वाराणसी सिविल मामले का निपटारा करे। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई करते हुए कई अहम निर्देश दिए हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह कही गई है कि जहां शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है, उस जगह को डीएम संरक्षित करें। लेकिन, मुस्लिमों को मस्जिद में नमाज से न रोका जाए। इस तरह कोर्ट ने मुस्लिमों को नमाज की इजाजत के साथ शिवलिंग वाली जगह को संरक्षित और सुरक्षित रखने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ट्रायल कोर्ट ने डीएम वाराणसी को उस परिसर को सील करने का निर्देश दिया जहां शिवलिंग पाया गया था। उसने वजूखाने में प्रवेश प्रतिबंधित किया और कहा कि इसका उपयोग नहीं किया जाएगा। केवल 20 लोगों को प्रार्थना के लिए अनुमति दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह मामले में नोटिस जारी कर सकता है। सुनवाई की अगली तारीख तक यह निर्देश जारी किया जा सकता है। इसमें डीएम वाराणसी सुनिश्चित करेंगे कि शिवलिंग क्षेत्र की रक्षा की जाएगी। लेकिन, यह मुसलमानों की नमाज के लिए मस्जिद में प्रवेश में बाधा नहीं बनेगी।
उधर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज शाम वर्चुअल मीटिंग बुलाई है। एआईएमपीएलबी ने इस पर अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि मस्जिद का वजू खाना बंद कराया जाना नाइंसाफी है। एआईएमपीएलबी ज्ञानवापी के पूरे घटनाक्रम करे साजिश करार दिया है।