अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा और आप सांसद राघव चड्ढा की शादी में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उदयपुर शहर एक्स (पूर्व ट्विटर) पर जमकर ट्रेंड हुआ, लेकिन शादी के दौरान जिस तरह की व्यवस्था की गई, उससे एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन टिब्युनल के आदेशों की भी जमकर धज्जियां उड़ी।
कुछ दिन पहले ही 30 होटल्स एवं रिसोर्ट प्रबंधकों को भेजा था नोटिस
हाल ही में एनजीटी के आदेश के बाद राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने फतहसागर और सज्जनगढ़ सेंचुरी के ईको सेंसिटिव जोन में ढोल-नगाड़ों, डीजे, लेजर लाइट और आतिशबाजी पर रोक लगा दी थी। बोर्ड ने इस जोन में शामिल 30 होटल्स एवं रिसोर्ट प्रबंधकों को भी नोटिस देकर तुरंत इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाए जाने को कहा था।
पुलिस ने जारी किए हैं डीजे और आतिशबाजी पर रोक लगाने के निर्देश
पुलिस और परिवहन अधिकारियों को इन क्षेत्रों में निकलने वाली बारातों और धार्मिक जुलूस में डीजे और आतिशबाजी पर भी रोक लगाने को कहा था। बताया जा रहा है कि इन होटल्स में ताज लेक पैलेस और द लीला पैलेस भी शामिल थे। माना जा रहा था कि एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा और आप सांसद राघव चड्ढ़ा के विवाह समारोह में एनजीटी और राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की सख्ती का असर देखने को मिलेगा। हालांकि ऐसा नहीं हुआ।
एक किलोमीटर दूर दूध तलाई तक सुनाई दी संगीत की आवाज
परिणीति चोपड़ा की शादी को लेकर आयोजित संगीत कार्यक्रम और विवाह समारोह में बजाए गए बैण्ड की आवाज होटल्स में नहीं, बल्कि एक किलोमीटर दूर दूधतलाई तक गूंजती रही। शहर के विभिन्न झीलविदों और पर्यावरणविदों ने इसको लेकर आपत्ति जताई। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए इसकी आवाज भी उठाई, लेकिन तय गाइड लाइन के मुताबिक रोक नहीं लगाई जा सकी।
एनजीटी की भोपाल बेंच ने जारी की थी गाइडलाइन
इस मामले में राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक शरद सक्सेना का कहना था कि एनजीटी की भोपाल बेंच के 31 जुलाई 2023 के आदेश के अनुसार गाइडलाइन जारी की गई है। जिसमें ईको सेंसेटिव एरिया में शोर नहीं मचाना चाहिए। संगीत कार्यक्रम साउंड प्रूफ हॉल में किए जा सकते हैं।
बिना लाइफ जैकेट नाव में घूम रहे थे बाराती
इसके साथ ही परिणीति चोपड़ा और राघव चड्ढा की शादी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर आते रहे, जिसमें बारातियों द्वारा बिना लाइफ जैकेट पहने उदयपुर के पीछोला झील में नाव संचालन होता पाया गया। प्रशासन कार्यवाही के बजाय मूकदर्शक बना रहा।अब देखना दिलचस्प होगा कि बोटिंग एक्ट का उल्लंघन करने पर क्या प्रादेशिक परिवहन विभाग इन होटलों पर कोई कार्यवाही करेगा अथवा नहीं ?