प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्र ने आज गुजरात के धोलेरा और लोथल में प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का मूल्यांकन करते हुए स्थल निरीक्षण और उच्च स्तरीय समीक्षा बैठकें कीं। ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के औद्योगिक और आर्थिक विकास की परिकल्पना के अनुरूप हैं।
डॉ. मिश्र ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा कार्यान्वित निर्माणाधीन अहमदाबाद-धोलेरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का दौरा किया। उन्होंने अहमदाबाद और धोलेरा के बीच यात्रा के समय को 45 मिनट तक कम करने की एक्सप्रेसवे की क्षमता पर प्रकाश डाला और वैश्विक-गुणवत्ता वाले सड़क मानकों के साथ समय पर निष्पादन पर बल दिया।
डॉ. मिश्र ने धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (डीएसआईआर) में धोलेरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की प्रगति का आकलन किया। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि कार्गो संचालन अक्टूबर 2025 तक शुरू हो जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को समयसीमा का पालन करने और एक्सप्रेसवे के साथ निर्बाध संपर्क सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
डॉ. मिश्र ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन (फैब) परियोजना का निरीक्षण किया। यह परियोजना घरेलू चिप निर्माण में एक प्रमुख पहल है। उन्होंने मोबाइल उपकरणों, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोटिव अनुप्रयोगों के लिए चिप्स सहित इसके उत्पादन दायरे की समीक्षा की। उन्होंने धोलेरा इंडस्ट्रियल सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड (डीआईसीडीएल) द्वारा विकसित सामाजिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं-स्कूल, अस्पताल और आवासीय परिसरों का भी दौरा किया। डॉ. मिश्र ने उपयोगकर्ता अनुभव पर बल देते हुए हितधारक प्रतिक्रिया एकीकरण का आह्वान किया।
डॉ. मिश्र ने डीआईसीडीएल, डीआईएसीएल, एनएचएआई, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और भारतीय रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक व्यापक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे, भीमनाथ-धोलेरा फ्रेट रेल लिंक, अहमदाबाद-धोलेरा सेमी-हाई-स्पीड रेल लाइन, धोलेरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे सहित प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा की। श्री मिश्र ने धोलेरा के एक वैश्विक मानक स्मार्ट औद्योगिक शहर के रूप में विकास के लिए गुजरात सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने समय पर परियोजना पूरी होने, कुशल कार्यबल की उपलब्धता और मजबूत योजना के महत्व पर बल दिया।
डॉ. मिश्र ने पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत एक प्रमुख पहल राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) का निरीक्षण किया। उन्होंने श्री टी. रामचंद्रन, सचिव, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय और मंत्रालय के अन्य अधिकारियों, गुजरात समुद्री बोर्ड, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरणऔर भारतीय रेलवे के अधिकारियों साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। श्री मिश्र ने इस बात पर बल दिया कि एनएमएचसी को भारत के समुद्री अतीत के प्रति एक विद्वत्तापूर्ण श्रद्धांजलि के रूप में कार्य करना चाहिए। उन्होंने गहन शोध, शैक्षिक सहयोग और एक सुविचारित योजनाबद्ध आगंतुक अनुभव के महत्व पर बल दिया।
श्री मिश्र ने स्थानीय प्रजातियों के वृक्षारोपण और जल प्रबंधन प्रणालियों सहित पर्यावरण स्थिरता उपायों की भी समीक्षा की। उन्होंने एनएमएचसी के अद्वितीय पैमाने और महत्व पर प्रकाश डाला तथा हड़प्पा सभ्यता से लेकर अब तक भारत की समुद्री विरासत का उल्लेख करने वाली कलाकृतियों को संरक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. मिश्र ने छह दीर्घाओं सहित चरण एआई निर्माण का भी निरीक्षण किया और अगस्त 2025 तक इसे पूरा करने का निर्देश दिया।
डॉ. मिश्र के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी श्री तरुण कपूर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और प्रधानमंत्री कार्यालय के उप सचिव श्री मंगेश घिल्डियाल भी उपस्थित थे।प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ.