जयपुर, 18 नवम्बर। पंत कृषि भवन में मंगलवार को शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी श्री राजन विशाल एवं आयुक्त कृषि एवं उद्यानिकी सुश्री चिन्मयी गोपाल की अध्यक्षता में विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी ने कहा कि राज्य में कृषि विकास की रफ्तार को बनाये रखने हेतु सभी अधिकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होंने किसानों की आय वृद्धि, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण स्थानीय कृषि पद्धतियों के विस्तार पर विशेष बल दिया।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में खरीफ—2025 की 8 करोड़ 71 लाख बीमा पॉलिसियां करवाई गई हैं, जिनमें से 2 करोड़ 16 लाख पॉलिसियां अकेले राजस्थान की हैं। ये देशभर की पॉलिसियों का लगभग 25 प्रतिशत है। इसके लिए उन्होंने सभी जिलों के विभागीय अधिकारियों को धन्यवाद दिया कि उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से किसानों को फसल बीमा के प्रति जागरूक किया।
श्री राजन विशाल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उर्वरकों की दैनिक उपलब्धता पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। कम उपलब्धता और अधिक खपत वाले जिलों व ब्लॉकों को चिन्हित कर प्रदेश भर में प्राथमिकता के साथ पूर्ण पारदर्शिता से उर्वरकों का वितरण किया जा रहा है। उर्वरकों की कालाबाजारी व जमाखोरी रोकने के लिए उन्होंने विभागीय अधिकारियों को प्रदेश भर में पूर्ण सतर्कता से कार्य करने हेतु निर्देशित किया।
शासन सचिव ने कृषि ज्ञानधरा 2.0 पर बात करते हुए कहा कि कृषि में ज्ञान की बहुत आवश्यकता है और कृषि ज्ञानधारा कार्यक्रम द्वारा फसलों की जानकारी ले कर किसान अपने उत्पादों में वृद्धि कर सकते हैं। कृषि ज्ञानधारा 2.0 कार्यक्रम द्वारा कृषक ग्राम लेवल से जुड़कर उन्नत एवं नवीन कृषि तकनीकों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रत्येक बुधवार को जानकारी दी जाती है।
आयुक्त कृषि एवं उद्यानिकी ने कहा कि बजट घोषणाओं को प्रभावी रूप से धरातल पर लागू करें। योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर पात्र कृषकों को लाभान्वित करें, जिससे किसान विभागीय योजनाओं का लाभ लेकर अपनी उपज और आमदनी में वृद्धि कर सके।
बैठक में वर्ष 2025-26 में संचालित विभिन्न डीबीटी योजनओं जैसे डिग्गी, फार्म पॉण्ड, पाईपलाइन, तारबंदी, कृषि यंत्र, गोवर्धन जैविक योजना, भूमिहीन कृषकों को कृषि यंत्रों पर अनुदान, बैलों से खेती तथा कस्टम हायरिंग केंद्रों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा की गई। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि सभी योजनाओं के लक्ष्यों की पूर्ति निर्धारित अवधि में सुनिश्चित की जाए ताकि किसानों को अधिकतम लाभ मिल सके।
समीक्षा के दौरान सीएसएस योजनाओं की वित्तीय प्रगति, राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन, जैविक खेती, मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना आदि की प्रगति पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बीमा क्लेमों में आ रही दिक्कतों को दूर कर जल्द से जल्द बीमित कृषकों को क्लेम दिए जाने पर विस्तार से चर्चा की गई।
सुश्री चिन्मयी गोपाल ने कहा कि राज्य में कृषि विकास की रफ्तार को बनाए रखने हेतु सभी अधिकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होंने किसानों की आय वृद्धि, प्राकृतिक संसाधनों के सरंक्षण एवं स्थायी कृषि पद्धतियों के प्रसार पर विशेष बल दिया।
बैठक में निदेशक डॉ. सुवा लाल जाट, वित्तीय सलाहकार डॉ. होशियार सिंह, अतिरिक्त निदेशक कृषि (विस्तार), श्री एस एस शेखावत, अतिरिक्त निदेशक कृषि (प्रशासन) डॉ. हुशियार सिंह, अतिरिक्त निदेशक कृषि (आदान) श्री गोपाल लाल जाट, अतिरिक्त निदेशक कृषि (अनुसंधान) श्री अजय कुमार पचौरी, समस्त खण्डीय अतिरिक्त निदेशक, समस्त संयुक्त निदेशक सहित कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं योजना प्रभारी अधिकारी उपस्थित रहे।