जयपुर, 25 जून। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री अविनाश गहलोत ने कहा कि हमारे लोकतंत्र सेनानियों की बदौलत ही आज संविधान व लोकतंत्र जीवित है। इनके संघर्ष और साहस के आगे 50 वर्ष पूर्व तत्कालीन सरकार को झुकना पड़ा था। इस दिवस को मनाने के पीछे उद्देश्य यही है कि हमारी आने वाली पीढ़ियों को यह पता हो कि लोकतंत्र को बचाने के लिए लोकतंत्र सेनानियों ने कितनी यातनाएं झेली।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री बुधवार को टोंक नगर परिषद सभागार में देश में लगाए गए आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित संविधान हत्या दिवस—2025 कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान भी किया।
श्री अविनाश गहलोत ने कहा कि हमारे लोकतंत्र को जब-जब कमजोर करने की कोशिश की गई तब-तब देश के लोगों ने एकजुट हो यह बताया है कि लोकतंत्र की जड़े कितनी मजबूत है। आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के सामने कई चुनौतियां खड़ी थी। प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया था। लोगों की आजादी पर प्रतिबंध लगा दिए गए थे। इसके बावजूद 21 महीनों के संघर्ष के बाद हमारा लोकतंत्र पुर्नजीवीत हुआ। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों का नाम इतिहास के पन्नों पर हमेशा के लिए दर्ज हो गया है और आज हमें इन्हे सम्मानित करते हुए गर्व का अनुभव हो रहा है।
श्री गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा सभी वर्गों के कल्याण के लिए सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास और सबका कल्याण की भावना से कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि हम सभी अपने अधिकारों के साथ कर्त्तव्यों का भी निष्ठा पूर्वक निर्वहन करें।
लोकतंत्र सेनानियों को किया सम्मानित—
कैबिनेट मंत्री श्री गहलोत ने कार्यक्रम में मौजूद लोकतंत्र सेनानियों का माला पहनाकर एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया। इस अवसर पर आपातकाल के दौरान लोकतंत्र सेनानियों के त्याग, समर्पण और साहस पर आधारित लघु फिल्म को दिखाया गया।
इस दौरान देवली-उनियारा विधायक श्री राजेंद्र गुर्जर, निवाई-पीपलू विधायक श्री रामसहाय वर्मा, जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल समेत अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं लोकतंत्र सेनानी मौजूद रहे।