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Current News / सभी खाद्य तेलों और तिलहनों के लिए स्टॉक सीमा 31 दिसंबर, 2022 तक बढ़ाई गई

clean-udaipur सभी खाद्य तेलों और तिलहनों के लिए स्टॉक सीमा 31 दिसंबर, 2022 तक बढ़ाई गई
DINESH BHATT April 01, 2022 10:54 AM IST

सरकार ने खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए 30 मार्च, 2022 को एक केंद्रीय आदेश अधिसूचित किया है। इसमें लाइसेंसिंग आवश्यकताओं, स्टॉक सीमा और निर्दिष्ट खाद्य पदार्थ आदेश, 2016 की गतिविधि पर प्रतिबंध और दिनांक 3 फरवरी, 2022 को जारी इसके केंद्रीय आदेश को सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 31 दिसंबर, 2022 तक की अवधि के लिए सभी खाद्य तेलों और तिलहनों के लिए स्टॉक सीमा का विस्तार करते हुए संशोधित किया गया है। यह आदेश पहली अप्रैल, 2022 से 31 दिसंबर, 2022 तक प्रभावी है।

 

इससे पहले, सरकार ने 3 फरवरी, 2022 को जारी अपने आदेश के तहत खाद्य तेलों और तिलहनों पर 30 जून, 2022 तक स्टॉक सीमा मात्रा लगाई थी जिसे अब नवीनतम आदेश के माध्यम से 31 दिसंबर 2022 तक बढ़ा दिया गया है। इस आदेश में एक अन्य महत्वपूर्ण संशोधन यह है कि उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और बिहार जैसे 6 राज्य, जिन्होंने केंद्रीय आदेश के अनुपालन में अपना नियंत्रण आदेश जारी किया था, को भी पहली अप्रैल, 2022 से प्रभावी नवीनतम आदेश के दायरे में लाया गया है।

उपरोक्त फैसला दुनिया भर में मौजूदा भू-राजनीतिक स्थितियों के कारण सभी खाद्य तेलों की कीमतों में उच्चतम स्तर पर बढ़ोतरी की प्रवृति पर विचार-विमर्श के बाद लिया गया था। यूक्रेन से सूरजमुखी के तेल की आपूर्ति पर दबाव का इंडोनेशिया की निर्यात नीति पर असर पड़ा है, जिससे पाम के तेल के आयात पर असर पड़ा है। इसके अलावा, यह असर दक्षिण अमेरिका में फसलों को हुए नुकसान से और भी बढ़ गया है जिससे सोयाबीन तेल की आपूर्ति प्रभावित हुई। इसके कारण सोयाबीन तेल की अंतर्राष्‍ट्रीय कीमतों में बड़े उछाल की प्रवृत्ति देखी गई है। सोयाबीन तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में महीने के दौरान 5.05% और वर्ष के दौरान 42.22% की वृद्धि हुई। कच्चे और परिष्कृत दोनों प्रकार के पाम तेल की अंतर्राष्‍ट्रीय कीमतों में सप्ताह और महीने में कमी देखी गई है लेकिन जनवरी, 2022 से इसमें बहुत अधिक वृद्धि की प्रवृत्ति देखी गई है।

 

खाद्य तेलों के लिए, खुदरा विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा 30 क्विंटल, थोक विक्रेताओं के लिए 500 क्विंटल, थोक उपभोक्ताओं के लिए खुदरा विक्रेताओं यानी बड़ी चेन खुदरा विक्रेताओं और दुकानों के लिए 30 क्विंटल और इसके डिपो के लिए 1000 क्विंटल की स्टॉक सीमा होगी। खाद्य तेलों के प्रसंस्करणकर्ता अपनी भंडारण/उत्पादन क्षमता के 90 दिनों का भंडारण कर सकेंगे।

 

खाद्य तिलहन के लिए, खुदरा विक्रेताओं के लिए स्टॉक की सीमा 100 क्विंटल और थोक विक्रेताओं के लिए 2000 क्विंटल होगी। खाद्य तिलहन के प्रसंस्करणकर्ता दैनिक इनपुट उत्पादन क्षमता के अनुसार 90 दिनों के खाद्य तेलों के उत्पादन का स्टॉक कर सकेंगे। निर्यातकों और आयातकों को कुछ चेतावनियों के साथ इस आदेश के दायरे से बाहर रखा गया है।

उपरोक्त उपाय से बाजार में जमाखोरी, कालाबाजारी आदि जैसे किसी भी अनुचित व्यवहार पर अंकुश लगने की उम्मीद है और यह खाद्य तेलों की कीमतों को नियंत्रित करने में मदद करेगा। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि शुल्क में कमी का अधिकतम लाभ अंतिम उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाए।

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