अज्ञात हमलावरों ने सरबजीत के हत्यारे की पाकिस्तान में गोलियों से भूनकर की हत्या
सरबजीत के हत्यारे की पाकिस्तान में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई है।
पाकिस्तान की जेल में भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की हत्या के आरोपी एवं आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के करीबी सहयोगी आमिर सरफराज ताम्बा (Amir Sarfaraz Tamba) की रविवार को लाहौर में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। सूत्रों के अनुसार ताम्बा पर मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने पाकिस्तान में लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में हमला किया और उसे नाजुक हालत में एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
सरबजीत की हत्या का था आरोपी
कड़ी सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल के अंदर, ताम्बा सहित अन्य कैदियों द्वारा किए गए बर्बर हमले के कुछ दिनों बाद सिंह (49) की दो मई 2013 की सुबह लाहौर के जिन्ना अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी। हमले के बाद, करीब एक हफ्ते तक सिंह अचेत रहे थे।
शराबी हालत में सीमा पार करके पाकिस्तान गए भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह पर पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में हमला करने वाले पाकिस्तानी डॉन अमीर सरफराज की पाकिस्तान में रविवार को गोलियां मारकर अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी।
अमीर सरफराज किसी केस के संबंध में पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में बंद था। 26 अप्रैल 2013 को उसने सरबजीत सिंह पर हमला किया और 2 मई को सरबजीत को मृत घोषित किया गया। बाद में सरबजीत सिंह को पंजाब सरकार द्वारा बलिदानी घोषित किया गया था।
तरनतारन भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह 30 अगस्त 1990 की शाम पर भारत पाकिस्तान सीमा पार करके पाकिस्तान चला गया था। बाद में उसे पाकिस्तान पुलिस ने इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया। पाकिस्तान पुलिस ने दावा किया था कि तरन तारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है और पाकिस्तान में वह मनजीत सिंह के नाम पर रहता था। उसने फैसलाबाद में बम धमाके किए थे, जिनमें 14 लोगों की जान चली गई थी।