27 मई 2022: देश में जारी मंदिर-मस्जिद विवाद के बीच अब पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) भी मैदान में कूद पड़ा है। पीएफआई (PFI) अपने शुरुआती दौर से ही विवादों में रहा है और इसे लेकर हमेशा सवाल खड़े होते रहे हैं।
पीएफआई ने देश के मुसलमानों से अपील की है कि वो मंदिर-मस्जिद विवाद का विरोध करें। पीएफआई ने मुसलमानों से एकजुट होने को कहा है। संगठन ने इसको लेकर पत्र जारी करते गए कहा है कि मुसलमान मस्जिदों और उनके पूजा स्थलों के खिलाफ जारी कार्यवाहियों का विरोध करें।
PFI की ओर से बताया गया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय कार्यकारणी परिषद की 23 और 24 मई को पुत्थनथानी में हुई। इसमें प्रस्ताव पारित करके देश की जनता से अपील की गई कि वह मुसलमानों की मस्जिदों और पूजा स्थलों के खिलाफ जारी कार्यवाहियों का विरोध करें। बैठक में यह भी कहा गया कि ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा शाही ईदगाह मस्जिद के खिलाफ संघ परिवार के संगठनों की हालिया याचिकाएं पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के सरासर खिलाफ हैं। अदालतों को इन्हें मंजूर नहीं करना चाहिए था।
ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने के इस्तेमाल पर प्रतिबंध निराशाजनक
PFI ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने के इस्तेमाल पर प्रतिबंध को बाकी रखना अत्यंत निराशाजनक है। अदालतों ने इस प्रकार के दावों को तथ्यों और सबूतों के अधार पर परखने की जरूरत भी महसूस नहीं की। इससे यह प्रभाव पड़ सकता है कि देश में कोई भी कहीं भी किसी भी पूजा स्थल के बारे में ऐसे दावे कर सकता है।
आपको बताते चले कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई की हर एक्टिविटी में मीटिंग और रैली पर खुफिया एजेंसियों की निगाह रहती है।
कौन है पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का गठन 17 फरवरी 2007 को केरल में किया गया था। इसका मुख्यालय दिल्ली में है। यह संगठन 23 राज्यों में सक्रिय है। केरल और कर्नाटक में काफी सक्रिय है। पीएफआई की भूमिका अक्सर विवादों में रही है।