जयपुर, 27 मई। सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीमती मंजू राजपाल ने कहा कि सहकारी भूमि विकास बैंकों के समस्त पात्र ऋणी सदस्यों को मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना का लाभ दिलवाया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों में योजना के अंतर्गत प्रगति धीमी है, वे विशेष प्रयास कर वसूली में सुधार के प्रयास करें।
श्रीमती राजपाल मंगलवार को अपेक्स बैंक सभागार में प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों में मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि योजना से लाभान्वित करने के लिए सरपंचों को पात्र ऋणियों की सूची उपलब्ध करवाकर उनके माध्यम से पात्र व्यक्तियों को प्रोत्साहित किया जाए। योजना के पात्र व्यक्तियों को एकत्र कर सरपंच की उपस्थिति में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा समझाइस के माध्यम से भी ऋणी सदस्यों को योजना का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि पीएलडीबी के प्रशासक एवं अध्यक्षों को भी मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना के क्रियान्वयन में शामिल किया जाए। साथ ही, ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं स्थानीय एनजीओ को भी इस कार्य में सम्मिलित किया जाए।
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि सभी अतिरिक्त रजिस्ट्रार (खण्ड), उप रजिस्ट्रार एवं केन्द्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशकों को भी प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों को फिर से मुख्यधारा में लाने के लिए एकजुट होकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि योजना का लाभ लेने वाले ऋणी सदस्यों को पुन: नया ऋण उपलब्ध करवाया जाए, जिससे उन्हें 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना का भी लाभ मिल सके। श्रीमती राजपाल ने कहा कि जिन प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों में हाल ही में नये सचिवों को कार्यभार सौंपा गया है, वे त्वरित रूप से सक्रिय होकर योजना में अपेक्षित प्रगति सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि योजना के अंतर्गत जिन लाभार्थियों को बड़ी राहत मिलती है, उनका विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि अन्य ऋणी सदस्य भी योजना का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित हो सकें।
श्रीमती राजपाल ने योजना में राज्य औसत से अधिक प्रगति के लिए दौसा, बिलाड़ा, भीलवाड़ा, बीकानेर, चूरू एवं रायसिंहनगर आदि पीएलडीबी की सराहना करते हुए और अधिक प्रगति हासिल करने के लिए निरन्तर सक्रिय रहने के निर्देश दिए। उन्होंने 10 करोड़ रुपये से अधिक अवधिपार ऋण एवं एक हजार से अधिक पात्र ऋणियों वाले प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों को वसूली के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त रजिस्ट्रार (खण्ड) अधिक अवधिपार राशि एवं कम वसूली करने वाले प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों की नियमित रूप से मॉनिटरिंग करें।
बैठक में राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक के प्रबंध संचालक श्री जितेन्द्र प्रसाद ने योजना के अंतर्गत नोटिस तामील और पात्र ऋणियों से वसूली की प्रगति से अवगत कराते हुए बताया कि अब तक लगभग 44 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि राज सहकार एप सीएम ओटीएस 2025-26 पोर्टल का उद्घाटन 9 मई, 2025 को सहकारिता मंत्री द्वारा किया जा चुका है तथा पोर्टल के माध्यम से ही वसूली रसीद और प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं।
बैठक में राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक के वरिष्ठ अधिकारी, समस्त अतिरिक्त रजिस्ट्रार (खण्ड), जिला उप रजिस्ट्रार एवं प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के सचिव उपस्थित रहे।