उदयपुर में अमित शाह के आरोपों का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर जवाब दिया।
इसके जवाब में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने ट्वीट कर लिखा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी, विगत वर्ष 2022 में उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों को 1 वर्ष बाद भी सजा नहीं मिलने के जिम्मेदार सिर्फ आप है। एनआईए ने 22 दिसंबर 2022 को ही सेशन न्यायालय उदयपुर में चार्जशीट पेश कर दी थी। सीआरपीसी की धारा 9 के अनुसार राज्य का यह दायित्व है कि वह आपराधिक मामलों की सुनवाई एवं निपटारे के लिए राज्य में सेशन कोर्ट की स्थापना करेगी। इसी के तहत आपने फास्ट ट्रेक कोर्ट स्थापित कर इस मामले को त्वरित गति से ट्रायल करने का आश्वासन दिया था। दुर्भाग्य है कि चालान पेश होने के 6 माह पश्चात् भी राज्य सरकार द्वारा फास्ट ट्रेक कोर्ट का गठन नहीं किया गया है जो इस बात का प्रमाण है कि आप जयपुर बम ब्लास्ट केस की भांति ही कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों को सजा दिलाने में बिल्कुल भी गंभीर व संवेदनशील नहीं है। इससे बड़े शर्म की बात क्या होगी? संविधान के अनुच्छेद 246 के अंतर्गत गठित सातवीं अनुसूची की सूची 2 (राज्य सूची) की एंट्री 1 व 2 में स्पष्ट रूप से वर्णित किया है कि राज्य में कानून व्यवस्था को बनाने का दायित्व राज्य सरकार का है। लेकिन राज्य सरकार इस संवैधानिक दायित्व को निभाने में भी असफल ही साबित हुई है। कोटा में पीएफआई जैसे प्रतिबंधित संगठन को हिजाब रैली की अनुमति देने वाले, छबड़ा हिंसा के मुख्य आरोपी आसिफ हसाडी को मुख्यमंत्री निवास पर इफ्तार पार्टी में आमंत्रित करने वाले और जयपुर बम ब्लास्ट में लचर पैरवाई करने के जिम्मेदार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी, आप कुछ भी अनर्गल टिप्प्णी करके अपनी सरकार की विफलता और लचर कानून व्यवस्था पर पर्दा नहीं डाल सकते हैं।कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों को पकड़वाने में दो युवक शक्ति सिंह और प्रहलाद की भी सक्रिय भूमिका रही। आपने दोनों को सुरक्षा देने का भरोसा दिलाया था। लेकिन आज तक इन्हें किसी प्रकार की सुरक्षा या संबल नहीं दिया गया। आज दोनों युवा दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।
मुख्यमंत्री @ashokgehlot51 जी, विगत वर्ष 2022 में उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों को 1 वर्ष बाद भी सजा नहीं मिलने के जिम्मेदार सिर्फ आप है। एनआईए ने 22 दिसंबर 2022 को ही सेशन न्यायालय उदयपुर में चार्जशीट पेश कर दी थी। सीआरपीसी की धारा 9 के अनुसार राज्य का यह… https://t.co/cZ5QhDQOkE
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) June 30, 2023
इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राजस्थान के उदयपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि गहलोत सरकार तो कन्हैयालाल के हत्यारों को पकड़ना भी नहीं चाहती थी, उन्हें NIA ने पकड़ा। अमित शाह ने उदयपुर में राजस्थान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान सरकार ने कन्हैया के हत्यारों के लिए स्पेशल कोर्ट में सुनवाई नहीं करवाई। गृह मंत्री अमित शाह बोले- उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड पर भी गहलोत राजनीति कर रहे हैं। गहलोत हत्यारों को तो पकड़ना भी नहीं चाहते थे, एनआईए ने पकड़ा और गहलोत झूठ बोलते हैं कि कार्रवाई नहीं हुई। मैं डंके की चोट के साथ कहता हूं कि स्पेशल कोर्ट में सुनवाई की होती तो हत्यारे फांसी पर लटक चुके होते। यही नहीं, जयपुर ब्लास्ट के आरोपियों की सुनवाई के लिए गहलोत सरकार के एडवोकेट जनरल के पास समय नहीं है।
शाह के बयान पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा कि कन्हैयालाल के हत्यारे रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को राजस्थान पुलिस ने 4 घंटे के अंदर पकड़ लिया था। घटना 28 जून की थी, जबकि एनआईए को इस मामले की जांच 2 जुलाई को सौंपी गई थी। गहलोत ने ट्वीट कर NIA को जांच सौंपने का ऑर्डर भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।अमित शाह के भाषण के जवाब में गहलोत ने ट्वीट कर लिखा- "यह उम्मीद की जाती है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर राजनीति नहीं करेंगे, लेकिन आज उदयपुर में गृहमंत्री अमित शाह ने जो किया वह एक गैर जिम्मेदाराना कार्य है।
गहलोत ने कहा कि ये दोनों हत्यारे भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे। उन्हें ये जांच करवानी चाहिए कि इन दोनों के मददगार कौन भाजपा नेता थे जो इनके लिए पुलिस थानों में फोन करते थे। एक ओपन एंड शट केस में चार्जशीट फाइल होने में भी इतना अधिक समय क्यों लगा और इन्हें अब तक सजा क्यों नहीं हुई?