ऑपरेशन सिंदूर: देर रात भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई,लिया पहलगाम हमले का बदला
नई दिल्ली, 7 मई 2025: भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया है। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले का जवाब है, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी। भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक और लक्षित हवाई हमले किए, जिससे आतंकवादियों को करारा जवाब दिया गया।
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य और कार्यान्वयन
'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम पहलगाम हमले में शहीद हुए लोगों के सम्मान में रखा गया, जिसे आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक माना जा रहा है। इस ऑपरेशन में भारतीय वायु सेना, सेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया। 7 मई की रात करीब 1:44 बजे, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के बहावलपुर, कोटली, मुजफ्फराबाद सहित नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइलों और हवाई हमलों के जरिए हमला किया। सूत्रों के अनुसार, इन ठिकानों में लश्कर-ए-तैयबा का मुरिदके स्थित मुख्यालय और जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर का मदरसा शामिल था। ऑपरेशन में कम से कम 12 आतंकवादी मारे गए और 55 अन्य घायल हुए।
रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि इस ऑपरेशन का उद्देश्य केवल आतंकी ढांचे को नष्ट करना था, न कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष को बढ़ाना। हमलों के दौरान पाकिस्तानी सैन्य सुविधाओं को जानबूझकर निशाना नहीं बनाया गया, ताकि कार्रवाई का मकसद स्पष्ट रहे।
पहलगाम हमले का बदला
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बायसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था, और सरकार ने वादा किया था कि दोषियों को सजा दी जाएगी। ऑपरेशन सिंदूर उसी वादे को पूरा करने की दिशा में एक कदम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऑपरेशन पर पूरी रात नजर रखी, जबकि रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने इसे संचालित करने में अहम भूमिका निभाई। डोभाल ने हमलों के बाद अमेरिकी NSA और विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात कर ऑपरेशन की जानकारी साझा की।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और क्षेत्रीय प्रभाव
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया। पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को 48 घंटे के लिए बंद कर दिया और बहावलपुर के अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया। पंजाब प्रांत में शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया गया। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने दावा किया कि भारत ने उनके हवाई क्षेत्र से मिसाइलें दागीं, लेकिन भारतीय सेना ने स्पष्ट किया कि सभी हमले भारतीय सीमा से किए गए।
पाकिस्तान के पुंछ और राजौरी सेक्टरों में सीजफायर उल्लंघन की खबरें भी आईं, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में एक पाकिस्तानी JF-17 फाइटर जेट के गिरने की खबर है, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
भारत की तैयारियां और मॉक ड्रिल
ऑपरेशन सिंदूर से कुछ घंटे पहले भारत ने देशभर में मॉक ड्रिल की योजना बनाई थी, जिसमें 'जंग वाला सायरन' बजाया जाना था। यह 1971 के बाद पहली बार था जब सरकार ने इस तरह की व्यापक तैयारी का आदेश दिया। भारत-पाकिस्तान सीमा पर वायु रक्षा इकाइयों को सक्रिय कर दिया गया, ताकि किसी भी जवाबी कार्रवाई से निपटा जा सके।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि वे इस घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं, लेकिन अभी कोई अंतिम नतीजा नहीं निकाला गया है। भारत ने ऑपरेशन की जानकारी कुछ अन्य मित्र देशों को भी दी है।
सोशल मीडिया पर चर्चा
ऑपरेशन सिंदूर ने सोशल मीडिया, खासकर X पर, व्यापक चर्चा छेड़ दी है। कई यूजर्स ने इसे आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई बताया, जबकि कुछ ने इसे शांति के लिए खतरा माना। एक यूजर ने लिखा, "ये बदला नहीं, संदेश है। भारत अब सहन नहीं करेगा। #ऑपरेशन_सिंदूर"।
आगे की राह
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की विस्तृत जानकारी जल्द साझा की जाएगी। सरकार ने स्पष्ट किया कि भारत शांति चाहता है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति में कोई ढील नहीं होगी। साथ ही, पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा भी की गई है, जो भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक नया मोड़ ला सकती है।
'ऑपरेशन सिंदूर' न केवल भारत की सैन्य ताकत का प्रदर्शन है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि देश अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ भारत के संकल्प को और मजबूत करती है।