22 जुलाई 2022 : सुप्रीम कोर्ट ने 24 हफ्ते की गर्भवती एक लड़की को सुरक्षित गर्भपात कराने की इजाजत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि अगर इस गर्भपात से महिला को किसी तरह का खतरा नहीं है तो गर्भपात करवाने दिया जाए। आपको बताते चले कि MTP एक्ट के तहत 20 हफ्ते तक ही गर्भपात की अनुमति होती है।
इसी आधार पर दिल्ली हाई कोर्ट ने गर्भपात की याचिका खारिज कर दी थी। महिला सहमति से बनाए गए संबंध के चलते गर्भवती हो गई थी।
कोर्ट ने कहा मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रग्नेंसी एक्ट में बदलाव किया गया है। केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2021 में कानून में बदलाव करते हुए गर्भपात के कुछ शर्तों के साथ गर्भपात का 20 हफ्तों से बढ़ाकर 24 हफ्ते कर दी थी। इस बदलाव में रेप विक्टिम से लेकर शादी का स्टेटस बदले जाने पर प्रेग्नेंसी टर्मिनेशन का समय 24 हफ्ते कर दिया गया था। किसी नाबालिक लड़की की प्रेग्नेंसी के मामले में टर्मिनेशन 24 हफ्ते तक है,वही अगर कोई महिला प्रेग्नेंट है और वह उसी समय विधवा हो जाती है या उसका तलाक हो जाता है जिससे उसका मेरिटल स्टेटस बदल जाता है तो 24 हफ्ते तक गर्भपात हो सकता है।