जयपुर, 3 अप्रेल। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल मंत्री कन्हैया लाल ने गुरुवार को कोटा के सकतपुरा स्थित 130 एमएलडी प्लांट सभागार में आयोजित बैठक में कोटा-बूंदी क्षेत्र की जलापूर्ति व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प के अनुसार हर घर को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए अधिकारी पूरी निष्ठा से कार्य करें।
जलदाय मंत्री ने आगामी गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कार्य योजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गर्मी में पर्याप्त जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए। साथ ही, अवैध जल कनेक्शनों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।
कोटा के लिए 400 करोड़ का बजट
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि कोटा क्षेत्र की जलापूर्ति व्यवस्था के लिए सरकार ने 400 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्लांट और पंप हाउस की स्थापना में ऐसी मशीनरी का उपयोग किया जाए जो लागत में किफायती और रखरखाव में आसान हो। उन्होंने पाइपलाइन बिछाने के दौरान तकनीकी मानकों का विशेष ध्यान रखने को कहा और अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सप्ताह में एक बार जलापूर्ति कार्यों की समीक्षा करें।
उन्होंने यूआईडीपी या अन्य विभागों द्वारा किए जाने वाले खुदाई कार्यों से जलापूर्ति पाइपलाइन को होने वाले नुकसान पर चिंता व्यक्त की और इसके लिए संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए।
अमृत 2.0 कार्यों की टेंडर प्रक्रिया जल्दी पूरी करें
जलदाय मंत्री ने कोटा में अमृत 2.0 के कार्यों की टेंडर प्रक्रिया को शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चंबल नदी के किनारे बसे कोटा में पानी की कोई कमी नहीं होनी चाहिए और यदि जनता को पानी के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है तो यह गंभीर विषय है। उन्होंने कहा जल जीवन मिशन के जो अधूरे कार्य हैं उनको तेज गति से कर जनता को लाभान्वित किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उदासीनता सहन नहीं की जाएगी।
140 एमएलडी के नए प्लांट की योजना
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि कोटा में 140 एमएलडी के एक नए प्लांट की योजना बनाई गई है। उन्होंने जल के संरक्षण पर विशेष बल देते हुए कहा कि हर बूंद को अमृत समझकर बचाना होगा ताकि भविष्य की पीढ़ियों को भी पर्याप्त जल मिल सके। उन्होंने सभी ट्यूबवेल और हैंडपंपों को चालू करने के निर्देश भी दिए।
बूंदी जिले में जलापूर्ति की समीक्षा
जलदाय मंत्री ने बूंदी जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की जलापूर्ति व्यवस्था की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रत्येक गांव और ढाणी का दौरा कर जलापूर्ति की स्थिति की रिपोर्ट तैयार करें। उन्होंने ठेकेदारों के कार्यों की गुणवत्ता की गहन जांच करने के निर्देश दिए।
जनप्रतिनिधियों से समन्वय आवश्यक, 30 वर्षों की जल योजना पर काम
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे बंद कमरों में बैठकर एस्टीमेट न बनाएं, बल्कि मौके पर जाकर सर्वे करें और वास्तविक स्थिति के आधार पर रिपोर्ट तैयार करें। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि कोई भी व्यक्ति या जनप्रतिनिधि अपनी जल समस्या को लेकर अधिकारियों से संपर्क करता है तो उसे उचित और स्पष्ट जवाब दिया जाए कि समस्या कब तक हल होगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अगले 30 वर्षों की जल आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजनाएं बना रही है, जिससे भविष्य में जल संकट उत्पन्न न हो। उन्होंने 15वें वित्त आयोग से प्राप्त राशि का समुचित उपयोग करने और जनता के धन को गुणवत्ता के साथ खर्च करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर कार्य करें ताकि जनता की मांगों के अनुरूप योजनाओं का क्रियान्वयन हो।
बैठक में कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा, लाडपुरा विधायक कल्पना देवी उपस्थित रहे।