राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ब्यूरोक्रेसी में परिवर्तन के लिए समुद्यत दिखाई दे रहे हैं । जहां राजकीय विभागों में संविदा पर रखे गए सेवानिवृत अधिकारियों को हटा दिया गया है, वहीं डेपुटेशन पर काम कर रहे मूल विभाग से इतर कर्मचारियों /अधिकारियों को पुनः अपने मूल विभागों में भेजा जा रहा है। इसके साथ ही अधिकारियों कर्मचारियों के काम के गुणवत्ता के आधार पर उनका वर्गीकरण भी किया जा रहा है ।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की सरकार गुड गवर्नेस के लिए कड़ा कदम उठा रही है। इसके तहत सभी अफसरों का ग्रीन, यलो और रेड रिकॉर्ड कार्ड तैयार किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार अखिल भारतीय सेवाओं के साथ ही राज्य सेवाओं के सभी राजपत्रित अधिकारियों के काम काज और व्यवहार पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उनके बारे में विभिन्न स्तरों पर जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सरकार की मंशा है कि जनता को राहत मिले और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे। जनहित के कामों में सुगमता हो। रिपोर्ट कार्ड में समय पर अति उत्तम सेवा देने वाले अफसरों को ग्रीन केटेगरी में शामिल किया जा रहा है। ठीक ठाक काम करने वाले अधिकारियों को यलो केटेगरी में शामिल किया जा रहा है। जिन अफसरों को रिपोर्ट ठीक नहीं है और जनता उनके काम से नाखुश है, उनको रेड केटेगरी में शामिल किया जा रहा है। ग्रीन केटेगरी वाले अफसरों को अच्छे पदों की जिम्मेदारी दी जाएगी। रेड केटेगरी वाले अधिकारियों को जनता से सीधे जुड़े विभागों से दूर रखा जाएगा। यलो केटेगरी वाले अफसरों को भी महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थापित नहीं किया जाएगा। भविष्य में जारी होने वाली तबादला सूचियों में भी रिपोर्ट कार्ड को ध्यान में रखा जाएगा।