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Current News / राष्ट्रीय पंचाग पर दो दिवसीय सम्मेलन और प्रदर्शनी को बढ़ावा देने तथा लोकप्रिय बनाने के लिए पूर्वावलोकन कार्यक्रम आज गुवाहाटी में

clean-udaipur राष्ट्रीय पंचाग पर दो दिवसीय सम्मेलन और प्रदर्शनी को बढ़ावा देने तथा लोकप्रिय बनाने के लिए पूर्वावलोकन कार्यक्रम आज गुवाहाटी में
DINESH BHATT April 07, 2022 09:26 AM IST

आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर परभारत के राष्ट्रीय पंचाग (कैलेंडरपर दो दिवसीय एक सम्मेलन और प्रदर्शनी 22-23 अप्रैल, 2022 (वैशाख और 3, 1944) को उज्जैन तथा डोंगलामध्य प्रदेश (कर्क रेखा पर एक जगहनिर्धारित की गई है।

संस्कृति मंत्रालयविज्ञान और प्रौद्योगिकी विभागपृथ्वी विज्ञान मंत्रालयवैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषदमध्य प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद तथा कई अन्य वैज्ञानिक संगठन जैसे आईयूसीएएआईआईएविक्रम विश्वविद्यालय उज्जैनआईआईटी इंदौर और विज्ञान भारतीराष्ट्रीय दिनदर्शिका प्रचार मंच जैसे सामाजिक वैज्ञानिक संगठन सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं।

सम्मेलन को बढ़ावा देने और लोकप्रिय बनाने के लिए अनेक पूर्वावलोकन कार्यक्रमों में से एक का आयोजन आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानगुवाहाटीअसम में किया गया।

असम सरकार में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकीसूचना और प्रौद्योगिकी विभाग में मंत्री श्री केशब महंत इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। विज्ञान भारती के राष्ट्रीय आयोजन सचिव श्री जयंत सहस्रबुद्धे ने उद्घाटन भाषण दिया। आईआईटीगुवाहाटी के निदेशक प्रोटी.जी. सीताराम ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। प्रदूषण नियंत्रण बोर्डअसम के अध्यक्ष डॉ. अरूप कुमार मिश्रा तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उन्नत अध्ययन संस्थानगुवाहाटी के निदेशक डॉ. आशीष कुमार मुखर्जी कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि थे। वैज्ञानिक 'एफ', विज्ञान प्रसार डॉ. अरविंद सी.रानाडेराष्ट्रीय दिनदर्शिका प्रसार मंचऔरंगाबादमहाराष्ट्र के श्री राहुल औसेकरपूर्वोत्‍तर साइंस मूवमेंट आंदोलनअसम (वीआईबीएचए चैप्‍टरके अध्यक्ष डॉपरिमल चंद्र भट्टाचार्जीसीआईकेएसभारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानगुवाहाटी के डॉ.यू.एस. दीक्षित भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

'भारतीय राष्ट्रीय पंचाग', भारत की पहचान की एक वैज्ञानिक अभिव्यक्ति है और इसे 1957 में हमारी संसद द्वारा संवैधानिक रूप से अपनाया गया था। यह स्वतंत्रता प्राप्त करने के तुरंत बाद हमारी पहचान को बहाल करने का एक स्पष्ट संकेत था। हालांकिअफसोस की बात है कि इसकी तरफ लोगों का विशेष ध्यान नहीं गया।

इस आयोजन में भाग लेने के लिए कोई भी इसकी वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। चयनित प्रतिभागियों को उज्जैन में होने वाले सम्मेलन में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा। उसी से संबंधित एक एक्सपोव्याख्यानपैनल चर्चा और अवलोकन सत्र इस सम्मेलन का हिस्सा होंगे। कार्यक्रम को विज्ञान भारती सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के आधिकारिक हैंडल पर भी लाइवस्ट्रीम किया गया था

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