किस आधार पर गौरव वल्लभ जी को राजस्थान विधानसभा चुनाव में उदयपुर से प्रत्याशी बनाया गया? जमशेदपुर से शर्मनाक हार के बावजूद उदयपुर से टिकट मिला, डूंगरपुर क्रिकेट संघ के अध्यक्ष भी बना दिए गए-लोकेश शर्मा
गहलोत सरकार के विश्वास पात्र रहे ओ एस डी लोकेश शर्मा ने पूर्व कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ को विधानसभा चुनावों में उदयपुर से टिकट दिए जाने पर गहलोत की ओर इशारों ही इशारों में कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (X) पर ट्वीट करते हुए लोकेश शर्मा ने कहा कि-
झारखंड चुनाव में जमशेदपुर सीट से तीसरे नंबर पर रहने और जमानत जब्त होने के बावजूद किस आधार पर गौरव वल्लभ जी को राजस्थान विधानसभा चुनाव में उदयपुर से प्रत्याशी बनाया गया?? जहां BJP प्रत्याशी के हाथों 32000 से ज्यादा वोटों से करारी शिकस्त कांग्रेस को मिली...
एक पैराशूट प्रत्याशी के लिए किसने पैरवी की, किस नेता या सर्वे के मुताबिक वे जिताऊ माने गए और टिकट मिला ये सामने आना चाहिए... क्या ऐसे प्रत्याशी किसी सीट पर टिकट लेने के बाद 5 साल वहां पार्टी की मजबूती के लिए क्षेत्र में बने रहते हैं..?? क्या इस तरह टिकट मिलने से पार्टी के लिए आगे मेहनत करने वालों का मनोबल कम नहीं होता..??
विधानसभा चुनाव में सीटवार हुए गलत फ़ैसलों की समीक्षा की गयी होती और ज़िम्मेदारी तय की जाती तो यह भविष्य में पार्टी की मजबूती के लिए बेहतर होता लेकिन इसके उलट 'वोट प्रतिशत बढ़ा है' जैसी तसल्लियां देकर और 'हार की चिंता से बढ़कर देश की चिंता' होने जैसे बयानों के साथ हार पर पर्दा डालते हुए ज़रूरी सुधार की गुंजाईश को ख़त्म किया जा रहा है। 'हार-जीत होती रहती है' सरीखे बयानों से जीत की ललक नहीं दिखती बल्कि हार के प्रति सहजता बनाने की कोशिशें की जाती हैं...
कांग्रेस पार्टी को दिशाहीन करार देकर खुद को असहज महसूस करते हुए किनारा करने वाले व्यक्ति को अवसर मिलने में कोई कमी नहीं रही, जमशेदपुर से शर्मनाक हार के बावजूद उदयपुर से टिकट मिला, डूंगरपुर क्रिकेट संघ के अध्यक्ष भी बना दिए गए...
एक तरफ बदलाव में अवरोध बनने के लिए पूरी जादूगरी लगा दी जाती है तो दूसरी तरफ मनमानी के लिए सारे क्राइटेरिया ताक पर रख दिए जाते हैं लेकिन जिम्मेदारी तय न होने के अभाव में खामियाज़ा अंततः पार्टी को ही भुगतना पड़ा है...