17 दिसम्बर 2022 : गुजरात में 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों की पीड़िता बिलकिस बानो को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। बिलकिस बानो के दोषियों की समय से पहले रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट अब कोई विचार नहीं करना चाहता। सुप्रीम कोर्ट ने बिल्कीस बानो की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें सामूहिक बलात्कार मामले के 11 दोषियों की सजा माफ करने की याचिका पर गुजरात सरकार से विचार करने के लिए कहने संबंधी शीर्ष अदालत के आदेश की समीक्षा का अनुरोध किया गया था। इस याचिका में बिलकिस बानो ने कहा था कि दोषियों की रिहाई का अधिकार गुजरात सरकार के बजाय महाराष्ट्र सरकार के पास होना चाहिए क्योंकि वहाँ केस चला था। हालाँकि दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका पर फ़ैसला पेंडिंग है। आपको बताते चले कि बिल्कीस बानो 2002 में गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई थीं और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी।
प्रक्रिया के अनुसार शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका पर फैसला संबंधित निर्णय सुनाने वाले न्यायाधीश अपने कक्ष में करते हैं। कक्ष में विचार करने के लिए यह याचिका 13 दिसंबर को न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ के समक्ष आई थी। शीर्ष अदालत के सहायक पंजीयक द्वारा बानो की वकील शोभा गुप्ता को भेजे गए संदेश में कहा गया है, मुझे आपको यह सूचित करने का निर्देश दिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट में दायर उक्त रिव्यू पिटिशन 13 दिसंबर 2022 को खारिज कर दी गई।’’