रेल यात्रा पूरे देश मे किसी भी स्थान तक पहुँचने का सबसे प्रमुख औऱ महत्वपूर्ण माध्यम है। देश के कोने-कोने तक सुरक्षित और लंबी दूरी की यात्रा के लिये आम भारतीय रेल के सफर को ही प्राथमिकता देता है।
आजकल रेल यात्रा की आरक्षित श्रेणी के डिब्बों में यात्रा करना भी आर्थिक दृष्टि से पहुँच में होने और यात्रा की अवधि लंबी होने से खासतौर पर मध्यम वर्ग की पहली पसंद हो गया है । ट्रेन के AC 2 टियर व 3 टियर की यात्रा में कई बार नियमों की जानकारी न होने से यात्रियों को बडी परेशानी का सामना करना पड़ता है। AC 2 टियर में लोअर बर्थ और AC 3 टियर मे लोअर व मिडल बर्थ आवंटित होने वाले यात्री कभी कभी दिन के समय भी बर्थ का उपयोग शयन हेतु करने लग जाते है, जो अन्य यात्रियों के लिये असुविधा का कारण बनता है औऱ कभी कभी लड़ाई झगड़े की नोबत भी यात्रियों के मध्य आ जाती है। जिसके कारण यात्रा तकलीफदेय हो जाती है।
चूंकि रेल के अंदर कही पर भी सीटिंग और स्लीपिंग टाइम / शयन और बैठने की अवधि नही लिखी होती तो समस्या का समाधान नही मिल पाता। TT भी ज्यादातर आपस मे ही समझौता कर यात्रा करने पर जोर देते है।
ऐसा ही एक वाक्या AC 2 क्लास में सफर के दौरान RTI एक्टिविस्ट जयवंत भेरविया को अनुभव हुआ जिसके बाद उन्होंने रेलवे के मंडल कार्यालय अजमेर मे ऑनलाइन RTI लगाकर निम्न सूचना माँगी
(1) ट्रैन के अंदर AC द्वितीय श्रेणी में यात्री को विंडो सीट आवंटित होने पर वह लोअर बर्थ को शयन हेतु किस समयांतराल में कितनी अवधि के लिये उपयोग कर सकता है, सूचना प्रदान करें
(2) ट्रैन के अंदर AC तृतीय श्रेणी में यात्री को विंडो सीट आवंटित होने पर वह लोअर बर्थ को शयन हेतु किस समयांतराल में कितनी अवधि के लिये उपयोग कर सकता है, सूचना प्रदान करें
(3) ट्रैन के अंदर AC तृतीय श्रेणी में यात्री को मिडिल सीट आवंटित होने पर वह मिडिल बर्थ को शयन हेतु किस समयांतराल में कितनी अवधि के लिये उपयोग कर सकता है, सूचना प्रदान करें
रेलवे ने दिया ये जवाब
ट्रेन के अंदर सेकंड AC / द्वितीय श्रेणी में विंडो सीट आवंटित होने तथा AC तृतीय श्रेणी में विंडो सीट आवंटित होने पर वह लोअर बर्थ अथवा मिडल बर्थ को रात्रि काल मे 9 बजे से सुबह 6 बजे तक शयन हेतु उपयोग मे ले सकता है ।
यह जानकारी महत्वपूर्ण है जो रेल यात्रा करने वाले यात्रियों को असुविधा से बचने के लिए जरूरी है।
इसके अलावा रेलवे ने नए नियम और गाइडलाइंस भी जारी की है
रेलवे के नए नियमों के मुताबिक अब आपकी सीट, डिब्बे या कोच में कोई भी यात्री तेज आवाज में मोबाइल पर बात नहीं कर सकता है और न ही तेज आवाज में गाने सुन सकता है। यात्रियों की नींद में खलल न पड़े और वे सफर के दौरान चैन की नींद सो सकें, इसके लिए रेलवे ने नई गाइडलाइन जारी की है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई यात्री अक्सर शिकायत करते हैं कि उनके कोच में एक साथ यात्रा करने वाले लोग देर रात तक फोन पर जोर-जोर से बात करते हैं या गाने सुनते हैं। कुछ यात्रियों की यह भी शिकायत थी कि रेलवे एस्कॉर्ट या मेंटेनेंस स्टाफ भी जोर-जोर से बात करता है। इसके अलावा कई यात्री रात 10 बजे के बाद भी लाइट जला कर रखते हैं,जिससे उनकी नींद में खलल पड़ता है। इसी को देखते हुए रेलवे ने नया नियम बनाया है। ऐसे में अगर कोई यात्री नियमों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जानिए क्या हैं नए नियम
रेलवे बोर्ड ने फैसला किया है कि ट्रेन में सफर के दौरान रात 10 बजे के बाद अगर आप तेजी से मोबाइल पर बात कर रहे हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नए नियमों के मुताबिक यात्री रात की यात्रा के दौरान न तो तेज आवाज में बात कर सकते हैं और न ही संगीत सुन सकते हैं। अगर कोई यात्री शिकायत करता है तो उसे दूर करने की जिम्मेदारी ट्रेन में मौजूद स्टाफ की होगी।