उदयपुर स्मार्ट सिटी के काम फ़िलहाल तो जनता को सुविधा कम और दुविधा ज्यादा देते दिखायी दे रहे है। चाहे सीवर लाइन के प्रोजेक्ट में खुदी सड़कों की परेशानी हो या स्मार्ट रोड़ निर्माण के काम हो , उदयपुर स्मार्ट सिटी प्रशासन अभी तक कोई स्थायी समाधान करता दिखायी नहीं देता है।शुरुआत में इन स्मार्ट रोड पर साइकिल ट्रेक ,सर्विस रोड , बस शेल्टर ,लाइट्स पोल , केबल, इलेक्ट्रीक लाइन, सीवर, वाटर सप्लाई की अलग लाइन, घरों की लाइनों के लिए डक्ट का प्रावधान ,यात्रियों की सुविधा हेतु सूचना कियोस्क, वूमन केयर सेंटर, शीतल जल एटीएम व स्मार्ट टॉयलेट - वीएमएस डिस्पले बोर्ड जैसे वादे किये गए थे लेकिन इनमें कुछ सुविधाए छोड़ कर बनने वाली सड़क एक सामान्य सड़क ही नजर आती है और स्मार्ट एलिमेंट दिखाई ही नहीं दे रहे है।
उदयपुर स्मार्ट सिटी द्वारा शहर में दो स्थानों हिरण मगरी रोड़ (सेवाश्रम से जड़ाव नर्सरी ) और बलीचा रोड़ (सरस डेरी से बलीचा बाई पास तक ) स्मार्ट रोड़ का निर्माण करवाया जा रहा है। जहाँ इसके निर्माण में कई तकनीकी खामिया है, वही RTI के जवाब में भी अब इन दोनों को स्मार्ट रोड बताने में कंजूसी की गयी है और इसे सिर्फ एक रोड़ ही बताया गया है। वहीं आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि एक प्रोजेक्ट ठेकेदार को दिए लेटर में परियोजना का नाम "स्मार्ट रोड सरस डेरी से बलीचा बाई पास तक" दिया गया है और RTI के जवाब में स्मार्ट रोड शब्द लिखने में आनाकानी की गयी है। उक्त स्मार्ट रोड परियोजना के शुरू होने की दिनांक 15 मार्च 2019 थी और इसे 14 दिसम्बर 2019 तक पूरा कर दिया जाना था। "स्मार्ट रोड सरस डेरी से बलीचा बाई पास " परियोजना की शुरूआती लागत 18 करोड़ 99 लाख 67 हज़ार 725 रूपए (लगभग 19 करोड़) निर्धारित की गयी थी।
वही हिरण मगरी रोड़ (सेवाश्रम से जड़ाव नर्सरी ) परियोजना के शुरू होने की दिनांक 22 फरवरी 2019 थी और इसे 21 नवंबर 2019 तक पूरा कर दिया जाना था। इसके साथ ही परियोजना की शुरूआती लागत 35 करोड़ 68 लाख 5 हज़ार 769 रूपए (लगभग 36 करोड़) निर्धारित की गयी थी।
इसी क्रम में स्मार्ट रोड़ से सम्बंधित RTI में स्मार्ट सिटी उदयपुर के अधिकारियों ने सवालों के जवाब देने के बजाय केवल कुछ ड्रॉइंग्स और प्रोजेक्ट लेटर देकर आवेदक को पत्रावलियों का अवलोकन ऑफिस में आकर नियमानुसार वांछित प्रतिलिपि प्राप्त करने को कहा गया है। मजे की बात ये है कि RTI का जवाब प्रथम अपील में दिया गया है और प्रथम अपील से पहले RTI को गंभीरता से लिया ही नहीं गया।
आइये अब बताते है कि क्या क्या पूछा गया था RTI में ?
राजस्थान के उदयपुर शहर को केंद्र सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी परियोजना में नामित किया गया है, कृपया इस अधिसूचना की एक प्रति और परियोजना विवरणिका की एक प्रति के साथ उदयपुर स्मार्ट सिटी परियोजना के संबंध में निम्नलिखित जानकारी प्रदान करें: -
- स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत स्मार्ट सड़क की परिभाषा और इसके लिए कोई आवश्यक मानदंड या मानक निर्धारित हैं या परिभाषित हैं ? कृपया इसकी एक प्रति प्रदान करें।
जवाब : कोई जवाब नहीं। - स्मार्ट रोड के लिए अंतिम रूप दिए गए स्थानों की चयन प्रक्रिया के विवरण के साथ संबंधित फाइल की नोटिंग शीट, चयन के तकनीकी आधार, उक्त स्थानों का चयन करने वाले अधिकारी का विवरण और इस उद्देश्य के लिए आयोजित बैठक की जानकारी उपलब्ध कराएं।
जवाब : कोई जवाब नहीं। - स्मार्ट सड़कों के लिए परियोजनाओं में प्रारंभिक डीपीआर में शामिल सुविधाओं और सूचना प्रौद्योगिकी साधनों का विवरण प्रदान करें, ऐसी सुविधाओं में से उन मदों का विवरण भी प्रदान करें जो अब तक स्थापित की गई हैं, जिसमें उनके स्थान और स्थापना की तारीख भी शामिल है।
जवाब : कोई जवाब नहीं। - इस डीपीआर में अब तक पूर्ण किए गए कार्यों का बिंदुवार विवरण उपलब्ध कराएं, जिसमें स्मार्ट सिटी उदयपुर द्वारा निर्मित की जाने वाली सड़कों की ड्राइंग और डीपीआर की प्रतियों के साथ-साथ स्मार्ट रोड की मूल ई-अनुमोदित ड्राइंग की प्रति शामिल है।
जवाब : जवाब नहीं दिया गया अपितु कुछ ड्रॉइंग्स की प्रतियां उपलब्ध करवाई गयी है ।
सरस डेयरी से बलिचा स्मार्ट रोड परियोजना के संबंध में निम्नलिखित जानकारी प्रदान करें
- बलिचा से सरस डेयरी तक पुरानी सड़क को खोदे बिना पुरानी सड़क पर नई सड़क का निर्माण किया गया है, यदि यह कोई निर्दिष्ट है या डीपीआर में ऐसा करने के लिए उल्लेख किया गया है तो उनकी प्रमाणित प्रति प्रदान करें।
जवाब : कोई जवाब नहीं। - परियोजना के चयन से पहले की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करें जैसे कि सड़क की चौड़ाई डिवाइडर पोल और नालियों आदि का विवरण जवाब : कोई जवाब नहीं।
- उक्त स्मार्ट रोड के निर्माण से पूर्व सड़क के साथ लगे समानांतर उद्यान में उपलब्ध जीवित वृक्षों एवं पौधों की संख्या की जानकारी उपलब्ध करायें
जवाब : कोई जवाब नहीं। - पूर्व में स्थापित गार्डन को सींचने के लिए उपयोग किए जाने वाले नलकूपों के स्थान का विवरण प्रदान करें, उनके रखरखाव और प्रबंधन आदि के लिए खर्च भी उक्त नलकूपों की वर्तमान स्थिति से संबंधित जानकारी प्रदान करें।
जवाब : कोई जवाब नहीं। - स्मार्ट रोड परियोजना में उक्त गार्डन की सुरक्षा गार्ड झाली/रैलिंग पहले UIT उदयपुर द्वारा सुरक्षा के उद्देश्य से लगाई गयी थी, कृपया इसके निपटान से संबंधित दस्तावेज प्रदान करें
जवाब : कोई जवाब नहीं। - स्मार्ट सिटी रोड़ प्रोजेक्ट से गोवर्धन सागर में गिरने वाली नालियों के संबंध में संबंधित विभाग से प्राप्त अनुमति की प्रति उपलब्ध कराएं
जवाब : कोई जवाब नहीं। - स्मार्ट सिटी उदयपुर के ऑन स्मार्ट रोड हेतु आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत सुविधाओं का विवरण उपलब्ध कराएं
जवाब : कोई जवाब नहीं। - स्मार्ट सड़कों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम को शामिल करने से संबंधित जानकारी प्रदान करें
जवाब : कोई जवाब नहीं। - आपदा प्रबंधन की दृष्टि से आवश्यक बिन्दुओं के संबंध में बिन्दुवार विवरण उपलब्ध करायें, जैसा कि डीपीआर में है परन्तु क्रियान्वित योजना में सम्मिलित नहीं है जवाब : कोई जवाब नहीं।
- यदि स्मार्ट सड़कों पर बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए हरित ऊर्जा के लिए सौर और पवन ऊर्जा से संबंधित कोई व्यवस्था की गई है, तो उसकी जानकारी विवरण के साथ प्रदान करें।
जवाब : कोई जवाब नहीं। - यदि स्मार्ट सड़कों पर कोई महिला देखभाल केंद्र स्थापित किया गया है, तो डीपीआर प्रस्ताव के साथ उसका स्थान और विवरण प्रदान करें।
जवाब : कोई जवाब नहीं। - यदि स्मार्ट रोड पर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के लिए डीपीआर में कोई विशेष प्रस्ताव सुझाया गया है, और उन प्रस्तावों में से अब तक यहां परियोजनाओं में शामिल है, और शामिल नहीं है या जैसा भी मामला हो, बिंदुवार विस्तृत विवरण प्रदान करें डीपीआर के अनुसार कार्रवाई न करने के आधार सहित जानकारी दी जाय ।
जवाब : कोई जवाब नहीं। - कॉमन रोड की तुलना में स्मार्ट रोड बनाने वाली दोनों स्मार्ट रोड परियोजनाओं में/के स्मार्ट तत्वों की तुलनात्मक सूची या विवरण प्रदान करें, इन सभी तत्वों की बिंदुवार जानकारी प्रदान करें।
जवाब : कोई जवाब नहीं। - स्मार्ट रोड परियोजनाओं को पूरा करने की प्राथमिक समय सीमा, समय अवधि या तारीख के बारे में जानकारी की प्रमाणित प्रति प्रदान करें।
जवाब : जवाब दिया गया है । - स्मार्ट सड़क परियोजनाओं को पूरा करने के लिए नई समय सीमा की प्रमाणित जानकारी प्रदान करें।
जवाब : कोई जवाब नहीं। - निर्धारित समय अवधि के भीतर या तारीख तक परियोजना से जुड़ी कंपनी पर लगाए गए जुर्माने/जुर्माने/अधिभार, यदि कोई हो, के विवरण की प्रमाणित जानकारी प्रदान करें।
जवाब : कोई जवाब नहीं। - उदयपुर स्मार्ट सिटी परियोजना की गुणवत्ता, मानदंड और मानकों के पर्यवेक्षण, जांच और निरीक्षण के लिए अधिकृत अधिकारियों की सूची उनके नाम, पदनाम और इस संबंध में उनके अधिकार क्षेत्र के साथ प्रदान करें।
जवाब : कोई जवाब नहीं। - स्मार्ट सिटी परियोजना उदयपुर के अब तक के नियमित आवधिक आधिकारिक पर्यवेक्षण या निरीक्षण से संबंधित जानकारी प्रदान करें। प्रस्तुत की गई ऐसी निरीक्षण रिपोर्ट और उस पर की गई कार्रवाई की प्रतियां उपलब्ध कराएं।
जवाब : कोई जवाब नहीं। - स्मार्ट सिटी परियोजना के अनुसार यदि स्मार्ट सड़कों से किसी झील या तालाब में नालों के माध्यम से पानी या अपशिष्ट को छोड़ने/निकालने का कोई प्रावधान है, तो उसकी एक प्रति उपलब्ध कराएं।
जवाब : कोई जवाब नहीं। - स्मार्ट रोड़ के चयन में किन किन अधिकारियों ने हिस्सा लिया था और इसके चयन के लिए आयोजित मीटिंग्स की डिटेल्स और संबंधित फ़ाइल की नोटिंग उपलब्ध करवाई जाय।
जवाब : कोई जवाब नहीं। - स्मार्ट रोड के दोनों प्रोजेक्ट में शुरुआती DPR में क्या क्या सुविधाएं और सूचना प्रौद्योगिकी के इंटरवेंसन जोड़े गए गए और इनमें से कितने आज दिनांक तक वर्तमान में स्थापित कर दिए गए है,इसकी जानकारी दी जाय।
जवाब : कोई जवाब नहीं। - स्मार्ट रोड़ की सबसे पहले जारी की गई ड्राइंग और साथ ही स्मार्ट सिटी उदयपुर द्वारा बनने वाली दोनों सड़कों की DPR और ड्रॉइंग की कॉपी दी जाय। साथ ही इस DPR में कितने काम संपादित किये जा चुके है ,इसकी बिंदुवार जानकारी उपलब्ध करवायी जाय।
जवाब : जवाब नहीं दिया गया अपितु कुछ ड्रॉइंग्स की प्रतियां उपलब्ध करवाई गयी है । - स्मार्ट सड़कों को पूरा करने की नई डेडलाइन के बारे में जानकारी दी जाय।
जवाब : कोई जवाब नहीं। - स्मार्ट सिटी उदयपुर द्वारा किन किन अधिकारियों को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की क्वालिटी, गुणवत्ता और इंस्पेक्शन के लिए अधिकृत किया गया है,उनके नाम और पद की जानकारी उपलब्ध करवायी जाय।
जवाब : कोई जवाब नहीं।
RTI में दिए गए जवाब से लगता ऐसा है कि स्मार्ट सिटी के कामों के पूरे कुँए में भांग घुली हुई है और अधिकारी जनता के सवालों का जवाब देने में कतरा रहे है। RTI आवेदक और अधिवक्ता नरेंद्र प्रजापत ने कहा है कि इस तरह RTI कानून की पालना में कोताही समझ से परे है और जल्द आगे प्रक्रियानुसार अपील की कार्यवाही की जाएगी।आरटीई के आवेदक का विषय मे कहना है कि प्रोजेक्ट के आला अधिकारियों और जिम्मेदारों को वस्तुतः पूर्ण जानकारी नहीं है अथवा कोताही बरत रहे हैं। दरअसल मूल आवेदन की मियाद उपरांत अपील में दी गई सूचना भृमित और अपूर्ण है जो आगे और अपील सहित सूचना आयोग को शिकायत का मार्ग प्रशस्त करती है। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत उपबन्धित प्रावधानों में/के प्रदत अधिकारों के अनुसार आगे पहल की जाएगी।