जयपुर, 25 अगस्त। सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीमती मंजू राजपाल ने कहा कि सहकारी संस्थाएं उनसे की जाने वाली अपेक्षा के अनुरूप पारदर्शी तरीके से कार्य कर सदस्यों और किसानों का हित सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्तर पर सामने आने वाले गैप्स समितियों की रैंकिंग और परफॉर्मेंस पर असर डालते हैं, ऐसे में निर्धारित मापदण्डों एवं दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य कर रैंकिंग पैरामीटर्स पर खरा उतरने का प्रयास किया जाए।
श्रीमती राजपाल सोमवार को नेहरू सहकार भवन में राज्य के सभी पैक्स एवं केवीएसएस हेतु आयोजित एक दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रही थीं। यह कार्यशाला राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लि. (एसीईएल), राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लि. (एनसीओएल) एवं भारतीय बीज सहकारी समिति लि. (बीबीएसएसएल) की सदस्यता, एनसीडी पोर्टल पर सोसायटियों के विवरण अपडेशन, रैंकिंग फ्रेमवर्क तथा पुरस्कार मानदण्डों के संबंध में आयोजित की गई। श्रीमती राजपाल ने कहा कि राज्य की सहकारी समितियों ने बड़े स्तर पर बीबीएसएसएल की सदस्यता लेकर अच्छी भागीदारी निभाई है। जबकि, एनसीईएल और एनसीओएल की सदस्यता में भी विगत दिनों में वृद्धि हुई है, जिसे निरन्तर बनाये रखने की आवश्यकता है।
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर गठित इन बहुराज्यीय सहकारी समितियों की सदस्यता राज्य की सहकारी समितियों के लिए महत्वपूर्ण है। यह एक प्रकार का निवेश है जिसके आगामी दिनों में बेहतर परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में नोडल एजेंसी के रूप में राजफेड द्वारा तीनों समितियों के साथ एमओयू किया गया है और सदस्यता प्राप्त करने वाली राज्य की कुछ सहकारी समितियों को इसका लाभ भी मिलने लगा है। अन्य समितियों को भी इनका लाभ मिले इसके लिए इनकी सदस्यता लिया जाना जरूरी है।
श्रीमती राजपाल ने कहा कि सहकारी समितियों को प्रभावी भूमिका निभाने के लिए पारदर्शिता से कार्य किया जाना जरूरी है। जिन पैक्स में प्रथम एवं द्वितीय चरण के अंतर्गत कम्प्यूटराइजेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है प्रविष्टियां ऑनलाइन होनी चाहिए। साथ ही, इन समितियों की ऑनलाइन ऑडिट भी अनिवार्य है। इस कार्य में सहयोग नहीं करने वाली पैक्स विभिन्न गतिविधियों में अपनी भूमिका नहीं निभा पाएगी तथा उनके विरूद्ध अवसायन जैसी कार्यवाही भी संभावित है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर से संचालित की जा रही समस्त गतिविधियों में हम भागीदार बनें। एनसीडी पोर्टल पर डेटा को निरन्तर अपडेट किया जाए, जिससे पोर्टल पर प्रदर्शित राज्य की रैंकिंग में सुधार हो।
राष्ट्रीय स्तर पर गठित तीनों बहुराज्यीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा इस दौरान अपना प्रस्तुतीकरण दिया गया। एनसीओएल के श्री विनीत कुमार ने बताया कि किसान कल्याण एवं नागरिकों को ऑर्गेनिक उत्पाद उचित दाम पर उपलब्ध करवाने के लिए समिति का गठन किया गया है। इसकी सदस्य बनने वाली समितियों के माध्यम से ऑर्गेनिक उत्पादों की खरीद कर किसानों को प्रीमियम प्राइस दिया जा रहा है। इससे किसानों को बिचौलियों से मुक्ति मिल रही है। लाभ का एक हिस्सा सहकारी समितियों को मिलेगा। भारत ऑर्गेनिक्स ब्राण्ड नाम से उत्पाद विक्रय किये जा रहे हैं, जो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी उपलब्ध हैं। राजस्थान में शीघ्र ही मूंग दाल की खरीद शुरू किया जाना प्रस्तावित है। बीबीएसएसएल के श्री जे.पी. सिंह ने बताया कि समिति द्वारा दलहन-तिलहन के क्षेत्र में विशेष रूप से कार्य किया जा रहा है, जिसमें राजस्थान बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष समिति द्वारा 270 करोड़ रुपये से अधिक के व्यवसाय का लक्ष्य है, जिसमें राजस्थान से 60 करोड़ रुपये का व्यवसाय संभावित है।
एनसीईएल की प्रतिनिधि आरूषि नायक ने बताया कि भारत के सहकारी निर्यात क्षेत्र को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए समिति का गठन किया गया है। उत्पादकों को अच्छा दाम मिले और किसानों की समृद्धि हो, इस दिशा में समिति द्वारा कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रक्रियागत परेशानियों से बचने के लिए समितियों द्वारा एनसीईएल के माध्यम से उत्पादों का निर्यात किया जा सकता है। समितियों के प्रतिनिधियों ने अपने प्रस्तुतीकरण में सदस्य बनने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया तथा लोगों के प्रश्नों के जवाब भी दिए।
एक अन्य प्रस्तुतीकरण में सहायक निदेशक (सांख्यिकी) वर्षा मीणा ने राष्ट्रीय सहकारी डेटा बेस में पैक्स की रैंकिंग के विषय में विस्तार से बताया। उन्होंने रैंकिंग मापदण्डों तथा अपडेशन की प्रक्रिया की जानकारी देते हुए कहा कि 5 घटकों के आधार पर 100 अंक में से प्राप्तांकों के अनुसार रैंकिंग निर्धारित होती है। अत: सभी कॉलम्स में जानकारियां आवश्यक रूप से भरी जाए। ‘सहकार से समृद्धि’ के कंसल्टेंट श्री आर.एस. जोधा ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के अंतर्गत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली समितियों को राज्य स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय तथा 15 प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। एनसीडी पोर्टल पर अपलोड डेटा के आधार पर समितियों का मूल्यांकन किया जाएगा।
इस अवसर पर अतिरिक्त रजिस्ट्रार (मा.सं.वि.) तथा सहकार से समृद्धि से मुख्य नोडल अधिकारी श्री भोमा राम एवं अतिरिक्त रजिस्ट्रार (द्वितीय) तथा अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के नोडल अधिकारी श्री संदीप खण्डेलवाल उपस्थित रहे। जबकि, समस्त अतिरिक्त रजिस्ट्रार (खण्ड), जिला उप रजिस्ट्रार, केन्द्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक एवं अधिशाषी अधिकारी, केवीएसएस के प्रबंधक एवं पैक्स के व्यवस्थापक वीसी के माध्यम से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।