उदयपुर, 18 नवंबर 2022 : उदयपुर रेलवे ट्रैक पर धमाका करने वाले तीन आरोपियों को स्थानीय कोर्ट ने पांच दिन की रिमांड पर भेज दिया है। एटीएस की टीम ने न्यायालय में सात दिन की रिमांड माँगी थी।अब रिमांड के दौरान एटीएस और पुलिस आरोपियों से गहन पूछताछ करेगी। कोर्ट लाने से पहले तीनों ही आरोपियों से घटनास्थल पर ले जाकर मौका तस्दीक करवायी गयी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार उदयपुर-अहमदाबाद आमान परिवर्तन ब्रॉडगेज बनाने के लिए कई लोगों की भूमि अवाप्त की गई थी। इसमें सरकार की तरफ से मुआवजा भी दिया गया था। इसी अधिग्रहण में मुख्य आरोपी धुलचंद की 70 बीघा जमीन आ रही थी और सरकार ने 70 बीघा जमीन अधिग्रहित भी की, लेकिन सूत्रों के अनुसार उसके परिवार को 20 बीघा जमीन ही मुआवजा मिला। शेष 50 बीघा प्रशासन ने सरकारी जमीन बताई। इसी बात को लेकर आरोपी के परिजनों ने स्थानीय प्रशासन से कई बार गुहार लगाई। लेकिन अथक प्रयासों के बाद भी उसे और उसके परिजनों के कुछ हाथ नहीं लगा। इसके बाद उसके मन रेलवे ट्रेक को लेकर गुस्सा भरा रहा। यह गुस्सा तब बाहर आने लगा, जब 31 अक्टूबर को ब्रॉडगेज लाइन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरुआत की। इसके बाद धूलचंद लाइन को उड़ाने का षडयंत्र रचने लगा। इसके लिए उसने यूट्यूब पर कई वीडियो देखे। पुलिस की जांच में यूट्यूब में 24 से ज्यादा वीडियो हिस्ट्री मिली है। इस योजना में उसने अपने 18 साल के भतीजे प्रकाश और 17 साल के दूसरे नाबालिग भतीजे को भी शामिल किया था।
उदयपुर पुलिस के सूत्रों के अनुसार धूलचंद ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि उसने दो बम बनाए थे। उदयपुर अहमदाबाद ट्रेन के गुजर जाने के बाद शाम लगभग 7 बजे तीनों आरोपियों ने पुल पर चढ़ दोनों बमों को पुल पटरी पर रखा। इसके बाद जैसे ही पहले बम को माचिस से आग लगाया तो स्थिति देख धूलचंद और साथ में मौजूद नाबालिग भतीजा डर गए और घबरा कर बाइक की तरफ भाग भाग गए जहां पहले ही उसका भतीजा प्रकाश बाइक चालू रख कर तैयार खड़ा था। धमाका होने के बाद तीनों वहां से भाग गए।