उदयपुर,15 नवम्बर 2022 : उदयपुर के ओढ़ा में रेलवे ब्रिज के नीचे 4 ज़िंदा डेटोनेटर बरामद किए किए जाने की ख़बर आ रही है। सूत्रों के अनुसार उदयपुर पुलिस के सूत्रों ने पुष्टी करते हुए बताया कि पुलिस ने लाइव डेटोनेटर बरामद किए हैं, हालांकि फिलहाल डेटोनेटर की संख्या और उनकी घातक क्षमता को लेकर पुलिस ने कुछ नहीं कहा है।
जहाँ स्थानीय पुलिस ने ओढा के आसपास के इलाकों में रहने वाले कुछ अपराधिक किस्म के युवकों को पूछताछ के लिए लेकर गई है जो कि कुछ दिनों पहले उदयपुर असारवा ट्रैन पर पत्थर फेंकने की घटना में शामिल बताये जा रहे थे और कांकरी डूंगरी उपद्रव के दौरान स्थानीय विरोध प्रदर्शन में शामिल थे।
तो वहीं एनआईए की जाँच की दिशा अलग डायरेक्शन में चल रही। सूत्रों के मुताबिक, उदयपुर रेलवे ट्रैक धमाके में डेढ़ किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। विस्फोटक का नाम इमल्शन था। इस धमाके में लोकल ब्लास्ट किट का इस्तेमाल किया गया था,जिसे बैटरी द्वारा संचालित किया गया था। साथ ही ये बताया जा रहा है कि ये रिमोट द्वारा ऑपरेटेड ब्लास्ट नहीं था क्योंकि जांच एजेंसियों को अभी इसमें कोई पावर सोर्स या इलेक्ट्रिक मेथड नहीं मिला है।
सूत्रों के मुताबिक प्राथमिक जांच में यह भी बात सामने आई है कि हो सकता है साजिश में लोकल क्रिमिनल की मदद ली गई है और उसी ने यह ब्लास्ट किट को तैयार किया हो। जिस तरीके के सबूत हैं और यह ब्लास्ट किट तैयार की गई है, उससे इस बात की पूरी संभावना है कि इस किट को कैसे तैयार करना था उसके निर्देश लोकल लोगों को बराबर किसी एक्सपर्ट हैंडलर से बराबर मिल रहे थे, यह हैंडलर बाहरी मुल्कों के भी हों।
शुरुआती जांच केंद्रीय एजेंसियों के द्वारा इस बात की ओर भी इशारा कर रही है कि धमाके का मकसद रेलवे ट्रैक को ही नुकसान पहुंचाना था, जिससे ट्रेन आवाजाही में गतिरोध पैदा हो या फिर ट्रैक टूटने की वजह से ट्रेन ऐक्सीडेंट हो। इसके साथ ही संभावना जताई जा रही है कि ब्लास्ट किट फिट करने में लोकल नेटवर्क की मदद ली गई थी।