25 दिसम्बर 2022 : राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की तरफ से आयोजित सेकेंड शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने की वजह से रद्द कर दिया गया है। मामले को लेकर उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को इस पूरे मामले को लेकर इनपुट से सूचना मिली थी। इसके बाद उदयपुर पुलिस की डीएसटी टीम ने संयुक्त कार्रवाई को अंजाम देते हुए बस से कुल 49 लोगों को गिरफ्तार किया । जिनमें से 45 अभ्यर्थी हैं, जबकि दो डमी कैंडिडेट के साथ मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया गया है।
मास्टरमाइंड जालोर के सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल है और ये ही बस को एस्कॉर्ट कर रहा था। मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड सुरेश बिश्नोई को गिरफ्तार किया गया है, जो कि जालोर के एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल के पद पर काम कर रहा है। ज्यादातर अभ्यर्थी जालोर के रहने वाले हैं। ऐसे में सभी लोग शुक्रवार को ही उदयपुर में आकर राजस्थान लोक परिवहन की बस में बैठ गए और उदयपुर के सुखेर इलाके से शुक्रवार रात को सभी अभ्यर्थियों को लेकर बस रवाना हुई।
इन सभी लोगों को एस्कॉर्ट करने के लिए मास्टरमाइंड आगे अलग गाड़ी में चल रहा था। अभ्यर्थियों को बस के अंदर ही पेपर सॉल्व करवाया जा रहा था। पूरी रात बस उदयपुर से लेकर बेकरिया थाने तक दौड़ती रही। सुबह पुलिस ने बस को रुकवा कर सबको गिरफ्तार किया गया।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सेकंड ग्रेड अध्यापक भर्ती के पेपर को बस में सॉल्व करवा कर अभ्यर्थी को दिया जाना था। बस में से पुलिस को कुछ ऐसे पेपर मिले हैं,जिसमें कुछ सवाल प्रश्न पत्र से मिलते-जुलते भी मिले हैं। आरपीएससी, एसओजी के द्वारा भी पहले से जानकारी दी गई है। मुख्य सरगना के पास रात को 2 बजे पेपर आया। मुख्य सरगना सुरेश और उसके साथी की ओर से अभ्यर्थियों को पेपर सॉल्व करवाया रहा था। एसपी ने बताया कि इस मामले में कुछ अभ्यर्थियों ने 10 लाख रुपए भी दिए हैं। जबकि कुछ लोगों से सिलेक्शन होने के बाद राशि देने की बात कही गई थी।
पुलिस रातभर करती रही बस का पीछा
उदयपुर के सुखेर थाना इलाके से शुरू हुई बस देर रात को गोगुंदा पहुंची। वहां अभ्यर्थियों ने चाय नाश्ता किया और इसके बाद बस उदयपुर सीमा में ही रात भर घूमती रही। आरोपियों ने अभ्यर्थियों के लिए जब चाय आर्डर की, उससे पुलिस को अनुमान लगा कि बस में कितने लोग बैठे हुए हैं। इसके लिए पुलिस ने 5 एसएचओ की टीम को रात में ही सूचना के आधार पर लगाया गया था।
पुलिस को सूचना मिलने के साथ ही एक स्थान पर पुलिस ने मीटिंग कर आरोपियों की पकड़ने की पूरी योजना तैयार की। इसके बाद पुलिस ने नाकाबंदी करके जब बस को रुकवाया गया, तो चेकिंग के दौरान कुछ पेपर प्राप्त हुए। बताया जा रहा है कि इस मामले में जयपुर कनेक्शन भी सामने आया है। दावा है कि जयपुर के रहने वाले सुरेश ढाका और भूपी नाम के दो लोगों ने पेपर उपलब्ध करवाया था।
नकल गिरोहों के विरुद्ध लगेगा NSA और संपत्ति होगी जब्त
उदयपुर में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने के बाद अब राजस्थान पुलिस गिरफ्त में आए नकल माफिया गिरोह के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही है। DGP उमेश मिश्रा ने बताया कि नकल कराने का प्रयास करने वालों के रिकॉर्ड को खंगाला जाएगा और इन तत्वों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नकल कराने में लिप्त आपराधिक तत्वों के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नकल कराने वाले गिरोहों में शामिल अपराधियों की संपत्ति भी जब्त करने के लिए पासा कानून में संशोधन सुझाया जा रहा है। पासा कानून के अनुसार व्यक्ति को बिना किसी सार्वजनिक प्रकटीकरण के एक वर्ष तक की अवधि के लिए हिरासत में रखा जा सकता है।