28 जून को उदयपुर के कन्हैयालाल की दिन दहाड़े दो मुस्लिम युवकों ने निर्मम हत्या कर दी थी। उदयपुर हत्याकांड के बाद पूरे देश में आक्रोश देखने को मिला था। हालांकि पुलिस ने आनन-फानन में आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पूरे प्रदेश में धारा 144 लगाई गई. साथ ही पूरे राजस्थान में नेटबंदी की गई थी।
पूरे देश में इस हत्याकांड को लेकर आक्रोश देखा गया था। वारदात के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उदयपुर में कन्हैयालाल के घर गए थे। गहलोत ने परिजनों की मदद के लिए पचास लाख रुपये की आर्थिक मदद दी थी। साथ ही उन्होंने कन्हैयालाल के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया था। बाद में 6 जुलाई को गहलोत कैबिनेट ने नियमों में संशोधन कर मृतक कन्हैयालाल के दोनों बेटों को नौकरी देने के फैसले पर मुहर लगाई थी।
विगत वर्ष 2022 में उदयपुर में हुए कन्हैयालाल के सिर कलम करने के दर्दनाक हत्याकांड को 2 दिन बाद 1 साल पूरा होने वाला है लेकिन अभी तक पीड़ित परिवार को इंसाफ नहीं मिला है। इस वीभत्स हत्याकांड ने मानवता की सारी हदें पार कर दी थी।
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) June 25, 2023
हत्याकांड के आरोपियों मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद को… https://t.co/txjDL8JDKV
मामलें में राजस्थान भाजपा के नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा-
"विगत वर्ष 2022 में उदयपुर में हुए कन्हैयालाल के सिर कलम करने के दर्दनाक हत्याकांड को 2 दिन बाद 1 साल पूरा होने वाला है लेकिन अभी तक पीड़ित परिवार को इंसाफ नहीं मिला है। इस वीभत्स हत्याकांड ने मानवता की सारी हदें पार कर दी थी। हत्याकांड के आरोपियों मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद को तत्समय मुख्यमंत्री जी ने फास्ट ट्रेक कोर्ट में मामले की सुनवाई करवाते हुए 6 महीने में सजा दिलाने की बात कही थी। आज 1 साल बाद भी कन्हैयालाल का परिवार न्याय के इंतजार में है।कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों को पकड़वाने में दो युवक शक्ति सिंह और प्रहलाद की भी सक्रिय भूमिका रही। मुख्यमंत्री जी ने इन दोनों युवकों को सुरक्षा प्रदान करने का भरोसा दिलाया था। लेकिन आज तक इन्हें किसी प्रकार की सुरक्षा या संबल नहीं दिया गया। आज दोनों युवा बेरोजगार होकर सुरक्षा के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।"