सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में ‘वजू' के लिए पानी का पर्याप्त इंतजाम करने का निर्देश दिया है। अदालत ने वाराणसी के जिलाधिकारी को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि वे वजू के लिए पानी से भरे प्लास्टिक के टब पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराएं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से यह आश्वासन दर्ज कराने के लिए कहा कि जिला प्रशासन की ओर से उस स्थान पर पर्याप्त पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
पीठ ने कहा कि हम सॉलिसिटर-जनरल का बयान दर्ज करते हैं कि वजू को सुविधाजनक बनाने के लिए उस स्थल पर जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि ईद पर नमाज पढ़ने के लिए आने वाले लोगों के लिए पर्याप्त संख्या में टब हों और पानी के लिए सुविधाएं नजदीक में उपलब्ध हों ताकि असुविधा न हो।
इससे पहले रमजान और ईद के दौरान मस्जिद परिसर में ही वजू करने की मांग मस्जिद कमेटी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी गई थी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट से एसजी तुषार मेहता ने कहा कि कलेक्टर ने 70 मीटर दूर एक जगह की पेशकश की है। मस्जिद कमेटी की ओर से सीनियर एडवोकेट हुजैफा अहमदी ने कहा कि हमें इससे दूर क्यों किया जाना चाहिए?
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि शुक्रवार और शनिवार के लिए कोई व्यवस्था की जा सकती है ? सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि डीएम से बात हुई है, जहां शिवलिंग मिलने की बात है वहां वजू की इजाजत नहीं दी जा सकती है। एसजी ने कहा कि हमने 6 ड्रम उपलब्ध कराए हैं।पानी की उचित व्यवस्था भी है। इस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कुछ सुविधाजनक प्रोवाइड कराया जाए। इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि हम पर्याप्त पानी उपलब्ध कराएंगे।
बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में कराए गए सर्वे के दौरान वजूखाने से शिवलिंग निकला था। जिसे मस्जिद पक्ष फव्वारा बता रहा था।
सर्वोच्च अदालत ने नवंबर 2022 को अपने एक फैसले में ज्ञानवापी परिसर में मिले ‘शिवलिंग’ और उसके आसपास के क्षेत्र को सुरक्षित रखने का आदेश दिया था। वजूखाने के इलाके को सील कर दिया गया है और सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है।
बता दें कोर्ट ने मुख्य मामले की सुनवाई के लिए 7 अगस्त 2023 की तारीख तय की हुई है। मुख्य मामले में मस्जिद कमेटी ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे कराने के आदेश को चुनौती दी है।