उदयपुर,19 सितम्बर 2022 : उदयपुर के बहुचर्चित कन्हैयालाल साहू हत्याकांड के दोनों आरोपियों को उदयपुर तस्दीक के लिए लाने के बाद बाद कई सनसनीखेज़ तथ्य सामने आए है। देशभर में चर्चित रहे उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपितों मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद की नेपाल भागने की तैयारी थी। एनआइए की जांच में यह जानकारी सामने आई है। इसके लिए उन्होंने दो प्लान तैयार किए थे। पहला प्लान, जिसमें वह राजसमंद होकर अजमेर पहुंचकर वहां एक दरगाह में ठहरने वाले थे और बाद में सड़क मार्ग के जरिये उत्तर प्रदेश और बिहार होते हुए नेपाल चले जाते। दूसरा प्लान यह था कि वह वीडियो वायरल नहीं करते तो कुछ दिन उदयपुर में ही बिताते और बाद में नेपाल चले जाते।
दोनों आरोपियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाली वाली बातें सामने आई हैं। हत्याकांड के आरोपियों ने हत्याकांड अंजाम देने से पहले भागने के लिए दो प्लान बनाए थे। इसके लिए उन्होंने दो प्लान तैयार किए थे।सूत्रों के अनुसार आरोपियों ने किसी कारण से अजमेर वाले रूट से भाग नहीं पाने की स्थिति में एक दूसरा प्लान तैयार कर रखा था। दूसरे प्लान के तहत घटना के बाद उदयपुर में आरोपियों ने दो जगह रुकने का प्लान बनाया था। हालांकि घटना के बाद दोंनो ने दूसरे प्लान को निरस्त कर दिया था,क्योंकि आरोपियों ने लाइव वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। ऐसे में अब शहर में रुकना उनके लिए आसान नहीं था। आरोपी अजमेर से होते हुए कुछ दिन बिहार या हैदराबाद जाने वाले थे। वहां रुककर नेपाल जाने का प्लान था।
क्या था पहला प्लान
हत्याकांड के बाद कैसे वीडियो बनाया जाए और रियाज को फैक्ट्री में जाकर उस वीडियो शूट करना था। किस तरह से वीडियो बनाया जाएगा और उसमें हथियार दिखाए जाएंगे और किस तरह से वीडियो को वायरल किया जाएगा यह प्लान में शामिल था। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद फरार होने के दौरान बाइक और कपड़ों का विशेष ध्यान रखा गया, जिससे उनकी पहचान सामने न आये। इसके साथ ही एक्स्ट्रा कपड़े भी रखने थे ताकि पहचान ना हो सके। इसके साथ ही बाइक के द्वारा उदयपुर से राजसमंद होते हुए अजमेर दरगाह जाने का प्लान भी योजना में शामिल था। अजमेर में कुछ दिन रुकने के बाद सड़क मार्ग से हैदराबाद और फिर बिहार जाने का प्लान था। प्लान के अनुसार बिहार से हैदराबाद का एक व्यक्ति उन्हें वहां से नेपाल भागने में मदद करता।
क्या था दूसरा प्लान
आरोपियों के दूसरे प्लान में तय था कि यदि किसी भी तरह अजमेर के रास्ते नहीं भाग पाए तो कुछ दिन उदयपुर शहर में रहना होगा। इसके लिए आरोपियों ने दावत-ए-इस्लामी संगठन से जुडे़ 2 लोगों के घर रुकने का प्लान बनाया। ये दोनों लोग रियाज के दूर रिश्तेदार है। रियाज और गौस क्या करने वाले थे और कब उनके घर पर आकर रूकेंगे,इस बारे में रियाज ने उन रिश्तेदारों को भी नहीं बताया था। यहाँ तक कि दोनों घरों के मालिकों को भी इसकी जानकारी नहीं थी कि रियाज और गौस आखिर क्यों उनके घर रुकने वाले है। हालांकि लाइव वीडियो बनाने के बाद आरोपियों को लगा कि हत्या और उसकी जिम्मेदारी के वीडियो वायरल होने के बाद उनका शहर में रुकना संभव नहीं होगा।
कन्हैयालाल की रैकी करते समय रियाज ने अपने रिश्तेदारों को फोन कर उनके घर रुकने की इच्छा जताई थी। रियाज ने उन 2 लोगों को बस इतना ही कहा- धर्म का प्रचार में कुछ नया कर रहे हैं। जरूरत होगी तो कुछ दिन आपकी मदद लेंगे। साथ ही आपके घर ही रुकेंगे। हालांकि रियाज की इस बात पर किसी ने इतना ध्यान नहीं दिया था। दोनों घर के मालिकों ने रियाज को धार्मिक प्रचार का काम करते हुए हामी भर दी।
आरोपी रियाज अत्तारी के बयानों के अनुसार- चूंकि वो दावत ए इस्लामी संगठन का प्रचार कर रहे थे, ऐसे में किसी ने उन्हें कारण नहीं पूछा।
इसके बाद NIA ने पूछताछ के बाद उन दोनों लोगों को बुलाया। लेकिन इस हत्याकांड की प्लानिंग से उनका कोई कनेक्शन सामने नहीं आया। इस पर NIA ने विस्तृत पूछताछ कर उन दोनों मकानों के मालिकों को छोड़ दिया था।
आरोपियों को खांजीपीर और मल्लातलाई लगा था सुरक्षित
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्हें लगा कि वारदात को अंजाम देने के बाद यदि उन्हें उदयपुर में रुकना पड़ा तो सबसे सुरक्षित स्थान खांजीपीर और मल्ला तलाई इलाका हो सकता है। हालांकि यह प्लान रैकी के शुरुआती दिनों में बनाया गया था।चूंकि खांजीपीर और मल्लातलाई दोनों मुस्लिम बाहुल्य इलाके है और रियाज और गौस दोनों इस इलाके से भली भांति परिचित थे और इसी इलाके के लोग भी उन्हें जानते थे।
गौरतलब है कि 28 जून को उदयपुर के मालदास स्ट्रीट में सुप्रीम टेलर्स के संचालक कन्हैयालाल की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। आरोपित मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने हत्या का वीडियो भी बनाया था। साथ ही हत्या की जिम्मेदारी लेने का भी वीडियो बनाया था। दोनों वीडिया इंटरनेट मीडिया पर वायरल किए थे। इस मामले में अब तक नौ आरोपितों को एनआइए गिरफ्तार कर चुकी है।