उदयपुर,26 नवम्बर 2022 : राजस्थान के राजसमंद जिले के देवगढ़ के हीरा की बस्सी में मंदिर व भूमि विवाद को लेकर आगजनी का शिकार हुए पुजारी नवरत्नलाल प्रजापत की उदयपुर के एमबी चिकित्सालय में मौत हो गई है।
आरएनटी मेडिकल कॉलेज में उनका उपचार 6 चिकित्सकों की मेडिकल टीम कर रही थी। 70 वर्षीय नवरत्नलाल के करीब 80 फीसदी झुलस गए थे और उन्हें पहले से मधुमेह की बीमारी के अलावा बायपास सर्जरी भी की चुकी थी। उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने के बाद ऑक्सीजन लेवल ड्रॉप होने पर आईसीयू में भर्ती किया गया था। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद उनकी हालत खराब होती चली गई और आज उनका देहांत हो गया।
पीड़ित द्वारा तहसीलदार को शिकायत के बारे में करवाया गया था पहले ही अवगत
तीन दिन पूर्व एसपी सुधीर चौधरी ने आईजी उदयपुर रेंज के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए देवगढ़ थानाधिकारी और कामलीघाट चौकी प्रभारी को सस्पेंड किया था। इस मामले में राजसमंद कलेक्टर नीलाभ सक्सेना ने एक्शन लेते हुए देवगढ़ तहसीलदार के खिलाफ आरोप पत्र तैयार किया । आरोप पत्र में स्पष्ट लिखा गया है कि पीड़ित द्वारा तहसीलदार को शिकायत के बारे में बताया गया था लेकिन तहसीलदार ने इस पर ध्यान नहीं दिया।यदि समय पर तहसीलदार ध्यान देते तो यह घटना घटित नहीं होती।
आपको बता दें कि देवगढ़ की हीरा की में 20-11-2022 को आगजनी कर पुजारी नवरत्न लाल और जमना देवी पर आक्रमण कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। जिसकी पूर्व सूचना की जानकारी तहसीलदार, देवगढ को प्राप्त थी। उक्त संवेदनशील प्रकरण को तहसीलदार द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया। समय रहते तहसीलदार द्वारा त्वरित कार्रवाई की जाती तो यह घटना कारित नहीं होती।
उक्त प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर राजसमन्द नीलाभ सक्सेना द्वारा तहसीलदार, देवगढ के विरूद्ध विरचित आरोप पत्र तैयार कर राजस्थान सिविल सेवायें आचरण नियम 1971 के नियम 24 के उल्लंघन के संदर्भ में 16 सीसीए के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई और निबंधक राजस्व मंडल, अजमेर को प्रकरण अनुमोदन हेतु प्रेषित किया गया है।